Haryana, J&K Chunav Results 2024: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में मतगणना आज, कौन पार्टी होगी चुनावी दंगल की सरताज? 8 बजे आएंगे रुझान

Haryana-Jammu Kashmir Assembly Election Result 2024: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के मतों की गणना 8 अक्टूबर यानी आज मंगलवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी। ऐसे में सभी की दिलचस्पी इस बात में है कि हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस में से कौन बाजी मारेगा? अगर, एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार कांग्रेस सत्ता में आती है, तो यह भी तय हो जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा? उधर, जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के चुनाव के नतीजों से 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा।

Harayana ElectionResult 2024

(फाइल फोटो)

Haryana-Jammu Kashmir Assembly Election Result 2024: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 अक्टूबर मंगलवार यानी आज सुबह 8 बजे से आने शुरू हो जाएंगे। वोटों की काउंटिंग के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं। मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा के मद्देनजर चुनाव आयोग के अधिकारी मतगणना केंद्रों पर उपस्थित रहेंगे। दोनों ही राज्यों की प्रमुख पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं। उधर, जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। 10 साल के लंबे अंतराल के बाद देश समेत पूरे जम्मू-कश्मीरवासियों को परिणाम का बेसब्री से इंतजार था, जिसके इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली हैं। सुबह आठ बजे से ही शुरुआती रुझान आने शुरू हो जाएंगे। दोपहर 12 तक काफी हद तक चुनाव की तस्वीर साफ हो जाएगी। इधर, हरियाणा में एग्जिट पोल के सर्वे के अनुसार कांग्रेस के बहुमत के साथ आने के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन, एग्जिट पोल कितने सटीक होंगे यह तो दोपहर तक कुछ हद तक स्पष्ट हो पाएगा। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में सभी की दिलचस्पी इस बात में है कि हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस में से कौन बाजी मारेगा? अगर एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार कांग्रेस सत्ता में आती है? कांग्रेस की नई राजनीति किस ओर जा रही है, इस बारे में भी स्थिति साफ हो जाएगी।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा वोट गणना (Jammu Kashmir Assembly Vote Counting)

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद 90 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना अभी 8 बजे शुरू होगी। इस चुनाव के नतीजों से 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा। इस विधानसभा चुनाव में मुकाबले में मुख्य रूप से कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) गठबंधन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हैं। यह चुनाव पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के पांच साल बाद हो रहा है। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, सभी मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश में सब कुछ ठीक रहे। कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के सभी केंद्रों पर सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया है और वे पहरा दे रहे हैं। वर्ष 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए। कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र की 90 सीटों में से पहले चरण में 24, दूसरे चरण में 26 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान हुआ।

जम्मू में 63.45 प्रतिशत

केंद्र शासित प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी मुकाबले में उतरे 873 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज शाम तक हो जाएगा। इस बार मतदान 63.45 प्रतिशत रहा, जो 2014 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 65.52 प्रतिशत से कम है। चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (बडगाम और गंदेरबल, दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन (हंदवाड़ा और कुपवाड़ा सीटों से), प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा (बटमालू) और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना (नौशेरा सीट) शामिल हैं। शनिवार को आए एग्जिट पोल में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को बढ़त हासिल होती दिखाई गई है तथा क्षेत्रीय पार्टियों को भी कुछ सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।

हरियाणा में भाजपा का जीत का दावा

इधर, हरियाणा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भरोसा है कि वह लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता बरकरार रखने में कामयाब होगी। हालांकि, वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल के अनुमान से उत्साहित विपक्षी दल कांग्रेस भी 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच पहला बड़ा सीधा मुकाबला है। इस चुनाव के परिणाम का इस्तेमाल विजेता द्वारा अन्य राज्यों में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया जाएगा, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं।

इन पार्टियों के बीच मुकाबला

इस चुनाव में मुख्य पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा)-आजाद समाज पार्टी (आसपा) हैं। ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर में भी हरियाणा के साथ ही मतदान हुआ, लेकिन वहां ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी टक्कर के बजाय बहुकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।
हरियाणा की 90 सीट पर 464 निर्दलीय और 101 महिलाओं सहित कुल 1,031 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सीटों पर पांच अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान हुआ था। कई एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की जीत का अनुमान जताया है, जहां 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ। एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी भाजपा आठ अक्टूबर को पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि जब आठ अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे तो कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को दोष देगी।

कांग्रेस को पूर्ण बहुमत पर विश्वास

दूसरी ओर, कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्ण बहुमत मिलने का विश्वास जताया है। हुड्डा को कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। भाजपा नेताओं के इस दावे पर कि उनकी पार्टी सत्ता में वापस आएगी, हुड्डा ने पूर्व में कहा था कि भाजपा और क्या कहेगी? उन्हें नतीजे आने के बाद पता चल जाएगा। इनेलो-बसपा गठबंधन ने भी दावा किया है कि नतीजे घोषित होने के बाद वह अगली सरकार बनाएगा, जबकि जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने विश्वास जताया है कि उनके गठबंधन को जीत मिलेगी। हरियाणा में अपने बलबूते चुनाव लड़ने वाली आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल दावा करते रहे हैं कि उनकी पार्टी के समर्थन के बिना हरियाणा में कोई सरकार नहीं बन सकती।

ये हैं हाई प्रोफाइल सीटें

चुनावी मुकाबले में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), इनेलो के अभय चौटाला (ऐलनाबाद), जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), भाजपा के अनिल विज (अंबाला कैंट), कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद), ओ पी धनखड़ (बादली), आप के अनुराग ढांडा (कलायत) और कांग्रेस की विनेश फोगाट (जुलाना) हैं।
तोशाम सीट से पूर्व सांसद और भाजपा की नेता श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों चचेरे भाई-बहन हैं। डबवाली से देवीलाल के पोते और इनेलो के उम्मीदवार आदित्य देवीलाल पूर्व उपप्रधानमंत्री के परपोते जजपा के दिग्विजय सिंह चौटाला से मुकाबला कर रहे हैं। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को हिसार के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है, जबकि महेंद्रगढ़ के अटेली से आरती राव को उम्मीदवार बनाया है, जिनके पिता राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों में सावित्री जिंदल (हिसार), रणजीत चौटाला (रानिया) और चित्रा सरवारा (अंबाला कैंट) शामिल हैं। उचाना से दुष्यंत के खिलाफ कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह मैदान में हैं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं।
कांग्रेस और भाजपा दोनों के कुछ बागी भी मैदान में उतरे हैं। निवर्तमान विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों की संख्या 41 (वर्ष 2022 के उपचुनाव में जीती गई आदमपुर सीट सहित) है, कांग्रेस के 28, जजपा के छह, जबकि हरियाणा लोकहित पार्टी और इनेलो के एक-एक सदस्य हैं। चार निर्दलीय हैं, जबकि नौ सीटें खाली हैं।

2019 में भाजपा ने जजपा के समर्थन से बनाई थी सरकार

नौ में से सात सीटें इसलिए रिक्त हो गईं क्योंकि उनके प्रतिनिधियों ने पाला बदलने के बाद इस्तीफा दे दिया, जबकि बादशाहपुर सीट मई में निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के कारण खाली हुई। कांग्रेस के वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा सीट से विजयी होने के बाद मुलाना सीट रिक्त हो गई। वर्ष 2019 में भाजपा ने जजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी, जबकि अधिकतर निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया था। हालांकि, इस साल मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद जजपा का भाजपा के साथ गठबंधन खत्म हो गया।
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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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