MP चुनाव में फिल्म ‘जय-वीरू, गब्बर सिंह' की चर्चा, पात्रों के जरिए एक-दूसरे पर हमला बोल रहे BJP-कांग्रेस

Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : कमल नाथ ने चौहान को शोले फिल्म का खलनायक ‘गब्बर सिंह’ करार दिया। ‘शोले’ फिल्म में अमिताभ बच्चन ने जय का, धर्मेंद्र ने वीरू का और अमजद खान ने गब्बर सिंह का किरदार निभाया था। मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 17 नवंबर को एक ही चरण में होंगे।

mp chunav 2023

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023।

तस्वीर साभार : भाषा

Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : 1975 की हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'शोले' के लोकप्रिय किरदार ‘जय-वीरू और गब्बर सिंह’ 17 नवंबर को होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले खबरों में हैं। विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘शोले’ के उन पात्रों से तुलना करते हुए एक-दूसरे पर राज्य को लूटने का आरोप लगा रहे हैं, जो किसी न किसी तरह से अपराध से जुड़े थे। कांग्रेस ने कहा कि उसके प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का रिश्ता फिल्म के मुख्य पात्रों जय और वीरू की दोस्ती के समान है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जय और वीरू लूटे गए माल के बंटवारे को लेकर लड़ रहे हैं।

कमल नाथ ने चौहान को शोले फिल्म का खलनायक ‘गब्बर सिंह’ करार दिया। ‘शोले’ फिल्म में अमिताभ बच्चन ने जय का, धर्मेंद्र ने वीरू का और अमजद खान ने गब्बर सिंह का किरदार निभाया था। मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 17 नवंबर को एक ही चरण में होंगे। मशहूर पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता रूमी जाफरी ने कहा, ‘यह हमारे लिए संतुष्टि की बात है कि दशकों पहले शोले या मुगल-ए-आजम जैसी फिल्मों में हमारे द्वारा चित्रित संवाद और पात्र आज भी प्रासंगिक हैं और लोग उनका उपयोग कर रहे हैं। ये पात्र कालजयी हैं और दुनिया में बने रहेंगे।’

राजनीति में प्रवेश की ‘जय-वीरू’ की जोड़ी

कमल नाथ ने टिकट वितरण के विवाद में दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ने वाली टिप्पणी की। इससे अटकलें तेज हो गईं कि कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। इसके बाद ‘जय-वीरू’ की जोड़ी ने मप्र के राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया। इस मामले को लेकर एक सवाल के जवाब में, मध्य प्रदेश के प्रभारी, कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नाथ और सिंह की दोस्ती की तुलना ‘शोले’ के जय और वीरू की दोस्ती से की।

भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार कर मौका भुनाया। मुख्यमंत्री चौहान ने सिंह और नाथ पर कटाक्ष करते हुए उन्हें शोले के जय और वीरू के रूप में संदर्भित किया और कहा कि वे लूट के बंटवारे को लेकर आपस में लड़ रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर ने कहा, ‘यह अनावश्यक विवाद है और चौहान को इसमें नहीं पड़ना चाहिए था। जय-वीरू (नाथ और दिग्विजय) को निशाना बनाकर, वह (चौहान) स्वतः ही गब्बर बन गए क्योंकि जय-वीरू अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते हैं और उन्हें चोरों के रूप में याद नहीं किया जाता।’

'लूट के माल' को लेकर आपस में लड़ रहे -शिवराज

चौहान ने इन पात्रों का जिक्र उन खबरों के बाद किया, जिनमें कहा गया था कि सिंह और नाथ मंगलवार को कांग्रेस नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली में थे। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने अकाउंट पर साझा किए गए एक वीडियो बयान में, चौहान ने कहा, ‘जय-वीरू की जोड़ी को दिल्ली बुलाया गया है। जैसा कि अखबारों ने बताया, वे (कांग्रेस नेता) कह रहे हैं कि भाजपा भ्रम पैदा कर रही है (नाथ और सिंह के बीच मतभेद के बारे में)। दिल्ली (कांग्रेस नेतृत्व) ने उन्हें क्यों बुलाया है? जय और वीरू 'लूट के माल' को लेकर आपस में लड़ रहे हैं।’

चौहान का आरोप-कमलनाथ ने राज्य को लूट का केन्द्र बना दिया

चौहान ने आरोप लगाया कि 2003 से पहले भी जब भाजपा ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाई थी, तब मिस्टर बंटाधार (जैसा कि भाजपा दिग्विजय सिंह को बुलाती है) पूरे राज्य को लूट कर बर्बाद कर चुके थे। उन्होंने कहा कि 15 माह के शासनकाल में भी कमल नाथ जी ने मध्य प्रदेश को लूट का केन्द्र बना दिया। उन्होंने कहा कि अब विवाद इस बात को लेकर है कि लूटने वालों में अगला कौन होगा और उसमें (लूट के माल में) किसको किस तरह का हिस्सा मिलेगा। ‘इसमें दिल्ली भी शामिल है।’

दिग्विजय सिंह ने चौहान को घेरा

इसके बाद नाथ ने ‘एक्स’ पर जवाब दिया, ‘शिवराज जी, जय और वीरू ने ही अत्याचारी गब्बर सिंह से हिसाब बराबर किया था। मध्य प्रदेश 18 साल से अत्याचार झेल रहा है। अत्याचार के अंत का समय आ गया है। बाकी आप समझदार हैं...।’चौहान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह सब छोड़कर मुख्य मुद्दों पर ध्यान देना बेहतर है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से, उन्होंने (भाजपा सरकार ने) राज्य को उसी तरह लूटा, जैसे गब्बर सिंह लूटता था। उन्होंने कहा ‘इसमें न पड़ें, मुद्दे जय-वीरू या गब्बर सिंह नहीं हैं। मुद्दा यह है कि पिछले 20 वर्षों में इनके भ्रष्टाचार, झूठ, धोखाधड़ी और व्यापमं तथा हाल ही में हुई पटवारी परीक्षा में घोटाले और बेरोजगारी से लोग बहुत थक चुके हैं।’

'मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे भाजपा'

सिंह ने कहा कि भाजपा ने दावा किया कि उन्होंने मध्य प्रदेश को बीमारू (पिछड़े) राज्य की श्रेणी से बाहर निकाला है, लेकिन अगर कोई राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र को देखे तो कुछ नहीं हुआ। सिंह ने कहा ‘कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन न मिलने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई। फिल्मी अंदाज में बात करने के बजाय उन्हें चुनाव में मुख्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने चुनाव के दौरान राज्य की राजनीति में शोले के किरदारों को लाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

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