AAP vs BJP in Delhi: BJP के लिए क्यों मुश्किल है दिल्ली की लड़ाई? किस सीट पर क्या मुद्दे और कहां-कहां फंसी गाड़ी
Delhi Lok Sabha Election: भारतीय जनता पार्टी के लिए दिल्ली की 7 सीटों पर लड़ाई मुश्किल क्यों है? यहां किस सीट पर क्या मुद्दे हैं? सभी सातों सीटों पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी कौन है? वो कौन सी सीटें हैं जहां पर BJP और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के बीच लड़ाई कांटे की है? आइए जानते हैं...
दिल्ली लोकसभा चुनाव
Delhi Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव का रण अब अपने अंतिम दौर की तरफ आगे बढ़ रहा है। पहले पांच चरणों में 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 543 में से 428 सीटों पर मतदान हो चुका है। 25 मई यानी कल छठे चरण के मतदान होंगे। इसके बाद 1 जून को सातवें चरण के लिए वोटिंग होगी और यहीं से चुनाव पूरी तरह थम जाएगा। 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे और नई सरकार सत्ता पर काबिज होगी।
आम चुनाव के छठे चरण में छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 58 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इन 58 सीटों में राजधानी दिल्ली की 7 सीटें भी शामिल हैं, जिन पर पूरे देश की नजरें हैं। दरअसल, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए इन सात सीतों पर प्रतिष्ठा की लड़ाई है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी 7 सीटों पर परचम लहराया था, लेकिन इस बार दिल्ली की लड़ाई इतनी आसान नहीं है। दरअसल, यहां इंडिया गठबंधन तक तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने एक साथ चुनाव लड़कर BJP की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आइए जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के लिए दिल्ली की 7 सीटों पर लड़ाई मुश्किल क्यों है? यहां किस सीट पर क्या मुद्दे हैं? सभी सातों सीटों पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी कौन है? वो कौन सी सीटें हैं जहां पर BJP और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के बीच लड़ाई कांटे की है...
सीट - चांदनी चौक
बीजेपी: प्रवीण खंडेलवाल
कांग्रेस: जयप्रकाश अग्रवाल
मुद्दे: दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट पर इस बार स्थानीय मुद्दों पर काफी बहस देखने को मिली। इस इलाके में कारोबारी समस्याओं से लेकर पार्किंग और साफ-सफाई का मुद्दा भी बना। इसके अलावा यहां बिजली-पानी के साथ ही तारों के जंजाल का मुद्दा भी छाया रहा।
समीकरण
पुरानी दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट भी बीजेपी के पास है। हालांकि, इस बार भी बीजेपी ने यहां से अपना प्रत्यशी बदलकर व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने यहां से जयप्रकाश अग्रवाल को टिकट दिया है। मुस्लिम और वैश्य बहुल इस सीट पर मुकाबला जोरदार हो सकता है।
सीट- उत्तर पूर्वी दिल्ली
बीजेपी: मनोज तिवारी
कांग्रेस: कन्हैया कुमार
मुद्दे: उत्तर पूर्वी दिल्ली में कांग्रेस ने अपने दो बाद के सांसद मनोज तिवारी को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस से कन्हैया कुमार मैदान में हैं। इस लोकसभा सीट पर दो पूर्वांचलियों की लड़ाई में बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा बड़ा छाया रहा। इसके अलावा जाम, कानून-व्यवस्था और कनेक्टिविटी का मुद्दा भी यहां जमकर उछाला गया।
समीकरण
दिल्ली की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक उत्तर पूर्वी लोकसभा सीट भी है। यह एक मात्र सीट है, जहां से बीजेपी ने अपना प्रत्याशी नहीं बदला है और मौजूदा सांसद मनोज तिवारी पर दोबारा दांव खेला है। हालांकि, कांग्रेस ने इस सीट पर कन्हैया कुमार को उतारकर लड़ाई को रोमांचक बना दिया है। दो पूर्वांचलियों की सीट पर मुकाबला मजेदार होने के आसार हैं।
सीट- पूर्वी दिल्ली
बीजेपी: हर्ष मल्होत्रा
आम आदमी पार्टी: कुलदीप कुमार
मुद्दे: पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर कच्ची कालोनियों को नियमित और बुनियादी ढांचे के विकास का मुद्दा प्रमुख रहा। इसके अलावा गाजीपुर लैंडफिल साइट का मुद्दा भी काफी छाया। जनता के बीच बिजली, पानी, परिवहन और सड़कों जैसे मुद्दे पर भी काफी चर्चा हुई।
समीकरण
