लोकसभा चुनाव 2024: अमेठी-रायबरेली जीतने का कांग्रेस का मेगा-प्लान, प्रियंका गांधी ने सँभाली कमान

प्रियंका गांधी जब अमेठी-रायबरेली के नामांकन में शामिल हुई थी उन्होंने तभी कह दिया था की वो 5 मई से लगातार यूपी में रहेंगी जबतक दोनों लोकसभा के चुनाव नही हो जाते, अमेठी में दिये अपने इस बयान से ही प्रियंका ने साफ़ कर दिया था की वो बीजेपी और स्मृति ईरानी के चुनावी राह को आसान नहीं रहने देगी।

Priyanka Gandhi Road Show

प्रियंका गांधी

Priyanka Gandhi:उत्तरप्रदेश की अमेठी-रायबरेली सीट कांग्रेस पार्टी के लिए VVIP सीट रही है और इस लोकसभा चुनाव में ही ऐसा ही हो रहा है. रायबरेली से सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद उनके बेटे और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं वही अमेठी से सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि केएल शर्मा पर पार्टी ने दाँव लगाया है, पार्टी ने अपने गढ़ को जीतने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी को दी है, जिसके लिए प्रियंका ने मेगा प्लान तैयार किया है

अस्तित्व की बचाने की लड़ाई

आने वाले चरण में उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की गढ़ वाली सीट पर चुनाव है… प्रियंका गांधी को इस लड़ाई में अपने पारिवारिक विरासत को बचाने के साथ ही भगवा से अमेठी को वापस लेना है, कांग्रेस पार्टी इसके लिए माइक्रोमैनेज्मेंट प्रचार में लग गई है, रायबरेली और अमेठी में 20 मई को मतदान है और प्रियंका गांधी की टीम ईश्वर 2019 की गलती नही दोहराना चाहती, पिछली बार लोकसभा चुनाव में प्रियंका यूपी की महासचिव थी और उन्होंने मात्र 3 दिन ही प्रचार किया था। लेकिन इस बार पार्टी का लक्ष्य सिर्फ़ राहुल गांधी की जीत सुनिश्चित करना नहीं बल्कि जीत का मार्जिन वायनाड से ज़्यादा हो. 2019 में राहुल गांधी ने वायनाड में लगभग 4 लाख तीस हजार वोटों से जीतकर केरल में रिकॉर्ड तोड़ा था।

प्रियंका ने 1999 से देखा है अमेठी-रायबरेली का चुनाव

1999 से ही प्रियंका उत्तरप्रदेश में स्टार प्रचारक रही हैं उन्हें अमेठी-रायबरेली के हर गाँव हर रास्ते का पता है, प्रियंका के नाटक के प्रचार को देखे तो वो बीजेपी पर बहुत आक्रामक दिखी है और बीजेपी के हर हमले का जवाब दिया है. यही वजह है की वो चुनावी मैदान में नही आकर प्रचार की कमान सँभाली है

डोर टू डोर कैंपेन और सोशल मीडिया पर ज़्यादा ज़ोर

अमेठी-रायबरेली में चुनाव प्रबंधन की कमान प्रियंका गांधी सम्भालेंगी लेकिन पार्टी ने सीनियर ऑब्ज़र्वर के तौर पर दो पूर्व मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी दी गई है. जिसमे भूपेश बघेल रायबरेली और अशोक गहलोत अमेठी में प्रचार का कामकाज देखेंगे, पार्टी ने अपने दो वरिष्ठ नेताओ पर भरोसा दिखाते हुए ये भी साबित किया की पार्टी दोनों सीटो को लेकर कितनी गंभीर है, 12 दिनों के इस चुनावी प्रचार में रोज़ 500 लोगों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है जिसको पूरा करने लिए औसतन 20 गाँव जाना होगा, प्रियंका गांधी ने इसके लिए 500 लोगों की विश्वसनीय टीम तैयार की है जो दोनों लोकसभा सीटो की डेली रिपोर्ट लीडरशिप को सौंपेंगी. डोर-टू-डोर प्रचार के साथ हो बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को फ़ोकस तरीक़े से काम दिया जाएगा।
सूत्रों की माने तो सिर्फ़ रायबरेली में लगभग 8000 कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा गया है की वो पार्टी के घर-घर पहुँच कर कांग्रेस गारंटी की बात करे और सोशल मीडिया के ज़रिये बीजेपी के ख़िलाफ़ माहौल बनाये जिसमे एक साथ 5000 से ज़्यादा कांग्रेस वॉलंटियर्स सरकार के ख़िलाफ़ चुनावी कैंपेन पर एक ही तरह के पोस्ट करे वही पार्टी को अपने इंटरनल सर्वे के ज़रिये ये पता चला है की अमेठी में स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ वोटरो में नाराज़गी है, उसे भी कांग्रेस भुनाने की कोशिश करेगी. अमेठी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया की गांधी परिवार के ख़िलाफ़ स्मृति ईरानी जितना बयान देगी पार्टी को उससे फ़ायदा होगा।
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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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