Chirag Paswan: अपने पत्ते नहीं खोल रहे चिराग, NDA या महागठबंधन किसका घर करेंगे 'रोशन'?
Loksabha Election 2024: चिराग पासवान ने कहा कि 'कई सरकार आईं और गईं, कई गठबंधन बने और टूटे, मगर आज भी बिहार की समस्या वहीं की वहीं है। आज भी बिहार के लोग शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं।'
पटना में मीडिया से बातचीत करते चिराग पासवान।
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है लेकिन लोकजन शक्ति पार्टी (राम विलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के मन में क्या चल रहा है, इसका अंदाजा उनके बयानों से लगाया जा सकता है। रविवार को उन्होंने जो बयान दिया उससे लगता है कि वह सीट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के फॉर्मूला से खुश नहीं हैं। एनडीए के साथ चुनाव लड़ने को लेकर भी उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है। चिराग ने यह कहते हुए कि उनका गठबंधन किसी दल से नहीं बल्कि बिहार की जनता के साथ है, भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। चिराग ने संकेत दिया है कि जो गठबंधन उन्हें बेहतर ऑफर देगा, चुनाव में वह उसके साथ जा सकते हैं।
बिहार की समस्या जस की तस है- चिराग
चिराग पासवान ने कहा कि 'कई सरकार आईं और गईं, कई गठबंधन बने और टूटे, मगर आज भी बिहार की समस्या वहीं की वहीं है। आज भी बिहार के लोग शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। आज भी यहां छोटी-छोटी जरूरतें मूलभूत समस्याएं बनी हुई हैं। हर पार्टी मुझे अपनी तरफ देखना चाहती है।' चिराग का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ दिनों पहले ऐसी रिपोर्टों आईं कि महागठबंधन की ओर से उन्हें बड़ा ऑफर दिया गया है। चिराग को बिहार में आठ सीटें और दो सीटें यूपी में देने की पेशकश की गई है। हालांकि, इस ऑफर पर चिराग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
चाचा पशुपति पारस से है गतिरोध
सीट बंटवारे पर भाजपा अगर पिछले फॉर्मूले को अपनाती है तो सीटों को लेकर चिराग और पशुपति के बीच विवाद हो सकता है। इन दोंनों के बीच अभी समझौता नहीं हुआ है। सीटों के इस विवाद एवं मनमुटाव में इंडी ब्लॉक अपने लिए मौका देख रहा है। कांग्रेस और राजद को भी लगता है कि महागठबंधन से नीतीश कुमार के निकलने के बाद उस वोट बैंक की भरपाई चिराग से हो सकती है। बिहार में लोजपा का वोट करीब 5.5 प्रतिशत है। 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग ने नीतीश कुमार का भारी विरोध किया और उन पर हमला बोलते रहे। एनडीए में आने के बाद भी चिराग ने नीतीश कुमार को खुले मन से स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि नीतियों के आधार पर वह नीतीश कुमार का विरोध करते रहेंगे।
पिछले चुनाव में लोजपा ने जीतीं 6 सीटें
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा जिनमें से 39 सीटों पर उसे जीत मिली। भाजपा और जद-यू ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा। भाजपा राज्य की सभी 17 सीटों पर विजयी हुई जबकि जद-यू किशनगंज सीट पर पिछड़ गई। यह सीट कांग्रेस के खाते में गई। राम विलास पासवान के नेतृत्व में लोजपा ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा और इन सभी छह सीटों पर जीत दर्ज की। इस चुनाव में लोजपा का वोट प्रतिशत 7.86 था। आरजेडी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन किसी भी सीट उसकी जीत नहीं हुई। कांग्रेस ने नौ सीटों पर चुनाव लड़ा।
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