Lok Sabha Election 2024: चुनाव में कहीं विरासत बचाने की तो कहीं संभालने की चुनौती, ये सीटें तय करेंगी नेताओं के बेटे-बेटियों की किस्मत

Dynastic Politics in India : पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक अपने बेटे-बेटियों को जीताने के लिए दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बेटे-बेटियों को टिकट देने में सभी पार्टियां आगे हैं। यहां हम उन नेताओं के बारे में बताएंगे जिनके ऊपर पिता की विरासत संभालने और उसे बचाने की चुनौती है।

Lok Sabha Election 2024

चुनाव में नेताओं के बेटे-बेटियों की प्रतिष्ठा दांव पर।

Dynastic Politics in India : देश की राजनीति पर परिवारवाद कितना हावी है, यह चुनावों के समय दिख जाता है। नेता अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों के लिए लामबंदी कर टिकट दिलाते हैं। राजनीति में कई परिवार ऐसे हैं जो पार्टियां तक चलाते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में भी बड़ी संख्या में नेताओं की संतानों को टिकट मिला है। इन संतानों की राजनीतिक किस्मत पर जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। इनकी किस्मत इवीएम में कैद है। पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक अपने बेटे-बेटियों को जीताने के लिए दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बेटे-बेटियों को टिकट देने में सभी पार्टियां आगे हैं। यहां हम उन नेताओं के बारे में बताएंगे जिनके ऊपर पिता की विरासत संभालने और उसे बचाने की चुनौती है।

कैसरगंज-करण भूषण सिंह

करण भूषण सिंह विश्व कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के बेटे हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न मामले की गंभीरता और इसके सियासी नुकसान का आंकलन करते हुए भाजपा ने इस बार बृज भूषण को टिकट नहीं दिया। इनकी जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर करण का मुकाबला समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भगत राम मिश्रा से है।

छिंदवाड़ा-नकुलनाथ

छिंदवाड़ा सीट पर नुकलनाथ एक बार फिर उम्मीदवार हैं। नकुलनाथ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के बेटे हैं। इस सीट पर नकुलनाथ का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बंटी साहू से है। नकुलनाथ के सामने इस बार अपनी पारंपरिक सीट को बचाने की चुनौती है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक मात्र इसी सीट पर विजयी हुई थी।

घोसी-अरविंद राजभर

अरविंद राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर के बेटे हैं। चुनाव से ठीक पहले योगी कैबिनेट में शामिल हुए राजभर ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने बेटे के लिए टिकट का जुगाड़ करा दिया। इस सीट पर अरविंद का मुकाबला सपा के राजीव राय और बसपा के बालकृष्ण चौहान से है। इस सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है।

कल्याण-श्रीकांत शिंदे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को कल्याण सीट से टिकट दिया। कल्याण सीट शिवसेना का गढ़ है। कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना (UBT) ने वैशाली दरेकर को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर मुकाबला और सेना बनाम सेना के बीच हो गया है।

संत कबीर नगर-प्रवीण निषाद

प्रवीण निषाद यूपी की संत कबीरनगर सीट से उम्मीदवार हैं। प्रवीण निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं। सपा ने इस सीट पर लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद पर दांव लगाया है। बसपा ने इस सीट पर नदीम अशरफ को उतारा है। इस सीट पर कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है।

जालौर-वैभव गहलोत

वैभव गहलोत राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे हैं। इस बार कांग्रेस के टिकट पर वह जालौर सीट से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर वैभव का सामना भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लुम्बाराम चौधरी से है। वैभव इस बार अपना गृह नगर जोधपुर छोड़कर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार चौधरी जिला परिषद के सदस्य हैं।

झालावाड़-बारां, दुष्यंत सिंह़

दुष्यंत सिंह राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे हैं। वह इस सीट से मौजूदा सांसद भी हैं।17वीं लोकसभा चुनावों में दुष्यंत सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद शर्मा को कुल 4,54,128 वोटों के अंतर से हराया था। वह इस सीट से लगातार चुने जाते रहे हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार उर्मिला जैन भाया से है।

रोहतक-दीपेंद्र हुड्डा

दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे हैं। दीपेंद्र कांग्रेस के टिकट पर रोहतक से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार अरविंद शर्मा से है। रोहतक संसदीय सीट में नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। पिछले चुनाव में अरविंद शर्मा ने दीपेंद्र को हराया था। शर्मा 5,73,845 वोटों से जीते थे।

जोरहाट-गौरव गोगोई

गौरव गोगोई असम के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कांग्रेस नेता तरुण गोगोई के बेटे हैं। गौरव इस बार जोरहाट सीट से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार तपन गोगोई से है। 2019 में इस सीट पर बीजेपी के तपन गोगोई ने जीत दर्ज की थी। तपन ने पिछले चुनाव भी इसी सीट से जीताथा।

सारण-रोहिणी आचार्य

रोहिणी आचार्य बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी हैं। राजद के टिकट पर वह सारण सीट से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी से है। सारण की चुनावी जंग में वैसे तो 14 प्रत्याशी हैं पर मुकाबला भाजपा के राजीव प्रताप रुडी और राजद की डा. रोहिणी आचार्य के बीच है।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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