जयराम का सवाल, एससी-एसटी, OBC के लिए क्या 50 फीसद आरक्षण की सीमा पीएम हटाएंगे?
Jairam Ramesh: कांग्रेस मुख्यालय पर मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री मोदी से कुछ सवाल पूछना चाहती है। खासकर एससी, एसटी और ओबीसी कोटा पर 50 प्रतिशत की लगी रोक के बारे में। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा इस बार '400' पार का नारा दे रही है।
जयराम रमेश का आरोप-संविधान बदलना चाहती है भाजपा।
Jairam Ramesh: लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अब आरक्षण को लेकर कांग्रेस ने भाजपा से सवाल किए हैं। कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि 400 सीट जीतने का दावा करने वाली भाजपा अगर सत्ता में दोबारा आई तो वह संविधान में बदलाव और आरक्षण समाप्त करेगी। कांग्रेस ने पूछा कि क्या आरक्षण में बदलाव के लिए क्या प्रधानमंत्री संविधान में संशोधन का समर्थन करेंगे।
'पीएम को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए'
कांग्रेस मुख्यालय पर मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री मोदी से कुछ सवाल पूछना चाहती है। खासकर एससी, एसटी और ओबीसी कोटा पर 50 प्रतिशत की लगी रोक के बारे में। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा इस बार '400' पार का नारा दे रही है। वह संविधान बदलना चाहती है क्योंकि भाजपा और आरएसएस दोनों धर्मनिरपेक्षता एवं सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की बजाय प्रधानमंत्री को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। प्रधानमंत्री के इंकार करने के बावजूद भाजपा संविधान को बदलना चाहती है क्योंकि उसके पुराने विचारकों ने आरक्षण का विरोध किया।'
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पीएम गुमराह करना चाहते हैं-रमेश
रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री हमारे ‘न्याय पत्र’ को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं और लोगों को गुमराह करना चाहते हैं। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या वह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा हटा देंगे?’उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जन सभाओं में संविधान की प्रति अपने हाथ में रखते हैं क्योंकि उस (संविधान) पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार ने इस बारे में (संविधान बदलने) बात की, फिर भाजपा के कई उम्मीदवारों और सांसदों ने भी यह बात कही।
'संविधान में बदलाव चाहता है RSS'
हाथ में संविधान की प्रति लेकर रमेश ने दावा किया कि 1949 से यह कोई पहली बार नहीं है जब आरएसएस ने बाबासाहब आंबेडकर के संविधान को बदलने की बात की हो। उन्होंने कहा, ‘आज मैं कहना चाहता हूं कि ऐसा पहली बार नहीं है जब भाजपा और आरएसएस ने ‘संविधान बदलो’ का नारा दिया है। वर्ष 1949 से ही आरएसएस की मांग रही है कि संविधान में बदलाव की जरूरत है।’
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‘ऑर्गनाइजर’ में लेख का हवाला दिया
रमेश ने एक लेख का भी हवाला दिया जिसके बारे में उनका दावा है कि यह 30 नवंबर, 1949 को आरएसएस से जुड़े प्रकाशन ‘ऑर्गनाइजर’ में प्रकाशित हुआ था। इस लेख के हवाले से रमेश ने कहा, ‘भारत के नये संविधान के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। संविधान का प्रारूप बनाने वालों ने इसमें ब्रिटिश, अमेरिकी, कनाडाई, स्विस और विविध अन्य संविधानों के तत्वों को शामिल किया है...मनु के नियम स्पार्टा के लाइकर्गस या फारस के सोलोन से बहुत पहले लिखे गए थे।’ उन्होंने लेख के हवाले से कहा, ‘आज तक मनुस्मृति में बताए गए उनके कानूनों को दुनिया में प्रशंसा मिलती है लेकिन हमारे संवैधानिक पंडितों के लिए इसका कोई मतलब नहीं है।’
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