Guna Lok Sabha Seat: क्या खोई प्रतिष्ठा फिर से हासिल कर पायेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया? वोटरों का दिल जीतना केंद्रीय मंत्री के लिए बड़ी चुनौती

Guna Lok Sabha Seat: गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट सिंधिया राजपरिवार के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी रही है। इस सीट के अंतर्गत अशोकनगर जिले के साथ ही शिवपुरी और गुना के कुछ हिस्से आते हैं। गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 में मिली हार के दाग को मिटाने की बड़ी चुनौती है। उनके सामने कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।

Guna Lok Sabha Seat

गुना लोकसभा सीट पर इस बार है कांटे की टक्कर।

Madhya Pradesh LokSabha Election 2024: गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 में मिली हार के दाग को मिटाने की बड़ी चुनौती है। उनके सामने कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। 2019 में गुना से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा के केपी यादव ने हराया था। इस बार बीजेपी ने केपी यादव के स्थान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनावी मौका में उतारा है। बता दें, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय मध्य प्रदेश से राज्यसभा में सांसद हैं। वहीं बसपा(BSP) ने धनीराम चौधरी को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की नाकाम कोशिश जरूर की है लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस में ही है।

तीसरे चरण में 7 मई को गुना में हुआ था मतदान

गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट सिंधिया राजपरिवार के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी रही है। इस सीट के अंतर्गत अशोकनगर जिले के साथ ही शिवपुरी और गुना के कुछ हिस्से आते हैं। आठ विधानसभा सीटों में से छह पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है। तीसरे चरण में सात मई को यहां वोटिंग हुई थी। इस बार यहां 72.43 प्रतिशत वोटिंग हुई है। 2019 की बात करें तो इस सीट पर 70.32 प्रतिशत और 2014 में 60.77 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। पिछले चुनावों के मुकाबले बम्पर वोटिंग को सिंधिया के पक्ष में माना जा रहा है लेकिन नतीजा तो चार जून को ही सामने आएगा।

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जानकारी के लिए बता दें, गुना सीट को सिंधिया राजघराने की परंपरागत सीट माना जाता है। 1957 में सिंधिया परिवार ने पहली बार इस सीट पर चुनाव जीता था। 2002 से 2019 तक ज्योतिरादित्य यहां से चुनाव जीते। हालांकि, 2019 में उन्हें किसी समय करीबी रहे केपी यादव के हाथों पराजय मिली। कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह को टिकट दिया है, जो अशोक नगर से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं।

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Shashank Shekhar Mishra author

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