पहले फेज में कम मतदान से फिक्रमंद हुआ चुनाव आयोग, वोटिंग बढ़ाने के लिए लेकर आएगा नया प्लान
Drop in Polling Percentage: 2019 की तुलना में पहले चरण में 21 राज्यों में से 19 में मतदान प्रतिशत में यह कमी देखने को मिली है। 2019 में पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ था और इस चरण में मतदान का कुल प्रतिशत 69.2 प्रतिशत था।
मतदान बढ़ाने के लिए नया प्लान लेकर आएगा चुनाव आयोग।
- पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को 21 राज्यों की 102 सीटों पर हुआ
- 2019 के मुकाबले पहले चरण में इस बार करीब तीन प्रतिशत कम वोटिंग
- कम वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग चिंतित है, वह नया प्लान पेश करेगा
Drop in Polling Percentage: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को संपन्न हुआ। 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान होना है लेकिन पहले चरण में वोटिंग के गिरे प्रतिशत ने चुनाव आयोग के कान खड़े कर दिए हैं। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए वह अपनी नई रणनीति बनाने में जुट गया है। बता दें कि पहले चरण में करीब 66 प्रतिशत मतदान हुआ है जो कि 2019 के चुनाव के पहले फेज के मतदान से करीब तीन प्रतिशत कम है। 2019 की तुलना में पहले चरण में 21 राज्यों में से 19 में मतदान प्रतिशत में यह कमी देखने को मिली है। 2019 में पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ था और इस चरण में मतदान का कुल प्रतिशत 69.2 प्रतिशत था।
मतदाताओं को लुभाने के लिए कई अभियान चला रहा ईसी
रिपोर्टों में ईसी के एक पदाधिकारी के हवाले से कहा गया है कि मतदान में आई कमी से चुनाव आयोग काफी चिंतित है। ईसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि केवल मतदाताओं का उत्साह उन्हें मतदान केंद्र पर लाने के लिए काफी नहीं है। इसीलिए मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने काफी प्रयास किए हैं। मतदाताओं को मतदान के लिए आकर्षित करने के लिए ईसी की ओर से कई अभियान चलाए जा रहे हैं।
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पहले चरण का मतदान प्रतिशत
राज्य | 2019 (%) | 2024 (%) |
लक्षद्वीप | 85.1 | 84.1 |
पश्चिम बंगाल | 84.7 | 81.9 |
त्रिपुरा | 81.7 | 81.5 |
सिक्किम | 78.6 | 79.9 |
पुडुचेरी | 81.2 | 78.9 |
असम | 79.2 | 78.2 |
मेघालय | 71.4 | 76.6 |
अरुणाचल प्रदेश | 78.5 | 75.6 |
मणिपुर | 82.8 | 75.2 |
तमिलनाडु | 72.1 | 69.7 |
छत्तीसगढ़ | 66 | 68.3 |
जम्मू-कश्मीर | 70.2 | 68.3 |
मध्य प्रदेश | 74.9 | 67.7 |
अंडमान | 65.1 | 64.1 |
महाराष्ट्र | 63.8 | 63.7 |
उत्तर प्रदेश | 66.5 | 61.1 |
नगालैंड | 83 | 57.7 |
राजस्थान | 63.7 | 57.6 |
उत्तराखंड | 61.5 | 57.2 |
मिजोरम | 63.1 | 56.9 |
बिहार | 53.5 | 49.3 |
69.2 66 आईपीएल के जरिए भी अपील
पदाधिकारी ने कहा कि सिस्टेमिटक वोटर एजुकेशन एवं इलेक्टोरल पार्टीसिपेटन प्रोग्राम के तहत टर्नआउट इंप्लिमेंटेशन प्लान इनमें से एक है। यही नहीं, युवाओं को आकर्षित करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियों को ईसी एंबेस्डर बनाए गए हैं। मतदान एवं वोटिंग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आईपीएल को एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया गया। इसके लिए ईसी ने बीसीसीआई से अनुबंध किया। लेकिन ऐसा लगता है कि ये सभी उपाय नाकाफी साबित हुए हैं।
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कम मतदान के पीछे गर्मी एवं लू?
टीओआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पहले चरण में हुए कम मतदान के कारणों का विश्लेषण चुनाव आयोग कर रहा है। इस सप्ताहांत हुई बैठकों में इस पर चर्चा हुई। उम्मीद की जा रही है कि मतदान बढ़ाने के लिए ईसी सोमवार को अपने एक नया प्लान पेश करेगा। सूत्रों का कहना है कि पहले चरण में कम मतदान की एक बड़ी वजह गर्मी एवं लू हो सकता है। 2019 की तुलना में पहले चरण का मतदान करीब आठ दिन बाद हुआ है। कुछ मतदाता चुनाव परिणाम को लेकर पहले से ही आशान्वित लगते हैं। यही नहीं कम मतदान पर त्योहारों एवं शादी के मौसम का भी असर देखा जा रहा है।
पहले चरण में केवल 3 राज्यों में ज्यादा मतदान
पहले चरण में 2019 की तुलना में केवल तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मेघालय और सिक्किम में ज्यादा मतदान हुआ है। नगालैंड में इस बार केवल 57.7 प्रतिशत मतदान हुआ। यह 2019 के मुकाबले 25 फीसद कम है। मणिपुर में 7.7 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में सात प्रतिशत से ज्यादा, राजस्थान और मिजोरम में 6 फीसद से ज्यादा कम मतदान हुआ है। बिहार में सबसे कम 49.2 प्रतिशत वोटिंग हुई। सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 61.1 प्रतिशत मतदान हुआ। 2019 में पहले चरण में यहां 66.5 फीसदी मतदान हुआ।
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