Gujarat Election: 32 सालों से नहीं हारा है ये उम्मीदवार, निर्दलीय-कांग्रेस और अब BJP से है विधायक
Gujarat Election: द्वारका सीट पर पबुभा माणेक 32 सालों से विधायक हैं। पिछली बार कांग्रेस उम्मीदवार पांच हजार वोटों से हारे थे, इस बार आप के मुकाबले में उतरने से लड़ाई दिलचस्प हो गई है। हालांकि बीजेपी ने इस बार भी माणेक पर भरोसा जताया है और माणेक भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं।
द्वारका सीट से पबुभा विरमभा माणेक हैं विधायक (फोटो- फेसबुक)
गुजरात चुनाव (Gujarat Election) में बीजेपी (BJP) इस बार अपनी बादशाहत बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस (Congress) 27 साल के सत्ता के सूखे को खत्म करने की बात कह रही है। आप (AAP) भी लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटी है। गुजरात में कुछ ऐसी सीटें हैं, जहां पर उम्मीदवारों का दबदबा सालों से बना हुआ है, चाहे पार्टी कोई भी हो, जीत उन्हीं की होती है। ऐसी ही एक सीट है द्वारका, जहां से पबुभा माणेक 32 सालों से विधायक है।
पार्टी कोई भी हो, जीत इनकी होती है
पबुभा माणेक पहले निर्दलीय लड़े, जीते, फिर कांग्रेस में गए, वहां से भी जीते और फिर बीजेपी में आ गए, यहां से भी वो लगातार जीत रहे हैं। इस बार भी बीजेपी ने इन्हीं पर भरोसा जताया है। पबुभा माणेक 1990 के बाद से कभी कोई चुनाव नहीं हारे। पहले उन्होंने 1990, 1995 और 1998 में निर्दलीय चुनाव लड़ा। तीनों बार माणेक ने जीत हासिल की। फिर कांग्रेस में शामिल हो गए और 2002 में द्वारका सीट से जीत हासिल की। इसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी से उन्होंने 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की।
क्या रहा है समीकरण
2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों में, भाजपा के पबुभा मानेक ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अहीर कंदोरिया मुलुभाई रणमलभाई को 5,616 मतों से हराया था। मानेक को कुल 73,431 वोट मिले जबकि अहीर मरखी को 67,692 वोट मिले। 2017 में कांग्रेस के उम्मीदवार अहीर मेरामन मरखी को मानेक ने हरा दिया था। इस समय भी अंतर पांच हजार वोटों का ही था।
जीत को लेकर आश्वस्त
बुधवार को एएनआई से बात करते हुए, माणेक ने सभी समुदायों के समर्थन और स्नेह का दावा करते हुए कहा कि उनका चयन होता है, निर्वाचन नहीं। मतलब उनकी जीत निश्चित है। मानेक ने कहा- "पूरे गुजरात में कोई लड़ाई नहीं है। हकीकत यह है कि बीजेपी जीत रही है।
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