Exclusive: टेंपो में भरे काले धन, राहुल गांधी और केजरीवाल पर Times Now Navbharat से क्या बोले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, देखिए पूरा इंटरव्यू

Piyush Goyal Exclusive Interview: भाजपा के मुंबई उत्तर से उम्मीदवार पीयूष गोयल ने 'टाइम्स नाउ नवभारत' को दिए खास इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे, राहुल गांधी, केजरीवाल, ब्लैक मनी जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी, देखिए उनका पूरा इंटरव्यू...

Exclusive Interview of Piyush Goel 4

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 'टाइम्स नाउ नवभारत' को दिए खास इंटरव्यू में कई मुद्दों पर राय रखी

Piyush Goyal Exclusive Interview: केंद्रीय मंत्री और भाजपा के मुंबई उत्तर से उम्मीदवार 'पीयूष गोयल' ने 'टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर इन चीफ' 'नाविका कुमार' से खास बातचीत की उन्होंने इस दौरान खुलकर सवालों के जबाव दिए, इस खास इंटरव्यू में गोयल ने मोदी सरकार के कामकाज, केजरीवाल, मुस्लिम और राहुल गांधी से लेकर कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी।
सवाल-जवाब का ये सिलसिला, पढ़ें उनका पूरा इंटरव्यू ...
नाविका कुमार, ग्रुप एडिटर इन चीफ
हम हैं नॉर्थ मुंबई में, और हमारे साथ नॉर्थ मुंबई के पार्लियामेंट्री इलेक्शंस के कैंडिडेट पीयूष गोयल जी...पीयूष गोयल जी स्वागत है आपका और आज ये पब्लिक मंच भी है हमारा और इस पब्लिक मंच में, आप जिसको कहते हैं न, आपने छलांग लगा दी है रफ एंड टम्बल ऑफ इलेक्शन में...पहली बार लोकसभा इलेक्शन चुनाव लड़ने जा रहे हैं आप। सबसे पहले तो आप से पूछूंगी माहौल कैसा लग रहा है...
पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री
इतना मजा है, मैं जितना धन्यवाद करूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का उतना कम पड़ेगा। इतने वर्षों से अब लगभग 40 वर्ष हो गए, दूसरों का चुनाव लड़ा, बैक रूम ब्वॉय बने, कभी इलेक्शन मैनेजर बने। आपको याद है कि नहीं मैं आडवाणी जी तक का चुनाव संभाला था...1989, उनका पहला चुनाव, लाइफ का पहला चुनाव और लगभग मेरी उम्र के ही थे, जब उन्होंने लाइफ का पहला चुनाव लड़ा, मुझे उठाकर ले गए, मुंबई...और कहा कि तुम्हें मेरे यहां पर रहना है, मैं उनके घर पर रहा और पूरा चुनाव संभाला तो बहुत सारे अनुभव थे लेकिन मुझे लगता है उम्मीदवार होने का जो स्वाद है, जो एक नया ही मन को प्रभावित करने वाला अनुभव है। आपकी संवेदनशीलता बढ़ती है आपका दूसरों के प्रति देखने का और स्वभाव रखने का तरीका बदल जाता है...मैं बहुत उत्साहित हूं...
नाविका कुमार
लेकिन राज्य सभा में इतने साल लीडर ऑफ़ द हाउस राज्य सभा में और अब लोकसभा में ग्रामर अलग होता है न दोनों रोल्स का, राज्य सभा का और लोक सभा का और जिस तरह से ये वोट मांगने की एक प्रक्रिया है, क्या फर्क महसूस होता है।
पीयूष गोयल
मुझे लगता है मेरे लिए कोई फर्क नहीं महसूस हो रहा है क्यूंकि ये जिंदगीभर यही किया... कार्यकर्ता के रूप में जब शुरू किया तब डोर टू, डोर कैंपेनिंग करना, पोस्टर लगाने जाना, रात को बैनर पेड़ों पर लगना खुद तो नहीं चलता था, सुपरवाइज करता था लेकिन ये पूरा जो अनुभव रहा यह अपने आप में कुछ मात्रा में अलग रहा क्योंकि दूसरे के लिए करना और स्वयं के लिए दूसरों से करवाना जो एक कैंडिडेट की एंजाइटी होती है, इमोशनल हो जाते है, कैंडिडेट हर चीज पर चिंता करते हैं, हर चीज की गहराई में जाते हैं। और कभी कभी जब हम इलेक्शन मैनेजर होते थे तो ये इरिटेट करता था। अब ध्यान में आ रहे पुराने अनुभव याद करते हुए शायद मैनेजर हम थोड़े ज्यादा ही टफ थे कैंडिडेट के ऊपर...
