चिराग पासवान फिर चुने गए एलजेपी अध्यक्ष, विधानसभा चुनाव को लेकर नहीं खोले पत्ते, क्या पकड़ेंगे अलग रास्ता?

चिराग पासवान ने कहा हमने राज्य इकाइयों से सुझाव लिए हैं कि क्या वे गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते हैं या उन राज्यों में अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं जहां हमारा संगठन मजबूत है। इसे लेकर फैसला होना बाकी है।

चिराग पासवान

मुख्य बातें
  • चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की बैठक में पांच वर्ष के लिए दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुने गए
  • बैठक में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा की गई
  • चिराग ने कहा, झारखंड में पार्टी गठबंधन की अपनी साझेदार भाजपा के साथ या अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है
Chirag Paswan: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की रांची में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को पांच वर्ष के लिए दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुन लिया गया। पासवान ने बताया कि बैठक में यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने यहां अपनी बैठक में मुझे अगले पांच साल के लिए फिर से अध्यक्ष चुना है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि बैठक में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि झारखंड में उनकी पार्टी राष्ट्रीय गठबंधन की अपनी साझेदार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ या अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है।

अकेले या गठबंधन में चुनाव लड़ने पर होगा फैसला

चिराग पासवान ने कहा, हमने राज्य इकाइयों से सुझाव लिए हैं कि क्या वे गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते हैं या उन राज्यों में अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं जहां हमारा संगठन मजबूत है। राष्ट्रीय स्तर पर हमारा भाजपा के साथ गठबंधन है और हम एनडीए के एक मजबूत गठबंधन सहयोगी हैं। उन्होंने कहा, 2014 में हमने झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया था और शिकारीपाड़ा सीट पर चुनाव लड़ा था। अगर सीटों का सम्मानजनक बंटवारा होता है तो हम गठबंधन के साथ जा सकते हैं या फिर अकेले चुनाव लड़ सकते हैं।

झारखंड में हेमंत सोरेन के खिलाफ असंतोष

पासवान ने यह भी कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ लोगों में असंतोष बढ़ रहा है और एनडीए का राज्य की सत्ता में वापस आना निश्चित है। झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने देश भर में जाति आधारित जनगणना की भी वकालत की, लेकिन आंकड़ों को सार्वजनिक करने के प्रति आगाह किया क्योंकि इससे समाज में दरार पैदा होगी। चिराग ने कहा, हमने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि हम चाहते हैं कि जाति आधारित जनगणना कराई जाए... इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकार के पास सही आंकड़े हैं। हालांकि, मैं नहीं चाहता कि जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक हों। इससे दरार पैदा हो सकती है।
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