अमेठी पर टिकीं नजरें, जीतेंगी स्मृति ईरानी या कांग्रेस फिर करेगी वापसी? Exit Poll ने बढ़ाई सबकी टेंशन

Amethi Lok Sabha Election Result: अमेठी को लेकर जो एग्जिट पोल सामने आए हैं, उसने भाजपा के साथ कांग्रेस की भी टेंशन बढ़ा दी है। एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी और किशोरी लाल शर्मा के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। कई एग्जिट पोल में दावा किया जा रहा है कि इस बार के चुनाव में भाजपा अमेठी सीट हार सकती है। यह दावा कितना सही होगा यह कल होने वाली मतगणना के बाद पता चल ही जाएगा।

Amethi Lok Sabha Election

Amethi Lok Sabha Election

Amethi Lok Sabha Election Result: लोकसभा चुनाव की वोटिंग पूरी होने के बाद सबकी नजरें 4 जून को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। इसके बाद साफ हो जाएगा कि केंद्र में भाजपा सरकार एक बार फिर वापसी करती है या फिर इंडिया गठबंधन सत्ता हासिल करने में कामयाब होता है। हालांकि, देश के चुनाव परिणामों के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों की निगाहें अमेठी लोकसभा सीट पर भी हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर 2019 में भाजपा ने सेंधमारी की थी और स्मृति ईरानी यहां से सांसद बनी थीं। हालांकि, इस बार उनके लिए अमेठी जीतना उतना आसान नहीं है।
अमेठी को लेकर जो एग्जिट पोल सामने आए हैं, उसने भाजपा के साथ कांग्रेस की भी टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल, कांग्रेस ने इस सीट पर पहली बार गैर गांधी परिवार के कैंडिडेट किशोरी लाल शर्मा को उतारा है। एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी और किशोरी लाल शर्मा के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। कई एग्जिट पोल में दावा किया जा रहा है कि इस बार के चुनाव में भाजपा अमेठी सीट हार सकती है। यह दावा कितना सही होगा यह कल होने वाली मतगणना के बाद पता चल ही जाएगा।

पहली बार गांधी परिवार हुआ अमेठी से दूर

उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट को गांधी परिवार का मजबूत गढ़ मानी जाती रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली थी और राहुल गांधी को करारी शिकस्त दी थी। उम्मीद जताई जा रही थी कि अमेठी में एक बार फिर से राहुल गांधी बनाम स्मृति ईरानी मुकाबला देखा जा सकता है। हालांकि, शिकस्त के बाद गांधी परिवार ने अमेठी से दूरी बना ली और अपने खास किशोरी लाल शर्मा केा मैदान में उतारा है। बीते 25 सालों में ऐसा पहली बार है जब गांधी परिवार इस खास लोकसभा सीट से दूर है।

ये है अमेठी का इतिहास

अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस के विद्याधर बाजपेयी पहले सांसद थे, उन्होंने 1967 और 1971 में भी यहां से जीत हासिल की थी। इसके बाद 1980 में संजय गांधी इस सीट से सांसद चुने गए। 1981 में हुए उपचुनाव में राजीव गांधी ने यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने राजीव गांधी ने 1991 तक अमेठी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि, राजीव गांधी की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में अमेठी से सतीश शर्मा जीते और 1996 में फिर से सांसद चुने गए, लेकिन 1998 में भाजपा के संजय सिंह ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद सोनिया गांधी ने 1999 में अमेठी में गांधी परिवार की वापसी कराई। उन्होंने लंबे समय तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया और 2004 में यह सीट राहुल गांधी को अमेठी सीट सौंपी दी। राहुल ने 2004, 2009 और 2014 में लगातार तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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