नाविका कुमार
पीयूष जी, इससे पहले भी आपके पिता जी बीजेपी में थे, मंत्री थे, आपकी माता जी, मुंबई से 3 बार असेम्बली में आई हैं। आप हमेशा चुनाव के साथ रहे हैं मुंबई के अन्दर। मैं आप से पूछना चाहती हूं कि चुनाव के स्टाइल कितने बदल गए हैं और जिस तरह से आज की पॉलिटिक्स है, क्या ज्यादा चुनौतीपूर्ण है...
पीयूष गोयल
पहली बार तो चुनाव में बहुत ज्यादा मुझे बदलाव नहीं दिख रहा है सिवाय इसके कि पुराने ज़माने में चुनाव हमेशा नकारात्मक सोचते रहते थे.. इस बार मुझे लगता है कि हम जब विकास की बात करते हैं, विकास से देश का क्या लाभ हुआ, सामान्य व्यक्ति के जीवन में क्या प्रभाव हुआ है। जिस प्रकार से लोगों का रेस्पॉन्स मिलता है, जब हम मोदी जी के 10 वर्ष के कार्यकाल की बात या विकसित भारत के दृढ संकल्प की बात करते हैं, मुझे लगता है अच्छा अट्रैक्शन मिल रहा है और यह सकारात्मक राजनीति भारत की राजनीति में एक नया पहलू है...
नाविका कुमार
पर आपको लगता है सकारात्मक राजनीति है क्योंकि आये दिन आप देखिये, जिस तरह का टकराव है दोनों तरफ से.... कोई पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है, कोई कह रहा है, एक्स-रे करा देंगे, वेल्थ री डिस्ट्रीब्यूशन होना चाहिए।
पीयूष गोयल
इसमें से आपको एक भी विषय ऐसा नहीं मिलेगा जो माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी या बीजेपी ने शुरू किया... बीजेपी ने चुनाव शुरुआत से विकास के मुद्दे पर रखा, हमारे 10 वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों पर रखा। आगे जो हम देश के सामने चित्र देखते हैं, रखते हैं, उस पर बनाये रखा। ऑफकॉर्स अगर कांग्रेस के मेनिफेस्टो में या उनके सलाहकार या उनके नेता बार बार लोगों को गुमराह करने की कोशिश करें, अनाप शनाप बयान दें , डराने की कोशिश करें, उसका जवाब तो देना हमारी जिम्मेदारी बनती है।
नाविका कुमार
तो आपको लगता है की कुछ पहल आपकी तरफ ऐसी भी हुई है, पोलराइज करने की...
पीयूष गोयल
कभी भी नहीं...
नाविका कुमार
अब आप मुसलमानों को घुसपैठिया कहते हैं...
पीयूष गोयल
कभी भी नहीं...अगर कोई टेररिस्ट को सपोर्ट करता है या हमारे शहीद हेमंत करकरे के बलिदान को छोटा दिखाने की कोशिश करता है और उसको भी कहने की कोशिश करता है की यह कोई RSS से सम्बंधित लोगों ने शहीद को मारा तो स्वाभाविक रूप से दर्शाता है कि आतंकवादी और घुसपैठियों के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है और उनकी भाषा बोल रही है।
नाविका कुमार
लेकिन पोलराइजेशन तो इस चुनाव में है जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि मुसलमानों के लिए आरक्षण नहीं होगा और ओबीसी...
पीयूष गोयल
नाविका जी, प्रधानमंत्री जी ने क्या गलत कहा अगर कांग्रेस के नेता कहे कि आने के बाद ओबीसी एससी एसटी की रिजर्वेशन कम करके हम माइनोरिटीज को प्राथमिकता देना चाहते हैं तो स्वाभाविक रूप से प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना पड़ेगा और देश को एक आश्वासन देना ही पड़ेगा कि भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी कभी इसको उन्हें नहीं देंगे चाहे कांग्रेस लाख कोशिश कर ले, रिलिजन बेस्ड तो असंवैधानिक है, संविधान इजाजत ही नहीं देता है...सुप्रीम कोर्ट के इतने सारे वर्डिक्ट हैं... ये सोशल और इकॉनोमिक पिछड़ापन और इसमें रिलिजन बेसिस पर तो देना असम्भव है...मैं जहां भी जा रहा हूँ, मुझे तो हर समुदाय के लोग, हर धर्म के लोग, बहुत ही अच्छा स्वागत भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के लिए भी आशीर्वाद भेज रहे हैं और उनके ध्यान में आ रहा है कि ये जो वर्षों वर्षों से उनको एक वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया है वर्षों वर्षों से जो उनके साथ खिलवाड़ हुआ है, उनका विकास तो किया नहीं गया, लेकिन उनको डरा धमकाकर हर बार वोट लेने की जो कोशिश होती है, आज कल वो थोड़ा चौकन्ने हो रहे हैं....विशेषकर महिलाएं और युवा वो तो शत प्रतिशत दर्शा रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी के साथ हैं....
