कैसे महाराष्ट्र की सियासत में सबसे अहम किरदार बन गए देवेंद्र फडणवीस? जानें उनका पूरा सफर

Maharashtra Election Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा का एक बार फिर जलवा देखने को मिला है। लगातार तीसरी बार प्रदेश में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इस जीत के बाद सभी की निगाहें देवेंद्र फडणवीस पर टिकी हैं। आपको बताते हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में फडणवीस कैसे 'केंद्र-बिंदु' बनकर उभरे।

देवेंद्र फडणवीस।

Devendra Fadnavis: पार्षद से लेकर नागपुर के सबसे युवा महापौर और फिर महाराष्ट्र के भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनने तक देवेंद्र फडणवीस का राजनीतिक सफर स्थिर रहा है और विधानसभा चुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन से ऐसा लगता है कि वह तीसरी बार राज्य के शीर्ष पद पर आसीन होंगे। मराठा राजनीति एवं नेताओं के प्रभुत्व वाले राज्य में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले 54 वर्षीय नेता फडणवीस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पुरानी सहयोगी शिवसेना के मनोहर जोशी के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे ब्राह्मण हैं।

नागपुर से निकला महाराष्ट्र में भाजपा का चिराग

साल 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले, मृदुभाषी नेता इस प्रतिष्ठित पद के लिए स्पष्ट रूप से पहली पसंद थे, जिसका मुख्य कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह दोनों का उन पर विश्वास था। मोदी ने एक चुनावी रैली में उनके बारे में कहा था, ‘‘देवेंद्र देश को नागपुर का उपहार हैं।’’ मोदी ने 2014 के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हालांकि धुआंधार प्रचार किया था, लेकिन चुनाव में पार्टी की अभूतपूर्व जीत का कुछ श्रेय प्रदेश भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष फडणवीस को भी गया था।

किसे अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं फडणवीस?

देवेंद्र फडणवीस जनसंघ और बाद में भाजपा के नेता रहे स्वर्गीय गंगाधर फडणवीस के पुत्र हैं। गंगाधर फडणवीस को भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी अपना ‘‘राजनीतिक गुरु’’ कहते हैं। देवेंद्र फडणवीस ने युवावस्था में ही राजनीति में कदम रख दिया था, जब वे 1989 में संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए थे। 22 वर्ष की आयु में वे नागपुर नगर निगम में पार्षद बने और 1997 में 27 वर्ष की आयु में इसके सबसे युवा महापौर।

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