सिंधिया के खिलाफ MP में कांग्रेस का 'चक्रव्यूह'! हर उस सीट पर जोर;,जहां से खड़े हैं ज्योतिरादित्य के करीबी
Madhya Pradesh Assembly Election: पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी इस चुनाव में सत्ता में जहां वापसी करने पर जोर लगा रही है, वहीं सिंधिया को पटखनी देकर यह भी दिखाना चाह रही है कि उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर और उनकी सरकार गिराकर सही नहीं किया था।
मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस रच रही रणनीति
Madhya Pradesh Assembly Election: मध्य प्रदेश में चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस की सत्ता वापसी के साथ-साथ सिंधिया को भी हराने पर जोर है। हर उस सीट पर कांग्रेस चक्रव्यूह रच रही है, जहां सिंधिया के समर्थक खड़े हैं, जहां से उनके करीबियों को टिकट मिला है। ऐसा लग रहा है जैसे एक के बाद एक सीट पर मजबूत उम्मीदवारों के साथ-साथ हर समीकरण का ध्यान रखा जा रहा है। जहां से सिंधिया के चुनाव लड़ने की संभावना है, वहां कांग्रेस ने पहले ही एक मजबूत उम्मीदवार की घोषणा कर दी है।
सिंधिया के खिलाफ मोर्चा
राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिराए जाने के घटनाक्रम को पार्टी के नेता अब भी नहीं भूल पाए हैं और यही कारण है कि सिंधिया को घेरने के लिए राज्य के नेता सबसे ज्यादा मशक्कत कर रहे हैं। भाजपा ने सात सांसदों सहित तमाम दिग्गजों को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतार रखा है। संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि सिंधिया को पार्टी शिवपुरी से उम्मीदवार बना सकती है, लिहाजा इस इलाके के कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेता और पिछोर से विधायक केपी सिंह को पार्टी ने शिवपुरी से पहले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया है ताकि सिंधिया के रास्ते को रोका जा सके।
सिंधिया को संदेश देने की कोशिश
कांग्रेस अभी तक उस झटके से उबरी नहीं दिख रही है, जो उसे सिंधिया की ओर से मिला था। पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी इस चुनाव में सत्ता में जहां वापसी करने पर जोर लगा रही है, वहीं सिंधिया को पटखनी देकर यह भी दिखाना चाह रही है कि उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर और उनकी सरकार गिराकर सही नहीं किया था।
समर्थकों के खिलाफ भी चक्रव्यूह
एक तरफ जहां कांग्रेस सिंधिया का रास्ता रोकने की कोशिश कर रही है तो वही पार्टी ने सिंधिया समर्थक सांवेर के उम्मीदवार तुलसीराम सिलावट, सुरखी से उम्मीदवार गोविंद सिंह राजपूत की खिलाफ दमदार उम्मीदवार उतार दिए हैं, तो वहीं सिंधिया के अन्य समर्थकों के खिलाफ भी ताकतवर उम्मीदवार उतारे जाने की तैयारी चल रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के निशाने पर सबसे पहले सिंधिया हैं और यही कारण है कि ग्वालियर-चंबल इलाके पर कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं की पहली नजर है। वह इस इलाके में हर हाल में सिंधिया का प्रभाव कम करना चाहते हैं और इसके लिए वे सिंधिया और उनके समर्थकों के खिलाफ मजबूत जन आधार के नेता तलाश रहे हैं। ग्वालियर-चंबल के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी जो सिंधिया समर्थक हैं उनकी राह कठिन बनाने की कोशिश में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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