नाविका कुमार
आपके अपने क्षेत्र में ये गुजराती बोल रहे है, तो ये नरेंद्र मोदी भाई की तरफ कहीं गुजराती सपोर्ट है।
पीयूष गोयल
मुझे लगता है आप कोई भी भाषा में बात कर लो। कल तेलगू समाज का बड़ा कार्यक्रम था, तमिल के 2 बड़े कार्यक्रमों में मैं जा के आया। मुझे लगता है आज देश के कोई हिस्से का व्यक्ति हो....
नाविका कुमार
मिर्ची कम मिर्च शब्दों में होनी चाहिए खाने में नहीं....और ये खास कर के कम मिर्च आप राहुल गांधी को सर्व करना चाहते हैं या सिर्फ चुनाव में मिर्च कम रखना चाहते हैं
पीयूष गोयल
ऐसा है कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो हमें सिखाया है वो काम करना, अच्छे तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाना, जो भी काम करे उसमें 2 प्रमुख उनकी राय रहती है, एक तो भेदभाव नहीं करना और दूसरा जिम्मेदारी से करना और उसकी मॉनिटरिंग भी अच्छी हो, ऐसा नहीं हो कि तुमने शुरू किया और फिर आधा अधूरा छोड़ दी....तो चुनाव है तो हम चुनाव में पूरी तरीके से लाए, फिर उसमे मिर्च मसाला लगे या नमक लगे, जो भी लगे अगर कोई हमारे ऊपर टिका टिप्पणी करे और गलत आरोप लगाए तो उसको हम हल्के में नहीं लेते, उसको सीरियस चुनाव की दृष्टि से लेते हैं...
नाविका कुमार
मैं आपसे पूछना चाहती हूं... पहला फेज चुनाव का 19 अप्रैल से शुरू हुआ, उस वक्त लोग कह रहे थे कि कोई नैरेटिव नहीं है, किसी एक मुद्दे पर ये चुनाव टिका हुआ नहीं है... उस वक्त जो बात हुई 400 पार होगा या इंडिया गठबंधन होगा... फिर वहां से दूसरा फेज आया और सबने कहना शुरू किया बीजेपी में खास करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस का मेनिफेस्टो उठाया और कहा यह मुस्लिम लीग का मेनिफेस्टो है और वहां से पोलराइजेशन शुरू हुई। लोग कह रहे हैं पहले पोलराइजेशन मेनिफेस्टो से शुरू हुई, फिर मुस्लिम रिजर्वेशन पर बात आई और उसके बाद सीधा, राहुल गांधी, इन्हेरिटेंस टैक्स और ये सब बातें शुरू हुई... लोग कह रहे हैं कहीं डेस्पिरेशन हैं बीजेपी की....
पीयूष गोयल
लोग मतलब कौन आते, लोगो को यहाँ भी पूछा....
नाविका कुमार
विपक्ष.....
पीयूष गोयल
स्पष्ट करिए न... लोग क्यों कर देते हो, विपक्ष को रिप्रेजेंट कर रही होती तो सरकार में होती।
नाविका कुमार
पक्ष का एक इको सिस्टम है उसमें लोग हैं
पीयूष गोयल
वो लोग स्पष्ट होनी चाहिए कि विपक्ष के लोग कह रहे हैं... नाविका जी ऐसा है के हमारा कल भी पक्का देखना था कि 400 से अधिक सीटें NDA की आ रही है, आज भी है और 4 जून को हम आपको सिद्ध करेंगे की 400 से अधिक सीटें प्रधानमंत्री की झोली में आने वाली है, ये हमारे हाथ में नहीं है, जनता कर रही है....जनता ने मन बना लिया है। आज स्थिति ऐसी है की अगर पहले चरण के बाद उन्होंने मेनिफेस्टो निकाला या उसके 1-2 दिन पहले निकाला तो स्वाभाविक रूप से उसको पढ़कर उसमें जो आलोचना करने लायक था उसको आलोचना करना ही पड़ा। अगर उनके निजी सलाहकार कहें के 55 परसेंट इनहेरिटेंस टैक्स यूएस की तरह भारत के मिडिल क्लास में सभी के ऊपर लगना चाहिए और उसी को जब हम 4 कड़ियों के साथ जोड़ते हैं तो ध्यान आता है कि कितना बड़ा षड्यंत्र है कांग्रेस का...मनमोहन सिंह जी बार बार कहा करते थे कि सरकार के पैसे का या टैक्स के पैसे का पहला अधिकार मुसलमानों के लिए होना चाहिए एक कड़ी दूसरी कड़ी राहुल गाँधी बार बार कह रहे हैं कि जितनी जनसंख्या, उतना अधिकार यानी वो किसी न किसी तरीके से कह रहे हैं कि मुसलमानों की तरफ भी पैसा जाना चाहिए..
