Himachal Election: इन सीटों पर लगी हैं सबकी नजरें, कहीं बागी बिगाड़ रहे खेल तो कहीं रिकॉर्ड बनाने की हो रही तैयारी
Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में इस बार बागी उम्मीदवार ज्यादातर जगहों पर खेल बिगाड़ रहे हैं। कई जगह तो ऐसी कहानी है कि मुख्य उम्मीदवारों से ज्यादा चर्चा बागियों की हो रही है। यही बागी इस चुनाव में सभी पार्टियों पर भारी पड़ने वाले हैं। वहीं कई जगह पर उम्मीदवार इस बार नए रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
हिमाचल सीएम जयराम ठाकुर और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह (फोटो- @jairamthakurbjp & @VikramadityaINC)
Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में कल यानि कि शनिवार (12 नवंबर 2022) को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। इस वोटिंग से पहले प्रचार का शोर भले ही थम गया हो, लेकिन अभी भी वोटों के जोड़ तोड़ का खेल जारी है। इसी बीच सभी की निगाहें उन सीटों पर लगी हैं, जहां कई नामी नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। साथ ही जहां बागी पार्टियों का खेल बिगाड़ने में लगे हैं।
सिराज विधानसभा सीट (Seraj Assembly Seat)
मंडी जिले के अंतर्गत आने वाली हिमाचल प्रदेश की सिराज विधानसभा सीट को भाजपा के जयराम ठाकुर का गढ़ बताया जाता है। 2017 में जयराम ठाकुर ने सिराज सीट जीती थी। उन्होंने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को 11,254 मतों के अंतर से हराया था। वह पहाड़ी राज्य के सीएम बनने वाले मंडी जिले के पहले विधायक थे। यहां से वो पांच बार चुनाव जीत चुके हैं और छठी बार परचम लहराने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि इस बार राह उतनी भी आसान नहीं है। यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। वहीं आप इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही है।
खबरों की मानें तो थाची में सरकारी डिग्री कॉलेज भवन के निर्माण में देरी और गडगुसैन में सरकारी डिग्री कॉलेज भवन के निर्माण कार्य की धीमी गति को लेकर सीएम के खिलाफ तीखी नाराजगी है।
शिमला ग्रामीण सीट (Shimla Rural Seat)
शिमला ग्रामीण सीट से कांग्रेस के दिवंगत नेता और हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह मैदान में हैं। यहां से वो पिछला चुनाव जीत चुके हैं। बीजेपी ने यहां से कांग्रेस के संभावित सीएम उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए रवि मेहता को मैदान में उतारा है, वहीं आप के प्रेम कुमार भी मैदान में हैं।
हरोली विधानसभा सीट (Haroli Seat)
हरोली विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता मुकेश अग्निहोत्री चुनावी मैदान में हैं। यहां से वो दो बार चुनाव जीत चुके हैं। तीसरी बार हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को 7377 वोटों के अंतर से हराकर यह सीट जीती थी। इस बार बीजेपी ने यहां से रामकुमार पर ही भरोसा जताया है। रामकुमार दो बार इस सीट से चुनाव हार चुके हैं।
फतेहपुर सीट (Fatehpur Seat)
फेतहपुर सीट पर बीजेपी को उसके अपने ही एक बड़े नेता जो अब बागी हो चुके हैं, परेशान कर रहे हैं। यह सीट फिलहाल कांग्रेस के पास है। 2017 के साथ-साथ एक उपचुनाव में भी कांग्रेस इस सीट को जीत चुकी है। यह उन सीटों में गिना जाता है जहां अक्सर कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है। फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 2012 के बाद से यह सीट कांग्रेस के पास रही है। पिछले उपचुनाव में, कांग्रेस के मौजूदा विधायक भवानी सिंह पठानिया ने भाजपा के बलदेव सिंह ठाकुर को 5789 मतों के अंतर से हराया। कांग्रेस ने इस बार भी भवानी सिंह पर ही भरोसा जताया है।
वहीं इस सीट से बीजेपी के बड़े नेता रहे कृपाल परमार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। परमार को खुद पीएम मोदी फोन करके बैठने के लिए कह चुके हैं, लेकिन वो नहीं माने। पूर्व राज्यसभा सांसद परमार पार्टी से निकाले जाने से पहले बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष थे। कभी पीएम मोदी के साथ भी काम कर चुके हैं। इनकी नाराजगी जेपी नड्डा से है। यही कारण है कि इन्हें जब टिकट नहीं मिला तो ये निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए हैं।
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