पहले ही चुनाव में टूटी गुलाम नबी आजाद की पार्टी! DPAP के उपाध्यक्ष ने भर दिया निर्दलीय पर्चा, नहीं मिला था टिकट

गुलाम नबी आजाद की पार्टी डीपीएपी ने एक दिन पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसमें आजाद के वफादारों सरूरी और जुगल किशोर शर्मा के नाम गायब थे।

गुलाम नबी आज़ाद की पार्टी में फूट

मुख्य बातें
  • गुलाम नबी आजाद की पार्टी में फूट
  • उपाध्यक्ष गुलाम मोहम्मद सरूरी का विद्रोह
  • गुलाम मोहम्मद सरूरी ने निर्दलीय भरा पर्चा

कभी कांग्रेस में जिस गुलाम नबी आजाद की तूती बोलती थी, आज उनकी पार्टी अपने पहले ही चुनाव में टूटने लगी है। गुलाम नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के कई नेता पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, अब डीपीएपी के उपाध्यक्ष गुलाम मोहम्मद सरूरी ने निर्दलीय पर्चा भर दिया है। सरूरी को आजाद ने टिकट देने से मना कर दिया था, जिसके बाद वो निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं।

इंदरवाल सीट से निर्दलीय भरा पर्चा

डीपीएपी के उपाध्यक्ष गुलाम मोहम्मद सरूरी ने पार्टी के टिकट देने से इनकार के बाद मंगलवार को किश्तवाड़ जिले की इंदरवाल सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन किया। उन्होंने कहा कि वह विधानसभा चुनाव लड़ने की लोगों की मांग की अनदेखी नहीं कर सकते। पूर्व मंत्री ने डीपीएपी प्रमुख गुलाम नबी आजाद के साथ किसी भी मतभेद से इनकार किया और कहा कि आजाद उनके नेता बने रहेंगे।
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