नाविका कुमार
तो जाना नहीं चाहिए ?
पीयूष गोयल
सबके पास बिना भेदभाव जाना चाहिए... मैंने आपको क्या कहा...बिना भेदभाव...कभी प्रधानमंत्री ये नहीं बोलते हैं कि 80 करोड़ लोगों को तुम जो अनाज बांट रहे हो, उसमें मुसलमानों को न मिले। सबको मिलता है, जो डिजर्विंग है, जो बैकवर्ड है, जो गरीब है.... और वो हम नहीं चुनते है, वो पंचायत लेवल पर डेटा के आधार पर तय होता है। केंद्र सरकार तय नहीं करती है...
लेकिन जैसे ही मुसलमानों का नाम आता है तो बीजेपी में एक सनसनी सी फैल जाती है...
पीयूष गोयल
क्योंकि इनकी जो सोच है कि किसी न किसी तरीके से सारे देश के मध्यम वर्ग और सबकी सम्पत्ति का पहले आकलन किया जाए। उसमे 55 परसेंट इनहेरिटेंस टैक्स लगाया जाए, उस पैसे का पहला अधिकार एक विशेष समुदाय को है अमीर हो गरीबों हो...इससे कोई लेना देना नहीं है। ये जब कड़ियां जोड़ते है और ट्रैक रिकॉर्ड देखते हैं, सच्चर कमिटी को बेचकर एक मुख्यमंत्री से पूछा जाता था कि आपने मुसलमानों के लिए विशेष क्या किया? अलग विशेष क्यों...सब के लिए सामान्य होना चाहिए। हमको प्रमोद तिवारी जो मेरे राज्यसभा के कांग्रेस के उपनेता हैं। माने प्रमोद तिवारी जी ने जिस प्रकार से टेलिविजन इंटरव्यू में डिमांड किया, जब राहुल गांधी जी को सजा हुई, ये अभी भारत में गांधी परिवार के लिए अलग कानून होना चाहिए....अब हम तो हक्के बक्के रह गए... इस प्रकार से जिस पार्टी की सोच हो कि एक परिवार के लिए भी अलग कानून और एक विशेष समुदाय के लिए अलग फैसले और अलग लाभ। यह कदापि देश स्वीकार नहीं करेगा...
नाविका कुमार
पीयूष जी...आप इंडस्ट्रीज और कॉमर्स मिनिस्टर भी हैं मतलब देश में किस तरह के कारोबारी लोग चल रहे है, वो भी आप देखते हैं। प्रधानमंत्री का 1 स्टेटमेंट आया जिसने एक सनसनी सी फैला दी। उन्होंने कहा अडानी अम्बानी टेम्पो में भर भर के काला धन कांग्रेस को दे रहे हैं। मैं पूछना चाहती हूं इस स्टेटमेंट के पीछे का लॉजिक क्या है?
पीयूष गोयल
मैं उत्तर मुंबई में चुनाव में और प्रधानमंत्री जी ने जो कहा उसकी तो आपको प्रधानमंत्री जी से ही पूछना पड़ेगा...लेकिन स्पष्ट दिख रहा था कि कुछ तो बदला है, कुछ तो दाल में काला है कि अचानक राहुल गांधी जी दिन रात जो जपा करते थे जताया करते थे उसमें बदलाव आ गया....
नाविका कुमार
लेकिन अगर टेम्पो में भर कर काला धन बोरियों में जा रहा है तो कहीं न कहीं पकड़ना तो आप ही का काम है। सरकार तो अभी भी आप की चल रही है।
पीयूष गोयल
मुझे पूरा विश्वास है सरकार का काम नहीं है...सरकार का जो काम देखती है एजेंसी वो निगरानी रखेंगे।
नाविका कुमार
लेकिन ये एक डेस्पिरेट अटैंप्ट था कि अडानी अंबानी सिर्फ बीजेपी के साथ असोसिएट न हो तो आप कांग्रेस के साथ एसोसिएट कर दिए...
पीयूष गोयल
मैंने जैसे आपको पहले भी बताया यह सरकार है जिसने कभी कोई विशेष अधिकार किसी के लिए नहीं है। किसी खास को अलग लाभ मिले और सामान्य आदमी के लिए अलग हो यह कभी हमारी सरकार ने किया ही नहीं...ऐसा एक भी उदाहरण आपको मिलेगा नहीं यह मैं आपको दावे से कह सकता हूं....
