Manish Tewari Exclusive: पत्रकारों पर बैन और 'गोदी मीडिया' के सवालों पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की सफाई

Manish Tewari Exclusive: चैनल के इस कार्यक्रम में आने पर नाविका कुमार ने उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमारे चैनल का बॉयकॉट किया है लेकिन आप यहां आए। आप साथ बैठे हैं। लोकतंत्र का इससे बेहतर उदाहरण और कोई नहीं हो सकता।

Public manch

पब्लिक मंच कार्यक्रम में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी।

Manish Tewari Exclusive: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने 'गोदी मीडिया' और कांग्रेस द्वारा 14 पत्रकारों पर लगाए गए बैन पर सफाई दी है। चंडीगढ़ से उम्मीदवार तिवारी ने कहा कि बात 'गोदी मीडिया' और पत्रकारों पर बैन का नहीं बल्कि इस पर आत्ममंथन करने की जरूरत है कि यह नाम लोगों के बीच प्रचलित क्यों हुआ? कांग्रेस नेता ने यह बात टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर इन चीफ नाविका कुमार के साथ खास बातचीत में कहीं। चैनल के कार्यक्रम 'पब्लिक मंच' में आए तिवारी ने पूछा कि क्या यह सही है कि मीडिया पूर्वाग्रह से ग्रसित खबरें एवं स्टोरी चलाए?

कार्यक्रम में आने पर नाविका ने धन्यवाद दिया

चैनल के इस कार्यक्रम में आने पर नाविका कुमार ने उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमारे चैनल का बॉयकॉट किया है लेकिन आप यहां आए। आप साथ बैठे हैं। लोकतंत्र का इससे बेहतर उदाहरण और कोई नहीं हो सकता। लोकतंत्र के प्रति इस तरह की आस्था दिखाने के लिए वह आपको धन्यवाद देती हैं।

पत्रकारों पर बैन पर मनीष तिवारी का जवाब

नाविका ने कहा कि कांग्रेस पार्टी समझती है कि कुछ पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाने से लोकतंत्र आगे बढ़ेगा? इस सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि '2014 से पहले आप 'गोदी मीडिया' की संज्ञा क्यों नहीं सुनते थे। 2014 के बाद 'गोदी मीडिया' सुना जाने लगा। आज यह नाम हर व्यक्ति की जुबान पर है। मैं इस देश का सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहा हूं। मैं आग्रह करना चाहूंगा कि इस बात पर जरा आत्मचिंतन करिए कि सवाल बॉयकॉट और बैन का नहीं है, जो गंभीर और बुनियादी सवाल यह है कि 2014 के बाद 'गोदी मीडिया' की संज्ञा बहुत ज्यादा प्रचलित हो गई है। आज कई एंकर्स जब बाहर कवरेज के लिए जाते हैं तो लोग उनके पीछे पड़ जाते हैं। उनके माइक छीन लिए जाते हैं। कई जगह तो पत्थर मारना शुरू कर देते हैं।'

'जो गोदी मीडिया नहीं हैं, वह पाश्ता बनाने पर सवाल करता है'

मनीष तिवारी के इस उलाहने पर नाविका ने उन्हें बीच में टोकते हुए पूछा कि जो 'गोदी मीडिया' नहीं हैं, वे आपके नेताओं से यह भी पूछते हैं कि आप पाश्ता कैसे बनाते हैं? आपको शायद उस तरह का मीडिया पसंद हो। नाविका कुमार ने कुछ दिनों पहले आम आदमी पार्टी के मुख्यालय पर सवाल पूछने पर टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्टर भावना किशोर के साथ हुई बदसलूकी का जिक्र किया। उन्होंने पूछा कि क्या यही लोकतंत्र है?

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रिपोर्टर के साथ हुई बदसलूकी का जिक्र

इसका जवाब देने की जगह तिवारी ने सवाल किया, 'क्या यह लोकतंत्र है कि पूर्वाग्रह से प्रेरित और एकतरफा खबरें 24 घंटे चलाई और दिखाई जाएं?' तिवारी के इस आरोप पर नाविका कुमार ने फिर उन्हें टोका और पूछा कि 'शीशमहल' के बारे में सवाल करना एकतरफा कैसे है? मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि वह आम आदमी हैं लेकिन 45 करोड़ के घर में रहते हैं। इस मामले पर हमारी रिपोर्टर जब उनसे सवाल करती है तो उसे जेल में डाल दिया जाता है। क्या यही लोकतंत्र है?

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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