साउथ में BJP की एंट्री और 10 साल बाद भी मोदी ही सबकुछ! Exit Poll ने दे दिए 5 बड़े संकेत

Lok Sabha Election Exit Poll: एग्जिट पोल (Exit Poll 2024 Result) से यह भी संकेत मिले हैं कि विपक्ष के मुद्दों को जनता ने तरजीह नहीं दी। इंडिया गठबंधन के 'संविधान बचाओ' और कांग्रेस के 'पांच न्याय' भी मोदी की प्रचंड लहर के सामने धाराशाई होते दिखाई दिए। वहीं, केजरीवाल की गिरफ्तारी भी दिल्ली की जनता का मूड बदलने में कारगर साबित होती नहीं दिखाई दी।

PM Modi

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Exit Poll 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोट (Lok Sabha Election Exit Poll) जारी हो चुके हैं। लगभग हर सर्वे एजेंसी की ओर से किए गए एग्जिट पोल (Exit Polls) में यह बात तो साफ हो गई है कि इस बार मोदी सरकार 3.0 (Modi Government) की तैयारी है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि मोदी सरकार सत्ता में सिर्फ वापसी ही नहीं कर रही, बल्कि प्रचंड बहुमत से सरकार बना रही है। यहां तक कि कुछ एग्जिट पोल (Lok Sabha Chunav 2024 exit poll) में मोदी सरकार का '400 पार' का नारा भी पूरा होता दिख रहा है। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब लगातार तीसरी बार कोई सरकार सत्ता में वापसी करने जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन का सूपड़ा साफ होता दिखाई दे रहा है।

एग्जिट पोल (Exit Poll 2024 Result) से यह भी संकेत मिले हैं कि विपक्ष के मुद्दों को जनता ने तरजीह नहीं दी। इंडिया गठबंधन के 'संविधान बचाओ' और कांग्रेस के 'पांच न्याय' भी मोदी की प्रचंड लहर के सामने धाराशाई होते दिखाई दिए। वहीं, केजरीवाल की गिरफ्तारी भी दिल्ली की जनता का मूड बदलने में कारगर साबित होती नहीं दिखाई दी। आइए जानते हैं इस बार के एग्जिट पोल से 5 कौन-कौन से बड़े संदेश निकलकर आए हैं...

जादू बरकरार, यानी 10 साल बाद भी मोदी ही सबकुछ

जब लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई तो विपक्ष की ओर से यह माहौल बनाने की कोशिश हुई कि इस बार 2014 और 2019 जैसी मोदी लहर बरकार नहीं है और जनता के बीच मोदी सरकार को लेकर बड़ी नाराजगी है। हालांकि, जब एग्जिट पोल जारी हुए तो इसका ठीक उल्टा दिखाई दिया। जनता ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर ही भरोसा जताया। चुनावी विश्लेषकों की ओर से कहा गया है कि जनता के बीच मोदी सरकार को लेकर उस तरह की नाराजगी देखने को नहीं मिली, जिसका असर चुनाव में दिखाई दिया और लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही वोट किया।

साउथ में मजबूत हो रही भाजपा

पूरे लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से यह कहा गया कि भाजपा को सबसे ज्यादा चोट दक्षिण पट्टी के राज्य पहुंचाएंगे। इंडिया गठबंधन की ओर से तो नारा भी दिया गया कि 'दक्षिण में साफ और उत्तर में हाफ'। हालांकि, जब एग्जिट पोल जारी हुए तो आंकड़े चौंकाने वाले थे। बीजेपी दक्षिण पट्टी के राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करती दिखाई दी। फिर चाहें वह तेलंगाना हो या कर्नाटक। यहां तक कि आंध्र प्रदेश में भी टीडीपी के साथ एनडीए गठबंधन बेहतर प्रदर्शन करता दिखाई दे रहा है। वहीं, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी बीजेपी को सीटें मिलती दिख रही हैं। दोनों राज्यों में बीजेपी को 2 से 3 सीट मिलने का अनुमान है।

केजरीवाल को कोई सहानुभूति नहीं

लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भी एक बड़ा फैक्टर रही। माना जा रहा था कि शराब घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी बीजेपी को चोट पहुंचा सकती है और दिल्ली में पार्टी को बड़ा नुकसान होता दिखाई दे रहा था। जबकि, हुआ इसका ठीक उल्टा। एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें एक बार फिर से बीजेपी की खाते में जाती दिखाई दे रही हैं। वहीं, पंजाब जैसे आम आदमी पार्टी की मजबूत पकड़ वाले राज्यों में भी केजरीवाल की गिरफ्तारी मुद्दा बनती दिखाई नहीं दी। बता दें, आम आदमी पार्टी ने इसको लेकर 'जेल का जवाब वोट से' कैंपेन भी चलाया था।

नए राज्यों से नुकसान की भरपाई

जब चुनाव शुरू हुआ तो यह कहा जा रहा था कि बीजेपी को प्रचंड जीत हासिल करनी है तो उसे ऐसे राज्यों में प्रदर्शन बेहतर करना होगा, जहां उसका जनाधार बेहतर नहीं है। बीजेपी ने ऐसा ही किया। पार्टी ने राजस्थान, बिहार, यूपी और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हो रहे थोड़े बहुत नुकसान की भरपाई नए राज्यों से की है। उदाहरण के लिए ओडिशा में बीजेपी बेहतर प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है। एग्जिट पोल के अनुसार, पार्टी यहां पर 15 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर सकती है और बीजद को यहां भारी नुकसान हो रहा है। वहीं, पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी की सीटें बढ़ती दिखाई दे रही हैं।

उद्धव ठाकरे को मिली सहानुभूति

एग्जिट पोल से एक संकेत यह भी मिला है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को जनता की सहानुभूमि मिलती दिख रही है। बीते कुछ सालों में यहां हुए भारी उलटफेर, शिवसेना में दो फाड़ और उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री पद गंवाना, जनता के बीच बड़ा मुद्दा रहा और उन्होंने इसको लेकर जमकर वोट भी किया। इसका नुकसान एनडीए गठबंधन को होता दिखाई दिया। एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में उद्धव गुट वाली शिवसेना की सीटें बढ़ती दिखाई दे रही हैं।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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