महाराष्ट्र चुनाव से पहले शरद पवार के लिए खुशखबरी! निर्वाचन आयोग ने दे दी बड़ी राहत; जानें क्या है माजरा
Maharashtra Politics: शरद पवार की पार्टी एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को चंदा स्वीकार करने की अनुमति दे दी है। पवार की पार्टी को चंदा स्वीकार करने का अधिकार निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका के अंतिम निपटारे तक लागू रहेगा। आपको इस मामले से जुड़ी अहम बातें बताते हैं।
शरद पवार।
Big relief to Sharad Pawar: निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) को महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चंदा स्वीकार करने की अनुमति सोमवार को दे दी। शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने आयोग से अनुरोध किया था कि वह जनता से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के लिए पार्टी के दर्जे को प्रमाणित करे।
किस अधिनियम के तहत पवार को मिली राहत
आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की प्रासंगिक धाराओं के तहत पार्टी को 'सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा स्वैच्छिक रूप से दी गई राशि को स्वीकार करने' के लिए अधिकृत किया है। यह अधिनियम सभी राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले अंशदान को नियंत्रित करता है।
पार्टी नेताओं ने अधिकारियों से की मुलाकात
राकांपा-एसपी के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सोमवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। पिछले साल जुलाई में, अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का हवाला देकर चुनाव चिह्न के साथ-साथ पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर भी दावा किया।
कब तक लागू रहेगा आयोग का ये फैसला?
आयोग ने अजित पवार गुट के दावे को सही ठहराया और शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अंतरिम उपाय के तौर पर नया नाम चुनने को कहा। राकांपा-एसपी को चंदा स्वीकार करने का अधिकार निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका के अंतिम निपटारे तक लागू रहेगा।
शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा-एसपी ने महाराष्ट्र में 10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और आठ पर जीत हासिल की, जबकि अजित पवार की राकांपा ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ एक पर जीत हासिल कर सकी।
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