नाविका कुमार
अगर आपकी सरकार पर यह आलोचना भी होती है और यह आरोप भी लगता है कि आपकी सरकार वाशिंग मशीन वाली सरकार है जो आता है धुल जाता है और अब महाराष्ट्र की बात कर लीजिये अजीत पवार हों प्रफुल्ल पटेल हों..
पीयूष गोयल
आरोप लगाने का सबको अधिकार है... मैं मानता हूँ कि कानून अपने जगह काम करती है और किसी के लिए भी किसी प्रकार का कोई विशेष छूट या सुविधा देना इस सरकार की नीति नहीं है....
नाविका कुमार
आपको लगता है अरविन्द केजरीवाल को जो सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल बेल दी है, यह कहीं न कहीं बीजेपी के लिए निगेटिव है?
पीयूष गोयल
सुप्रीम कोर्ट का फैसला है आगे चलकर इसके क्या मायने होंगे ये सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करेगा....
नाविका कुमार
पर ये थोड़ा बीजेपी को बैकफुट पर डालता है?
पीयूष गोयल
नहीं, मैं नहीं मानता हूं...
नाविका कुमार
बाहर निकाल के केजरीवाल जी कुछ अच्छा तो बोल नहीं रहे हैं आपके बारे में।
पीयूष गोयल
केजरीवाल जी जो भी कहें आज जनता का विश्वास जिसके साथ है वो तय करेगा....
नाविका कुमार
पीयूष जी महाराष्ट्र की बात करते हैं। आप जिस संसदीय क्षेत्र से खड़े हैं, 2004 में यहां से गोविंदा थे। 2009 में यहां से संजय निरुपम थे और गोविंदा कांग्रेस से लड़े थे। आज दोनों आपकी अलायंस पार्टीज के साथ हैं। ये जो आप जगह जगह से लोग उठा उठा के अपनी पार्टी का विस्तार कर रहे हैं। एक दिन ऐसा आएगा कि हर आदमी बीजेपी से ही होगा क्या।
पीयूष गोयल
एकनाथ शिंदे जी जिस को लें उसमें हम क्या दखलअंदाजी कर सकते हैं...
नाविका कुमार
परिवार तो बीजेपी का है ना।
पीयूष गोयल
140 करोड़ लोग, मोदी जी का परिवार, सबका साथ सबका विकास होना चाहिए
नाविका कुमार
तो किस किस का विकास कर रहे है। अजीत पवार जी का और उनके वो जो चक्की पीसिंग वाला, आपको याद होगा।
पीयूष गोयल
एक सौ 40 करोड़ लोगों का विकास हो रहा है आपका भी विकास हो रहा है।
नाविका कुमार
अजीत पवार।
पीयूष गोयल
140 करोड़ भारत में जो है सबका विकास हो रहा है। राहुल गांधी और चीफ मिनिस्टर नहीं।
नाविका कुमार
सब डिप्टी चीफ मिनिस्टर नहीं हैं
पीयूष गोयल
हमारे सोच में तो राहुल गांधी और अरविन्द केजरीवाल भी विकास से जुड़ रहे है, उनको भी लाभ मिल रहा है।
नाविका कुमार
महाराष्ट्र की ही बात करो, लोग कह रहे हैं कि सिंपैथी वेव उद्धव ठाकरे जी के साथ है
पीयूष गोयल
मैं भी चुनाव में घूम रहा हूँ। मुझे कभी ऐसा फील नहीं हुआ
नाविका कुमार
और 48 में से 41 सीट थी एनडीए को 2000 में है।
पीयूष गोयल
इस बार 42 सीट पर जीतने के लिए हम लड़ रहे हैं।
नाविका कुमार
और जब उद्धव ठाकरे गददार बुलाते हैं।
पीयूष गोयल
महाराष्ट्र के लोग बड़े समझदार हैं वो बड़ी बात भी जानते हैं। उद्धव ठाकरे ने चुनाव तो लड़ा था मोदी जी के साथ अधिकांश सीटें भी जीते इसलिए कि मोदी जी की फोटो लगा-लगा के शिवसेना के कैंडिडेट लड़ रहे थे। तो उसके बाद जो उन्होंने मोदी जी और फडणवीस जी को धोखा दिया। मैं समझता हूँ तो सभी लोग समझते हैं
नाविका कुमार
लेकिन जब उन्हें बुलाया जाता बीजेपी द्वारा के वो असली बेटे नहीं है बाला साहब ठाकरे के...
