चुनाव आयोग प्रेस कांफ्रेंस: भारत ने लोकसभा चुनावों में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 64.2 करोड़ वोटर्स ने किया मतदान
Press Conference by Election Commission of India: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा है कि 100 से ज्यादा प्रेस नोट, एडवाइजरी जारी हुए। चुनाव आयोग लापता नहीं था, हम हमेशा काम करते रहे।
चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस
Press Conference by Election Commission of India: : लोकसभा चुनाव 2024 नतीजों से पहले चुनाव आयोग ने आज अहम प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान चुनाव आयोग ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हम लापता नहीं, यही हैं और हर जगह मौजूद हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा है कि 100 से ज्यादा प्रेस नोट, एडवाइजरी जारी हुए। चुनाव आयोग लापता नहीं था, हम हमेशा काम करते रहे।
क्या-क्या कहा चुनाव आयोग ने पढ़ें
- भारत ने लोकसभा चुनावों में 31.2 करोड़ महिलाओं सहित 64.2 करोड़ मतदाताओं के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया।
- इस बार G7 देशों के वोटर्स के डेढ़ गुना लोगों ने वोट डाला।
- इस लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं ने वोट दिया।
- केंद्रीय चुनाव आयुक्त, सभी अधिकारियों ने महिला वोटर्स को खड़े होकर तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया।
- 85 साल से ऊपर के सभी मतदाताओं के घर घर जाकर उनका वोट डलवाया गया।
- हमने पूरी कोशिश की कि पूरे चुनाव में महिलाओं को लेकर अपमानजनक टिप्पणी न हो। किसी तरह की अभद्र बातें न कहीं जाए और ऐसा काफी हद तक ऐसा संभव हुआ।
- चुनाव में डेढ़ करोड़ पोलिंग और सुरक्षा कर्मी लगाए गए, 135 स्पेशल ट्रेन चलाई गईं, 4 लाख गाड़ियां, 68 हजार 763 उड़न दस्ते और 1692 हवाई यात्रा हुई। इन सबका मकसद साढ़े 10 लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ पर मतदान कराना था जो संभव हुआ।
- 2019 में 540 जगहों पर दोबारा उपचुनाव हुआ लेकिन 2024 के चुनावों में सिर्फ 39 जगहों पर, जिसमें 25 जगह अरुणाचल विधानसभा की सीटों पर था।
- जम्मू कश्मीर में पिछले 4 दशकों में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है। जम्मू और उधमपुर के फॉर्म एम को खत्म किया।
- हिंसा प्रभावित मणिपुर में चुनावों के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई। वहां के लोग मतदान में हिस्सा लेना चाहते थे।
- अंडमान निकोबार के शॉम्पेन आदिवासी समूह ने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
- 23 देशों के डेलीगेट्स ने 6 राज्यों में जाकर चुनाव देखा।
- इस बार 10 हजार करोड़ का फ्रीबीज जब्त किया गया। इस बार हमने मतदाताओं को लुभाने के लिए दिए जाने वाले शराब, नगदी, आभूषण पर पूरी तरह से रोक लगाई।
- हमारी तरफ से साफ संदेश था कि इस तरह के चीजें नहीं बंटनी चाहिए। इसके अलावा 4391 करोड़ रुपए की ड्रग्स भी बरामद की गई।
- इस बार चुनाव ने स्वतः संज्ञान लेकर दो बार बयान जारी किया गया। आचार संहिता उल्लंघन की 495 शिकायतों में से 90 फीसदी का निबटारा किया गया। अलग अलग पार्टियों के बड़े नेताओं को नोटिस दिया गया। कई के खिलाफ एफआईआर हुई और निष्पक्ष चुनाव के लिए कई अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया।
- स्टार कैंपेनर के आचरण के लिए राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को नोटिस दिया गया। बिना नाम के बैनर होर्डिंग पर पूरी तरह से रोक लगाई गई।
- चुनाव शुरू होते ही बिना भेदभाव के 6 राज्यों के मुख्यमंत्री दफ्तर के अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया। आपत्तिजनक पोस्ट, ट्वीट हटाए गए।
- इस लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से AI जनरेटेड वीडियो, फेक पोस्ट पर पूरी तरह से लगाम लगाई गई। कैसे किसी अफवाह, गलत सूचना, एडिटेड वीडियो को फैलते ही शुरुआती स्तर पर ही रोक देना है।
- कल वोटों की गिनती को लेकर चुनाव आयुक्त ने कहा कि एक-एक स्टेप तय है। साढ़े 10 लाख बूथ, हर जगह 14 टेबल, हर टेबल पर प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट और 40 लाख के करीब फॉर्म 17C होंगे। प्रत्याशी ईवीएम के आंकड़ों का मिलान कर सकेंगे। पूरी पारदर्शिता बरती गई।
- चुनाव शुरू होने से पहले कैंडिडेट के सामने EVM को वर्गीकृत किया गया। फॉर्म 17c भी सबको दिए गए। पूरी ईमानदारी बरती गई।
- मानवीय भूलों को भी कम से कम करने की कोशिश की जाएगी। चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है।
- कांग्रेस द्वारा फैलाए गई अफवाह कि वोटों की गिनती के दौरान पार्टियों के एजेंट्स नहीं रहने दिया जाएगा, ये बिलकुल गलत है।
- जयराम रमेश के आरोप कि 150 रिटर्निंग ऑफिसर या जिलाधिकारियों को धमकाया गया। चुनाव आयुक्त ने पूछा कि क्या ऐसा संभव है? आप बताइए किसने कहा हम सजा देंगे। लेकिन अफवाह मत फैलाओ।
- कुछ दलों का प्रतिनिधिमंडल कल चुनाव आयोग के पास मिलने आया था। जो मांगे उन्होंने रखी हैं, उनका आयोग पहले से पालन कर रहा और आगे भी कड़ाई से करेंगे।
- ईवीएम के कंट्रोल यूनिट का मूवमेंट सीसीटीवी की निगरानी में होगा। काउंटिंग एजेंट्स को निर्देश दिया गया है कि वो पोलिंग की तारीख, पार्टी का नाम और प्रत्याशी का नाम और उन्हे पड़े वोटों की जानकारी देते रहें।
- सूरत लोकसभा सीट पर बिना चुनाव हुए किसी कैंडिडेट को जीता हुआ घोषित कर देना क्या लोकतंत्र की आत्मा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ नहीं है? इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इसको लेकर नियम साफ हैं। हमारी कोशिश और सोच यही है कि हर जगह चुनाव होना चाहिए। लेकिन नामांकन होने के बाद पर्चा वापस लेने की तारीख के पहले सारे कैंडिडेट नाम वापस ले लें तो आयोग क्या कर सकता है? नियम ये कहते हैं कि किसी भी कैंडिडेट को दबाव बनाकर हटाया जाए तो हम इसके खिलाफ हैं।
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गौरव श्रीवास्तव author
टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पे...और देखें
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