Gujarat Elections 2022: 'स्पाइस सिटी' ऊंझा में 2017 वाली गलती नहीं दोहराएगी BJP, इस बार पाटीदार भी साथ

Gujarat Assembly Elections 2022: ऊंझा सीट पर भाजपा का दबदबा 1995 से रहा है लेकिन 2017 में इस सीट पर भगवा पार्टी को तगड़ा झकटा लगा। इस चुनाव में यह सीट कांग्रेस के पास चली गई। भाजपा ने इस चुनाव में 1995 से विधायक रहे नारायणभाई पटेल को टिकट दिया था लेकिन उन्हें कांग्रेस की आशा पटेल के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

गुजरात में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं।

Gujarat Elections 2022: अपने मसालों की मंडी के लिए दुनिया भर में मशहूर ऊंझा विधानसभा सीट पर इस बार सभी की नजरें लगी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मस्थल वडनगर इसी निर्वाचन क्षेत्र में पड़ता है, इसलिए यह सीट और भी खास हो जाती है। जीरा, धनिया और सौंफ की महक वाले इस शहर की आबो हवा में इस समय मसालों की महक से ज्यादा सियासी रंग घुले-मिले हुए हैं। जीरा, धनिया और सौंफ जैसे मसालों के लिए ऊंझा देश भर में जाना जाता है। यहां से इन मसालों का सीधा निर्यात विदेशों में होता है।

भाजपा के दबदबे वाली सीट है ऊंझा

ऊंझा सीट पर भाजपा का दबदबा 1995 से रहा है लेकिन 2017 में इस सीट पर भगवा पार्टी को तगड़ा झकटा लगा। इस चुनाव में यह सीट कांग्रेस के पास चली गई। भाजपा ने इस चुनाव में 1995 से विधायक रहे नारायणभाई पटेल को टिकट दिया था लेकिन उन्हें कांग्रेस की आशा पटेल के हाथों हार का सामना करना पड़ा। आशा ने भाजपा उम्मीदवार को करीब 19,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। 2017 में लगातार छठवीं बार गुजरात में अपनी सरकार बनाने वाली भाजपा के लिए इस सीट पर हार एक अपमान की तरह था। हालांकि, 2019 में आशा पटेल भाजपा में शामिल हो गईं। इस सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार कांतिभाई मुलजीदास को 23,000 वोटों के अंतर से हराया।

2017 में भाजपा को इस सीट पर हार मिली

2017 में इस सीट पर भाजपा की हार का एक बड़ा कारण पाटीदार आंदोलन को बताया जाता है। साल 2015 से शुरू हुआ पाटीदार आंदोलन का पूरे राज्य में था। इस सीट पर 2 लाख 12 हजार मतदाताओं में से करीब 77,000 वोटर्स पाटीदार समुदाय से आते हैं। इसके अलावा करीब 50,000 वोटर ठाकोर समुदाय के हैं। इस इलाके में आशा पटेल काफी मशहूर थीं और वह पाटीदार आंदोलन के प्रमुख चेहरों एवं हार्थिक पटेल के करीबियों में से एक थीं। 2017 के चुनाव में ये सभी बातें उनके पक्ष में गईं।

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