Election 2024: 23 साल बाद पहली बार लोकसभा चुनाव से KCR परिवार है दूर, बेटी जेल में तो बेटा-भतीजा भी विधायकी से खुश!
Election 2024: तेलंगाना के आंध्र प्रदेश से अलग करने में केसीआर और उनकी पार्टी बीआरएस (पहले टीआरएस) का बड़ा हाथ है। तेलंगाना से अलग होने के बाद बीआरएस ही सत्ता में थी, केसीआर लगातार सीएम रहे।
केसीआर परिवार चुनाव से दूर
Election 2024: आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है, जब बीआरएस ंमुखिया केसीआर के परिवार से कोई चुनावी मैदान में नहीं है। बेटी शराब नीति घोटाले में जेल में है तो वहीं बेटे और भतीज अपनी विधायकी से ही खुश दिख रहे हैं। अभी तक के हर चुनाव में केसीआर परिवार का कोई न कोई सदस्य चुनाव में उतरता ही थी।
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सालों सत्ता में रहा है केसीआर परिवार
तेलंगाना के आंध्र प्रदेश से अलग करने में केसीआर और उनकी पार्टी बीआरएस (पहले टीआरएस) का बड़ा हाथ है। तेलंगाना से अलग होने के बाद बीआरएस ही सत्ता में थी, केसीआर लगातार सीएम रहे। हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने केसीआर को पटखनी दी और सत्ता पर कब्जा कर लिया। पहली बार केसीआर परिवार सत्ता से बाहर हुआ और परिवार संकट में भी फंसा। केसीआर की बेटी के.कविता दिल्ली शराब नीति घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तार कर ली गई है, केसीआर खुद चुनाव के बाद गिर गए थे, जिसके कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो गया।
परिवार विधायकी से खुश!
ऐसी अटकलें थीं कि केसीआर के नाम से लोकप्रिय भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष या उनके बेटे के.टी. रामा राव या भतीजे टी. हरीश राव इस बार लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि तीनों विधायकों में से कोई भी मैदान में नहीं उतरा। केसीआर की बेटी के. कविता, जो निज़ामाबाद लोकसभा क्षेत्र से 2019 का चुनाव हार गई थीं, भी इस बार चुनाव नहीं लड़ रही हैं। तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य कविता को हाल ही में कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
टीडीपी का हिस्सा थे केसीआर
केसीआर, जिन्होंने 2001 में तेलंगाना आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) से इस्तीफा देकर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) बनाई थी, 2004 में करीमनगर से लोकसभा के लिए चुने गए और केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में मंत्री बने। उन्होंने 2006 और 2008 में हुए उपचुनावों में यह सीट बरकरार रखी थी। केसीआर 2009 में महबूबनगर से लोकसभा के लिए चुने गए। इसी कार्यकाल के दौरान वह तेलंगाना राज्य के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहे। तेलंगाना में 2014 में टीआरएस की पहली सरकार बनने के बाद केसीआर मुख्यमंत्री बने। उनके बेटे और भतीजे, जो एक बार फिर विधानसभा के लिए चुने गए, उनके मंत्रिमंडल में मंत्री बने। साथ ही साथ हुए संसदीय चुनावों में केसीआर की बेटी कविता निज़ामाबाद से लोकसभा के लिए चुनी गईं। टीआरएस ने 2018 में सत्ता बरकरार रखी, कविता 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के धरमपुरी अरविंद से निज़ामाबाद लोकसभा सीट हार गईं। बाद में वह विधान परिषद के लिए चुनी गईं।
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