Chhattisgarh: लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले ने खींचा हर किसी का ध्यान, जानें क्या है ऐसी खास बात

Chhattisgarh LokSabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की अहमियत इस बार काफी बढ़ गई है। सूबे की 11 सीटों पर हो रहे चुनावी संग्राम के बीच सियासी उठापटक का दौर जारी है। देखते ही देखते दुर्ग जिला राजनीतिक आकर्षण का केंद्र बन गया है। आखिर इसकी क्या वजह है, आपको सारा समीकरण समझाते हैं।

छत्तीसगढ़ के कई दिग्गज नेताओं का दुर्ग जिले से है नाता।

Election News: छत्तीसगढ़ के आर्थिक एवं शैक्षिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला दुर्ग जिला लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद से राजनीतिक आकर्षण का केंद्र बन गया है। लोकसभा चुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित विपक्षी कांग्रेस के चार उम्मीदवार और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो उम्मीदवार दुर्ग जिले से हैं, जिससे यह जिला चुनाव से पहले चर्चा के केंद्र में आ गया है।

चुनाव के लिए क्यों अहम है दुर्ग? जानें इतिहास

दुर्ग जिला 1906 में रायपुर से अलग होकर बना था। सन् 1973 में जिले का विभाजन हुआ और एक अलग राजनांदगांव जिला अस्तित्व में आया। वर्ष 2012 में दुर्ग को फिर से विभाजित किया गया और दो नए जिले - बेमेतरा और बालोद- अस्तित्व में आए। वर्ष 1955 में दुर्ग जिले में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की एक प्रमुख इकाई, भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ, यह तेजी से विकसित हुआ और आर्थिक गतिविधि का केंद्र बन गया, जिसने पूरे देश से लोगों को आकर्षित किया।

वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद, भिलाई शहर इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए तकनीकी संस्थानों और कोचिंग सेंटर की स्थापना के साथ एक शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही जिले का राजनीतिक महत्व प्रदेश के विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

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