हिमाचल चुनाव :मोदी-बागी-प्रियंका का टेस्ट,नेशनल और लोकल में कौन पड़ेगा भारी
Himachal Assembly Election 2022: बागी भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए परेशानी का सबब हैं। जहां तक भाजपा की बात है तो 18-20 बागी पार्टी के लिए मुसीबत बन सकते हैं। इसी तरह कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के कई उम्मीदवार के साथ-साथ बागी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए हर चुनाव की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ट्रंप कार्ड हैं।
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वोटिंग
- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की साख सबसे ज्यादा दांव पर है।
- यूपी के बाद हिमाचल प्रदेश में प्रियंका गांधी का टेस्ट है।
- बागी चुनाव बाद सरकार बनाने में बड़ा फैक्टर साबित हो सकते हैं।
Himachal Aseembly Election 2022: पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में शनिवार को वोटिंग होगी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के दावे के अनुसार रिवाज बदलेगा, या फिर कांग्रेस की उम्मीदों के अनुसार परंपरा कायम रहेगी। यह ऐसे कयास है, जिसका 8 दिसंबर को पता चल जाएगा। लेकिन इस बीच 12 नवंबर को होने वाली वोटिंग में इस बात पर नजर रहेगी कि क्या हिमाचल प्रदेश का वोटर राष्ट्रीय मुद्दों को तरजीह देगा या फिर स्थानीय मुद्दे हावी होंगे। खास तौर से जब भाजपा ने राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) और डबल इंजन को मुद्दा बनाया है। वहीं कांग्रेस ने 5 लाख नौकरियां,फ्री बिजली, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के वादे का दांव लगाया है। इसके अलावा पंजाब में जीत के बाद आम आदमी पार्टी को भी हिमाचल में करिश्मे की उम्मीद है।
दोनों दलों के लिए बागी परेशानी बने
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इन चुनावों की सबसे अहम बात यह है कि बागी भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए परेशानी का सबब हैं। जहां तक भाजपा की बात है तो 18-20 बागी पार्टी के लिए मुसीबत बन सकते हैं। इसी तरह कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के कई उम्मीदवार के साथ-साथ बागी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए हर चुनाव की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ट्रंप कार्ड हैं। और उनकी हिमाचल में लगातार रैलियों से साफ है कि भाजपा उन्हीं के सहारे पुरानी परंपरा तोड़ कर सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है।
भाजपा के इन 3 दिग्गजों की साख दांव पर
जहां तक भाजपा की बात है तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की साख सबसे ज्यादा दांव पर है। उन्हें 2017 में हिमाचल में भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की जगह मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी। जयराम ठाकुर इस बार सिराज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। और चुनाव उनके चेहरे पर लड़ा जा रहा है। ऐसे में अगर वह पार्टी को नहीं जिता पाते हैं, तो उनके नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठेंगे।
इस बार पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को टिकट नहीं दिया है। ऐसे में भले ही वह इस बार चुनावी मैदान में नहीं है। लेकिन केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे अनुराग ठाकुर के लिए राज्य का चुनाव बेहद अहम है। और शायद इसीलिए उन्होंने पहली रैली सुजानपुर से की थी । अगर भाजपा जीतती है तो उसका फायदा अनुराग ठाकुर को भी मिलेगा।
इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के लिए भी यह चुनाव बेहद अहम है। पार्टी अध्यक्ष होने के साथ-साथ, हिमाचल प्रदेश जे.पी.नड्डा का गृह राज्य है। ऐसे में अगर भाजपा यहां चुनाव हारती है, तो निश्चित तौर पर जे.पी.नड्डा के लिए सेटबैक होगा।
प्रियंका का दूसरा टेस्ट
हिमाचल प्रदेश का चुनाव जहां कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी की बड़ी उम्मीद है। वहीं प्रियंका गांधी का भी चुनावी टेस्ट है। इस बार हिमाचल चुनाव से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दूरी बना रखी है। जबकि प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार की कमाल संभाल रखी थी। उत्तर प्रदेश की असफलता के बाद हिमाचल प्रदेश प्रियंका के दूसरा बड़ा टेस्ट है। अगर यहां पर प्रियंका कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाती हैं, तो उसका क्रेडिट उन्हें ही जाएगा। लेकिन अगर कांग्रेस सरकार नहीं बना पाती है, तो प्रियंका गांधी के राजनीतिक करियर के लिए बड़ा सेटबैक होगा।
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