पटना में राजद और कांग्रेस पर जमकर बरसे सीएम मोहन यादव, बोले- भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा है बिहार का नाम

Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रामकृपाल यादव के समर्थन में चुनावी सभी को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राजद और कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर निशाना साधा।

mohan yadav

मनेर में चुनावी सभा।

Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बिहार की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रामकृपाल यादव के समर्थन में मनेर में चुनावी सभा को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि अपने देश के सभी राज्यों की अपनी अपनी पहचान है, एक मात्र राज्य बिहार है, जिसका नाम भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर है। रामकृपाल यादव ने आपसे तीसरी बार सांसद बनने का आर्शीवाद लिया है। लोकतंत्र के समय ने अलग करवट ली है, जिसे पहचानने की जरूरत है। पार्टी की अच्छाई बुराई देखने की जरूरत है।

मोहन यादव ने कांग्रेस पर साधा निशाना

सीएम मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस सहित जितने परिवारवादी लोग हैं, इन्हें जब भी कोई बड़ा पद मिलेगा, तो इनके परिवार के सदस्य को ही मिलेगा। अंग्रेजों ने हमें हमारी जड़ों को काटा है। हमारे स्कूल कॉलेज के पाठ्यक्रम से देवी देवताओं को हटा दिया। लॉर्ड मैकाले ने 1835 में हमें हमारे देवताओं से दूर किया, लेकिन 1947 में आजादी मिलने के बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया जा सकता था, जो कांग्रेस और उनके साथियों ने नहीं किया।

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस में पांच पीढ़ी से प्रधानमंत्री बनते आ रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी सफाई से झूठ बोल रहे हैं कि हमारी सरकार बनी तो खटाखट गरीबी हटा देंगे और उनके बाकी साथी उनका साथ दे रहे हैं। कांग्रेस में सोनिया गांधी ने 2004 से 2014 तक सरकार चलाई। राजीव गांधी ने पांच साल, इंदिरा गांधी ने 17 साल, जवाहर लाल नेहरू ने 18 साल सरकार चलाई है, 55 साल सरकार चली उनसे गरीबी दूर नहीं हुई, यह झूठ के पुलिंदे कहते हैं गरीबी दूर कर देंगे, जनता सब जानती है मूर्ख नहीं बनेगी। कांग्रेस के लोगों ने पांच पीढ़ी तक झूठ बोला है।

सीएम मोहन यादव ने भगवान श्री कृष्ण का दिया उदाहरण

सीएम मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के जीवन में अपार कष्ट थे, महसूस करें कि श्रीकृष्ण ने कैसे अपने जीवन की समस्याओं से जूझते हुए हमारे लिए आदर्श पेश किया। कंस एक बड़ा राजा था और कृष्ण गाय पालने वाले परिवार से थे, लेकिन वे डरे नहीं। भगवान श्री कृष्ण ने कंस को मारने के बाद उग्रसेन महाराज को राज सौंपा। शिक्षा को महत्व देते हुए उज्जैन संदीपनी आश्राम पधारे। जहां उन्होंने 64 कला, 18 पुराण, 14 विद्या और चारों वेद की शिक्षा ली। श्रीकृष्ण ने अपनी शिक्षा के बल पर स्वयं पर संयम और इंद्रियों को वश में रखते हुए महाभारत के भीषण युद्ध के बीच गीता का वाचन किया। गीता दुनिया को कर्मवाक्य का सिद्धांत देती है।

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पहले विदेशी मेहमानों को भेंट में ताजमहल की आकृति दी जाती थी, लेकिन अब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामायण और गीता को दुनियाभर में पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं बहुत भाग्यशाली हूं। 2020 में जब नई शिक्षा नीति आई तब मैंने कहा कि पहले अंग्रेज और बाद में कांग्रेस ने हमारे देवी देवताओं को शिक्षा नीति से हटाया था, लेकिन पीएम मोदी के माध्यम से एक मौका मिला और अपने देवी देवताओं के प्रसंगों को पाठ्यक्रम में शामिल किया।

'पीएम मोदी जवानों और किसानों में नहीं करते भेदभाव'

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत के लोग दुनिया में कहीं जाए और कहे कि मैं राम-कृष्ण की धरती से आया हूं, तो सब समझ जाएंगे कि यह हिंदुस्तान से आए हैं। कांग्रेस और विरोधी पार्टियों ने लगातार साजिश किए हैं। वे दुर्भाग्य से अपने समाज का वोट लेते हैं। हमारा पहला वोट मिला तो देश सुरक्षित हुआ है, किसानों के खाते में 6000 रुपये पहुंच रहे हैं। सेना के जवान और देश के किसान में पीएम मोदी की सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया।

उन्होंने कहा कि हमारे मध्य प्रदेश के स्कूल कॉलेज के पाठ्यक्रम में भगवान राम-कृष्ण के प्रसंगों को हिस्सा बना लिया गया है। अयोध्या में भगवान श्री राम मुस्करा रहे हैं, भगवान महाकाल का महालोक तैयार हो गया है, इन सबका कारण पीएम मोदी ही हैं। कांग्रेस और विरोधी तो इतने छोटे मन के हैं कि अयोध्या जाकर दर्शन करने को तैयार नहीं है। जिन्होंने तीन-तीन, चार-चार साल सरकार चलाई है, वे कभी आपको मथुरा दर्शन के लिए ले गए है?

मोहन यादव ने रामकृपाल के समर्थन में मांगा वोट

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अबकी बार पीएम मोदी को वोट देना है। पीएम मोदी ने द्वारका से भेंट करने के लिए द्वारका तक ब्रिज बना दिया है। अब हम अपने वाहन से दर्शन करने जा सकते हैं। डूबी हुई द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण को मोर पंख अर्पित करके अपने धर्म को सम्मान दिया है। भगवान श्रीकृष्ण, गीता गौमाता से जाने क्यों विरोधियों को नफरत है। इन विषयों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए, जिस पर हमारी संस्कृति गर्व करे, जिसे सनातन संस्कृति कहते हैं। इंडी गठबंधन के लोग सनातन संस्कृति का अपमान करते है और 'सनातन धर्म' की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते है। सनातन के इस अपमान का जवाब हमें इस चुनाव में देना है।

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Devshanker Chovdhary author

देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। टाइम्स नाउ सिटी टीम में वह इंफ्रा...और देखें

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