पीयूष गोयल
बाल साहब ठाकरे कुछ सिद्धांतों की राजनीति करते रहे, वो सभी सिद्धांतों को उद्धव ठाकुर जी ने बलि कर दिया, बलि पर चढ़ा दिया। बाला साहेब ठाकरे जी को कितना दर्द हो रहा होगा। वो आज देखते तो...जिस पार्टी में उन्होंने ये कहा था कि मैं पार्टी बंद कर दूंगा। लेकिन कांग्रेस के साथ नहीं जाऊंगा...वो आज राहुल गांधी के गोद में जा के उनके यहां लटका बैठा है।
नाविका कुमार
बट आई सिंसेरली वॉन्ट टू आस्क यू,
पीयूष गोयल
तो आप तमाम बाकी क्वेश्चन सिंसेरली नहीं पूछेगा क्या
नाविका कुमार
बाकी भी पूछ रही थी, पर यह पूछ रही हूँ आप आप ट्रू ब्लू बीजेपी है क्यूंकि? आपकी फैमिली से, काफी देर से बीजेपी में सब लोग रहे हैं। जब आप दूसरी पार्टियों से लेते हैं, खासकर के कांग्रेस से लोग अपने पार्टी में लेते हैं, तो फिर पार्टी विद डिफ्रेंस कैसे रह जाती है।
पीयूष गोयल
जिन ने 2 बार प्रश्न उठाया बहुत कॉमनली... 1 बात जरूर स्पष्ट करना चाहूँगा जिससे आपके दर्शकों को गलतफहमी न हो... सबसे बड़ा डिफरेंस हमारी पार्टी में ये है कि यहाँ मेरिट देखते आपके सरनेम के हिसाब से पद नहीं मिलता...कोई पद आरक्षित नहीं है... मेरा स्वयं का केस देख लीजिए। 2004 में मेरी मदर रिटायर हो गई पॉलिटिक्स से... 3 बार एमएलए रहने के बाद वो लड़ी नहीं. नाना जी देशमुख ने हमें बताया, रिटायर होना चाहिए तभी रिटायर हो गईं। वो समय के हिसाब से उनकी सोच थी। एंड शी वाज आउट ऑफ़ पॉलिटिक्स, एंड माई फादर वो राज्यसभा, उनकी राज्यसभा की टर्म 2008 में और उनका देहांत भी 2008 में हो गया। तब तो मैं मुंबई में भी कोई छोटा मोटा पद रखता था ये मुझे याद नहीं. काम हर चुनाव में करता था, पद कोई नहीं था कहने का तात्पर्य ये है कि पार्टी में आप अपने मेरिट पे, अपनी हिस्सेदारी, अपना आगे का करियर पाथ बना सकता हूँ। मैं 2010 में दिल्ली में आया, आफ्टर माई फादर हैड पास्ड अवे, मदर वज आउट ऑफ पॉलिटिक्स बिफोर सिक्स ईयर। तब तक मैंने लगभग 26 साल काम किया है , कर लिया था पार्टी में, उसके बाद जाके है मुझे मौका मिला कि मैं दिल्ली आऊँ और पार्लियामेंट में मेरा प्रवेश हुआ और यही इस पार्टी की सबसे बड़ी विशेषता है
नाविका कुमार
तो आप कह रहे हैं कि जब परिवारवाद की बात होती है और कांग्रेस वाले बीजेपी पर भी यही आरोप लगाते हैं तो आप कह रहे हैं यहाँ का फार्मूला अलग है
पीयूष गोयल
फार्मूला नहीं है यहां ...ये मेरिट बेस्ड है...इसमें कोई फार्मूला की आवश्यकता नहीं है। यह सिद्धांत की बात है। और वही पार्टी डिफरेंस का 1 बहुत बड़ा पहलू है।
नाविका कुमार
चलिए ये डिफ्रेंस तो समझ में आ गया
पीयूष गोयल
इससे ऑटोमेटिकली कई नए लोग आये है पार्टी का विस्तार बने। आज हम दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, हमें इनक्लूजिव होना पड़ेगा। हम यह नहीं कह सकते है की भई बड़े समाज को हम बाहर रखकर एक छोटे से ग्रुप में पार्टी को चलाएं
नाविका कुमार
नहीं पर ये समझ में आता है लेकिन आप कांग्रेस से उठा लेते हैं। एनसीपी को मर्ज कर लेते हैं
पीयूष गोयल
