Delhi Lok Sabha Election: दिल्ली जीतने के लिए BJP की खास रणनीति, आप-कांग्रेस को पछाड़ 7 सीटों पर जीतने का है लक्ष्य

Delhi Lok Sabha Election: भाजपा लगातार केजरीवाल से यह भी सवाल पूछ रही है कि अगर जेल से सरकार चलाई जा सकती है तो फिर उन्होंने अपने करीबी मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा क्यों लिया?

modi amit shah

पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह

मुख्य बातें
  • दिल्ली की सातों सीटों पर 25 मई को वोटिंग होनी है।
  • मनोज तिवारी को छोड़कर बीजेपी के सभी उम्मीदवार नए।
  • छले लोकसभा चुनाव में भाजपा को अकेले 57 प्रतिशत के लगभग मत मिले थे।

Delhi Lok Sabha Election: दिल्ली में इस बार बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ रही है। इंडिया गठबंधन को दिल्ली में हराने के लिए बीजेपी ने खास रणनीति तैयार की है। भाजपा दिल्ली की स्थानीय राजनीति में मजबूत आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के गठबंधन के बावजूद एक बार फिर से लोकसभा की सभी सातों सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है और इसके लिए पार्टी एक साथ कई स्तरों पर काम कर रही है।

ये भी पढ़ें- Ram Lalla Surya Tilak: राम नवमी के दिन रामलला का कैसे होगा सूर्य तिलक, 10 प्वाइंट में समझिए

आप के भ्रष्टाचार पर फोकस

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली में सरकार के कामकाज को लेकर संकट खड़ा हो गया है, केजरीवाल जेल से सरकार चलाने की बात कह चुके हैं। लेकिन, इसकी कटु आलोचना करने के बावजूद भाजपा राष्ट्रपति शासन लगाने की संभावना को सिरे से नकार रही है। दरअसल, भाजपा एक रणनीति के अनुसार केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने के फैसले को भ्रष्टाचार और नैतिकता से जोड़ते हुए न केवल दिल्ली के मतदाताओं को एक संदेश देना चाहती है बल्कि पार्टी को यह भी लग रहा है कि केजरीवाल जितने दिन जेल में रहकर मुख्यमंत्री बने रहेंगे, आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच उतने ही अंतर्विरोध उजागर होते जाएंगे।

परिवारवाद का मुद्दा

आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह के जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की सक्रियता भले ही थोड़ी कम हो गई हो, लेकिन भाजपा अभी भी जोर-शोर से परिवारवाद का मुद्दा उठाकर केजरीवाल को घेरने के साथ-साथ आप के विधायकों एवं नेताओं के अलावा दिल्ली के वोटरों को भी संदेश देने का प्रयास कर रही है। यही वजह है कि एक तरफ जहां भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर आप पार्टी में से किसी और को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने की नसीहत दे रहे हैं तो वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया केजरीवाल पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वह आम आदमी पार्टी के बचे-खुचे नेताओं को जेल भेजना चाहते हैं ताकि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री बन सके।

जेल से सरकार पर सवाल

भाजपा लगातार केजरीवाल से यह भी सवाल पूछ रही है कि अगर जेल से सरकार चलाई जा सकती है तो फिर उन्होंने अपने करीबी मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा क्यों लिया? पार्टी को यह भी उम्मीद है कि अगर केजरीवाल का यही रवैया जारी रहा तो राजकुमार आंनद की तरह कई अन्य नेता भी आप से इस्तीफा दे सकते हैं।

पीएम मोदी के चेहरे पर भरोसा

हालांकि, दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को लेकर भी भाजपा पूरी तरह से आश्वस्त है। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने शुक्रवार को दावा किया कि जिस दिल्ली में अरविंद केजरीवाल लगातार सीएम बन रहे हैं, उसी दिल्ली की जनता ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सातों सीटों पर भाजपा को विजयी बनाया था। भाजपा का यह भी दावा है कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को अकेले 57 प्रतिशत के लगभग मत मिले थे, जो कि इन दोनों दलों को मिले वोट से भी कहीं ज्यादा था।

भाजपा ने किसे बनाया है उम्मीदवार

बता दें कि दिल्ली की सातों सीटों पर 25 मई को वोटिंग होनी है और भाजपा ने इस बार मनोज तिवारी को छोड़कर दिल्ली की बाकी सभी 6 सीटों पर नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा ने नई दिल्ली से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज, चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल, दक्षिणी दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली से कमलजीत सेहरावत, पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा, उत्तर पश्चिम दिल्ली से योगेंद्र चंदोलिया और उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी को चुनावी मैदान में उतारा है। पार्टी दिल्ली की राजनीति में कई वर्षों से सक्रिय इन पुराने चेहरों को लोकसभा के चुनावी मैदान में उतारकर पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं और कैडर वोट बैंक को भी काफी पहले ही राजनीतिक संदेश दे चुकी है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited