Gorakhpur Election Result: जातीय समीकरण ने किसको साधा? रवि किशन या काजल निषाद, नतीजे कल

Gorakhpur Election Result: भले ही गोरखुपर के चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बड़ा फैक्टर हों, लेकिन यहां के जातीय समीकरण किसी का भी खेल बना और बिगाड़ सकते हैं। यही कारण है कि इस सीट पर योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। सीएम योगी का गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर में सीधा मुकाबला भाजपा के रवि किशन और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी काजल निषाद के बीच है।

Gorakhpur Lok Sabha election

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Gorakhpur Election Result: देश में सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं। एग्जिट पोल के आंकड़े भी सामने आए हैं। अब इंतजार है तो बस चुनाव के अंतिम नतीजों का। चुनाव आयोग कल यानी 4 जून को सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू करेगा, जिसके बाद एक-एककर सभी सीटों से पर्दा उठता जाएगा। देश की 543 लोकसभा सीटों के साथ-साथ मतदाताओं की नजरें गोरखपुर लोकसभा सीट पर भी टिकी हैं। इसकी वजह हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। सीएम योगी का गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर में सीधा मुकाबला भाजपा के रवि किशन और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी काजल निषाद के बीच है।

भले ही गोरखुपर के चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बड़ा फैक्टर हों, लेकिन यहां के जातीय समीकरण किसी का भी खेल बना और बिगाड़ सकते हैं। यही कारण है कि इस सीट पर योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। एग्जिट पोल में भी इस सीट पर कांटे की टक्कर दिखाई गई है। हालांकि, चुनाव के अंतिम नतीजे क्या होंगे, यह मतगणना के बाद पता चल ही जाएग।

निषाद वोटर तय करते हैं हार और जीत

गोरखपुर में कुल 20,97,202 मतदाता हैं, जिनमें 11,23,868 पुरुष और 9,73,160 महिला मतदाता हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस सीट पर निषाद वोटरों की संख्या करीब 4 लाख है और 2.5 लाख यादव वोटर भी हैं। मतदाताओं का यह बड़ा समुदाय जिस ओर रुख करता है, जीत उसी की होती है। यही कारण है कि सपा की काजल निषाद अपनी बढ़त का दावा कर रही हैं। निषाद वोटरों की बड़ी संख्या को देखते हुए ही गोरखपुर में पिछले कई आम चुनावों से विपक्षी दलों ने निषाद समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को ही उम्‍मीदवार के रूप में आगे किया है। 2018 के उपचुनाव में निषाद पार्टी के अध्‍यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद सपा के चिह्न पर यहां से चुनाव जीत गए थे, लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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