लोकतंत्र में पूर्व आतंकियों-अलगाववादियों की बढ़ी आस्था, कश्मीर में लड़ेंगे चुनाव, सियासी अखाड़े में अफजल गुरु का भाई भी

Jammu Kashmir Assembly Election 2024 : तहरीक ए आवाम मोर्चे के बैनर तले जिनके चुनाव चर्चा की तेज है उनमें 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु का भाई एजाज अहमद गुरु का भी नाम शामिल है। साल 2013 में अफजल गुरु को फांसी दे दी गई। दूसरा नाम सरजन बरकती का है। बरकती पत्थरबाजी के आरोपों में श्रीनगर जेल में बंद है।

जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव।

मुख्य बातें
  • जम्मू कश्मीर में 10 साल के बाद हो रहे हैं विधानसभा चुनाव
  • इस बार तीन चरणों में चुनाव, 18 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग
  • इस बार चुनाव में पूर्व आतंकवादी और अलगाववादी चुनाव लड़ रहे हैं
Jammu Kashmir Assembly Election 2024 : जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियां चुनावी अखाड़े में तो उतर ही गई हैं। अब पूर्व आतंकवादी, अलगाववादी और उनके रिश्तेदार भी चुनाव लड़ेंगे। इन सभी ने चुनाव लड़ने के लिए तहरीक-ए-आवाम नाम से एक मोर्चा बनाया है। इसके बैनर तले वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव 18 सितंबर से एक अक्टूबर तक तीन चरणों में होगा। चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे।

पहले चुनावों का बहिष्कार कर चुके हैं अलगाववादी

जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों का चुनाव लड़ना बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि ये अब तक चुनावों का बहिष्कार और लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती देते आए हैं। लेकिन इनका चुनाव लड़ना कश्मीर में बदलते राजनीतिक परिदृश्य को दर्शा रहा है। यहां तक कि प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर जमात ए इस्लामी के कई पूर्व सदस्य भी चुनाव लड़ते नजर आएंगे। इस मोर्चे के सदस्य आदिल अहमद ने कहा, 'यह एक अच्छी शुरुआत है। समाज में खुद को साबित करने के लिए हमें चुनाव लड़ने की इजाजत मिलनी चाहिए। एक विधायक किसी और से ज्यादा अच्छा सामाजिक कारय्क कार्य कर सकता है।'
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