हम यह आपको क्या लगता है, दे आर कमोडिटीज क्या क्या घोटाले थे। मैं आपको 1 इंट्रस्टिंग बात बताता हूँ। मुझे मेरे फादर ने 1 बार कहा था मुझे तभी स्टेटमेंट किसी ने दिया। अबाउट हॉर्स ट्रेडिंग और माई फादर टू स्ट्रॉन्ग ऑब्जेक्शन। व्हॉट डू यू मीन बीन बाई हॉर्स ट्रेडिंग। क्या ये माननीय सांसद हॉर्सेज हैं, क्या माननीय एमएलए हॉर्सेज हैं क्या। आप क्या बात कर रहे हैं हॉर्स ट्रेडिंग...ये मैं बात कर रह हूँ 30 साल पच्चीस साल पहले की। व्हॉट आई एम ट्राइ टू टेल यू इज । हम किसी को कोई फोर्स करते हैं, करेज करते हैं ऐसा नहीं है। जो भी लोग जुड़ना चाहते हैं हमारी विचारधारा के साथ, देश की सेवा के प्रभाव में जुड़ना चाहते हैं। उनकी प्रॉपर स्क्रीनिंग होती है और अगर बैलेंस में लगता है कि यह व्यक्ति अच्छा काम कर सकता है, आगे भी करेगा
नाविका कुमार
चाहे वो कल तक आपको गाली दे रहा हो। आज मन बदल गया।
पीयूष गोयल
इतना बड़ा उदार दिल तो सभी का रहता है। प्रभु श्री राम का भी था उदार दिल था, प्रभु श्री राम का, कृष्ण भगवान का भी उदार दिल था शिव जी भी बड़े उदार दिल के थे उदार दिल तो मैं समझता हूँ
नाविका कुमार
यहां आपका दिल उदार होता है या शिव जी की तीसरी आंख खुल जाती है एजेंसी द्वारा जो आप वार कर देते हैं
पीयूष गोयल
नहीं, मुझे लगता है की एजेंसी अपना काम कर रही हैं आदित्य ठाकरे को कौन सीरियसली लेता है
नाविका कुमार
नहीं लेते आप। तो उन्होंने कहा था कि एकनाथ शिंदे जो मुख्यमंत्री हैं उनके गोडाउन से पैसे मिले थे तो या तो उनको जेल जाना था या बीजेपी के साथ अलायंस में आना था...
पीयूष गोयल
नहीं तो वो तो उन्हीं की सरकार के सदस्य थे, जो एक प्रकार से आदित्य ठाकरे जी पहले खुलासा करें कि वो अपनी सरकार के बारे में क्या कह रहे हैं, उनकी सरकार ऐसे चलती थी क्या... वो ही थे न... मंत्री भी थे शायद उनके पिता जी मुख्यमंत्री थे। ये अलग बात है कि चीफ मिनिस्टर के ऑफिस नहीं गए हैं अभी ढाई साल घर ही बैठे रहे...सोचिए एक स्टेट की क्या हालत होती है? मुंबई, महाराष्ट्र तो ठप था, सब इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, सब विकास बंद था...क्योंकि वो घर बैठे थे, बाकी शायद यही काम कर रहे होंगे जो इसका अभी खुलासा स्वयं उनका लड़का कर रहा है।
नाविका कुमार
तो मैं पूछना चाहती हूँ कि देश में राम लहर है कि नहीं, आपको लगता है जब आप लोगों से मिलते हैं कि राम का प्रभाव है जो चुनाव में....
पीयूष गोयल
चुनाव में मुझे लगता है लोगों को ध्यान में है कि किसने कष्ट करके ये 5 सौ साल की लड़ाई को अंतिम अंजाम दिया और भारत में एक प्रभु श्रीराम को वनवास के बाद अपने घर बुलाया, उनकी प्राण प्रतिष्ठा की इज्जत दिलाई और 140 करोड़ देशवासियों की आस्था और अस्मिता को सम्मान मिला और भी किसने भारत में राम राज्य लाने का काम शुरू किया। ये दोनों बात लोगों के जहन में है। और मोदी जी इन दोनों बातों से सीधे जुड़ते हैं।
नाविका कुमार
आप साउथ बॉम्बे ब्वॉय हैं... अब नॉर्थ मुंबई में... आपके बारे में आपके जो कम्पेटिटर्स हैं, वो कहते हैं के आप फिश मार्केट में जाते हैं तो रुमाल नाक पर रख लेते हैं। आपको लगता है आप पर प्रहार कर रहे हैं।
पीयूष गोयल
पहली बात तो आप कम से कम इन लोगों के साथ मत जुड़िए जो एक तरफ देश को बांटना चाहते हैं, दूसरी तरफ धर्म के आधार पर, जाति के आधार पर, चमड़ी के रंग के आधार पर भारत के लोगों को बांटना चाहते हैं। और अब मेरी मुंबई को, आमची मुंबई उसको भी बांटना चाहते हैं। कभी आपने सुना है किसी को कहते हुए मैं उत्तर मुंबईकर या मैं उत्तर मध्य मुंबईकर हूँ या मैं दक्षिण मध्य मुंबईकर हूं ऐसा कभी आपने सुना है क्या ? मुंबई, मुंबई है...भारतीय तो हैं ही, पर मुंबईकर के नाते भी हम सब मुंबई के हैं। हमने कभी मुंबई को बांटने की कोशिश नहीं की...