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट बीते 10 साल से बीजेपी के पास रही है। हालांकि, दोनों ही बार बीजेपी ने इस सीट पर अपने प्रत्याशी को बदल दिया। 2014 में इस सीट पर महेश गिरी ने चुनाव जीता था, तो 2019 में गौतम गंभीर यहां से सांसद बने थे। इस बार भी बीजेपी ने यहां से प्रत्याशी बदलकर हर्ष मल्होत्रा को मैदान में उतारा है। तो वहीं, आम आदमी पार्टी ने कुलदीप कुमार को टिकट दिया है, जो दिल्ली विधानसभा के सदस्य भी हैं। इसलिए इस बार इस सीट पर मुकाबला कड़ा होने के आसार हैं।
सीट- उत्तर पश्चिमी दिल्ली बीजेपी: योगेंद्र चंदोलिया
कांग्रेस: उदित राज
मुद्दे: उत्तर पश्चिमी दिल्ली में व्यापारिक समस्याओं के साथ यहां जलभराव का मुद्दा जनता के बीच छाया रहा, वहीं कच्ची कॉलोनियों का मुद्दा भी यहां काफी जोर पकड़ा। ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी और कॉलेज की स्थापना के साथ-साथ्ज्ञ जमीन का सर्कल रेट भी चुनावी मुद्दा बना।
समीकरण
दिल्ली की एकमात्र सुरक्षित लोकसभा सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद हंसराज हंस का टिकट काटकर योगेंद्र चंदोलिया को मैदान में उतारा है, जिनकी लड़ाई कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज को टिकट दिया है। उदित राज 2014 में बीजेपी के उम्मीदवार थे, लेकिन 2019 में उनका टिकट काटकर हंसराज हंस को टिकट दिया था, जिसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
सीट- नई दिल्लीबीजेपी: सुषमा स्वराज
आम आदमी पार्टी: सोमनाथ भारती
मुद्दे: नई दिल्ली में व्यापारियों की समस्याओं के साथ-साथ बिजली, पानी, सीवर और पार्किंग का मुद्दा चुनाव प्रचार के दौरान दोनों प्रत्याशियों की ओर से जोर-शोर से उठाया गया।
समीकरण
नई दिल्ली लोकसभा सीट दिल्ली की हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार है। कभी इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा था और 2004 व 2009 में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, बीते दो चुनाव में बीजेपी की मीनाक्षी लेखी इस सीट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंची। हालांकि, इस बार भारतीय जनता पार्टी ने दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को मैदान में उतारा है। तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट पर अपने वरिष्ठ नेता और विधायक जैसे दमदार प्रत्याशी सोमनाथ भारती को मैदान में उतारकर मुकाबले को कड़ा बना दिया है।
सीट- पश्चिमी दिल्लीबीजेपी: कमलजीत सेहरावत
आम आदमी पार्टी: महाबल मिश्रा
मुद्दे: पश्चिमी दिल्ली के चुनाव में स्थानीय मुद्दे चुनाव प्रचार के दौरान लगभग गायब रहे। यहां बीजेपी प्रत्याशी कमलजीत सेहरावत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का मेयर रहते हुए कराए गए अपने कार्यों और मोदी की गारंटी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। तो आप प्रत्याशी महाबल मिश्रा सांसद रहते हुए अपने कार्यों ओर केजरीवाल सरकार के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
समीकरण
इस सीट पर भी बीजेपी ने अपने प्रत्याशी को बदला है। यहां से मौजूदा सांसद प्रवेश वर्मा की जगह नगम निगम के मेयर रह चुके कमलजीत सहरावत को टिकट दिया है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने यहां से पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को मैदान में उतारा है। महाबल मिश्रा यहां से कांग्रेस के सांसद रहे हैं।
सीट- दक्षिणी दिल्लीबीजेपी: रामवीर सिंह सिधूड़ी
आम आदमी पार्टी: सही राम पहलवान
मुद्दे: दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर पेयजल, सीवर, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानूनी व्यवस्था और कच्ची कॉलोनियों को बुनियादी सुविधाएं देने का मुद्दा चुनाव प्रचार के दौरान छाया रहा।
समीकरण
यह सीट भी बीजेपी के पास 2014 से है और दोनों ही बार बीजेपी ने यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा और वे दोनों बाद चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि, बस बार सीट पर समीकरण बदल चुके हैं। बीजेपी ने रमेश बिधूड़ी का टिकट काटकर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी को प्रत्याशी बनाया है। अब देखना यह होगा कि वह आम आदमी पार्टी के विधायक सही राम को कितनी टक्कर दे पाते हैं।
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