Gujarat assembly election: सूरत की 16 विधानसभाएं BJP के लिए क्यों हैं अहम

गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में मतदाना होना है। मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी। 2017 के चुनाव में बीजेपी मैजिक नंबर को हासिल करने में कामयाब हुई थी। लेकिन सीटों की संख्या दहाई के आंकड़े में सिमट गई थी।

गुजरात में दो चरणों में चुनाव

गुजरात में जिन इलाकों में पहले चरण की वोटिंग होगी। उन इलाकों के बारे में भी आपको समझाता हूं।इसमें शहरी इलाका भी है, किसान बेल्ट भी है, आदिवासी बेल्ट भी है, पाटीदार और ओबीसी वोटर भी प्रभावी हैं।इसमें इंडस्ट्रियल पावरहाउस सूरत है, जहां अहमदाबाद के बाद गुजरात की दूसरी सबसे ज़्यादा विधानसभा सीटें हैं और जो बीजेपी का गढ़ रहा है।इसमें सौराष्ट्र के किसानों का इलाका है, जहां देश में सबसे ज़्यादा मूंगफली और कपास की खेती होती है। और जहां 2017 में बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ था।इसमें दक्षिण गुजरात का आदिवासी बेल्ट भी है, जो कांग्रेस का गढ़ रहा है और जहां बीजेपी के लिए हमेशा चुनौती रही है।इसमें मोरबी का वो इलाका भी है, जहां 30 अक्टूबर को पुल गिर गया था और 135 लोगों की जान चली गई थी।

अगर पिछले 2 विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो पहले चरण की 89 सीटों के नतीजों की क्या तस्वीर रही

सौराष्ट्र-कच्छ का इलाका(54 सीटें)

2017 का चुनाव

  • बीजेपी-23 सीट
  • कांग्रेस-30 सीट
  • निर्दलीय- 1 सीट
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टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें

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