ये आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे की सोच हो सकती है। कांग्रेस राहुल गाँधी तो इसमें मास्टर हैं देश को बांटने के काम में...उनकी सोच हो सकती है हम तो बहुत गर्व से कहते हैं, हम मुंबईकर हैं..और मुझे लगता मुंबईकर होने का पक्का इरादा है कि इस क्षेत्र को कैसे हम नई ऊँचाइयों तक लेकर जायेंगे और उत्तर मुंबई को भी उत्तम मुंबई बनायेंगे। दूसरी बात, राहुल गाँधी जी वायनाड के हैं क्या ? जो मेरी आलोचना करते हैं, आदित्य ठाकरे जी, वो वर्ली सी जाके क्यों लड़े वो तो बांद्रा में रहते हैं वर्ली के लिए वो भी आउटसाइड हो गए....वर्षा गायकवाड कांग्रेस की यहां की अध्यक्षा...तो मैं जिस जगह पर पैदा हुआ हूँ सायन...वो सायन में था, वो धारावी में थी, हम से वे पड़ोसी थे, पर एक ही क्षेत्र में थे। वो क्यों आकर उत्तर मुंबई के क्षेत्र में बांद्रा कुर्ला क्षेत्र से लड़ रही हैं...? उन्होंने तो तुरंत अपना नामांकन वापस ले लेना चाहिए, वो भी आउटसाइडर है...बड़ी ही ओछी चीज है ये... मतलब इतनी हताश हो गई है, विपक्ष कोई मुद्दा है नहीं और मुद्दा ही विपक्ष के बस यही है की किसी न किसी तरीके से बांटो...
नाविका कुमार
कांग्रेस को कितनी सीट ?
पीयूष गोयल
मुझे तो लगता है पिछली बार से भी कम सीटें आएंगी...
नाविका कुमार
और राहुल गांधी को आज कोई मैसेज देना चाहेंगे...?
पीयूष गोयल
कम से कम रिजल्ट तक तो देश में रहें...ऐसा ना हो जाए कि 1 तारीख के बाद भाग जाएं विदेश...
नाविका कुमार
तो 4 तारीख को राहुल गांधी को क्या कहेंगे आप...
पीयूष गोयल
यही कि रॉकेट एक बार लॉन्च होने पर फिर फुस्स होगा...लॉन्च नहीं हो पाएगा...
नाविका कुमार
तो जब आप ऐसा कहते हैं कुछ लोग पूछेंगे कि आपको पता है कि EVM में क्या है ?
पीयूष गोयल
12-15 लाख EVM देशभर में बिना किसी इंटर कनेक्शन के....और उसी EVM से कांग्रेस की कर्नाटक में सरकार बनी आम आदमी की दिल्ली में बनी...तेलंगाना में कांग्रेस की बनी...पिनरई विजयन की केरल में बनी..ये अलग बात है कि केरल में दोनों INDI अलायंस के पक्ष एक दूसरे के साथ जोर लड़ाई में हैं...अब ऐसे में EVM कौन डाउट कर रहा है ये आपस में तय कर लें...ये इतना बेबुनियाद बहस है कि सुप्रीम कोर्ट तक ने कह दिया कि इसके ऊपर कॉज लगाना पड़ेगा अगर कोई आया तो...दुनिया में भारत का नाम रोशन हुआ है हमारे इलेक्शन प्रोसेस पर...कांग्रेस का तो बार बार सब संस्थानों पर आरोप लगाने का एजेंडा ही रहता है...
नाविका कुमार, ग्रुप एडिटर इन चीफ
पीयूष जी चुनाव की पूरी तरह सरगर्मी सर पर है..आपका चुनाव 20 तारीख को है अबकी बार क्या...
पीयूष गोयल
400 पार...
नाविका कुमार
400 पार...पक्का 4 जून को ?
पीयूष गोयल
हम सेलिब्रेट करेंगे...आप भी आना जरूर...
नाविका कुमार
बहुत बहुत धन्यवाद...आप इस हलचल में आप हमारे साथ मिले...खाना खाया और लोगों को एक पब्लिक मंच मिली...आपने सारे सवालों के जवाब दिए...
पीयूष गोयल
देखो...हमने तो हमारा महाराष्ट्रियन खाना कितना एंजॉय किया...ये देखिए...
नाविका कुमार
मैं काम पर थी..
पीयूष गोयल
तो अगली बार आप खाना और हम काम करेंगे...
नाविका कुमार
लोग अगर आपको चुनते हैं तो काम का दौर फिर से शुरू होना चाहिए...आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं...चुनाव के लिए...
पीयूष गोयल
बहुत बहुत धन्यवाद...
नाविका कुमार
और जनता की उम्मीदों पर आप खरे उतरें यही हमारी शुभकामना है....थैंक्यू सो मच पीयूष जी...
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