क्या गिरने वाली है हिमाचल की सुक्खू सरकार? कांग्रेस ने लगाया साजिश का आरोप, समझें विधायकों का नंबर गेम

Politics News: हिमाचल प्रदेश की सियासत में कुछ बड़ा होने वाला है, क्या उपचुनाव के बाद सूबे की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार गिर जाएगी? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि विधानसभा की 9 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं और यदि इन सभी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज कर ली, तो सियासी गणित किसके पक्ष में होगा, ये समझिए।

हिमाचल प्रदेश के विधायकों का नंबर गेम समझिए।

Himachal Pradesh Political Crisis: लोकसभा चुनाव के साथ-साथ सभी की निगाहें हिमाचल प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर भी टिकी हुई हैं। सवाल ये है कि यदि इन सभी 9 सीटों पर भाजपा चुनाव जीत जाती है तो सूबे के सियासी हालात कैसे होंगे? कांग्रेस ने जिन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था, वे सभी भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा इस्तीफा दे चुके तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है। ऐसे में हिमाचल की सियासत एक बार फिर दिलचस्प मोड़ लेती नजर आ रही है।

कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया साजिश रचने का आरोप

कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सत्ता के लालच में उसके सदस्यों को भड़का कर उसकी सरकार गिराने की साजिश रचने का रविवार को आरोप लगाया। पार्टी की यह टिप्पणी नौ पूर्व विधायकों के शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होने के मद्देनजर आई है। इनमें कांग्रेस के छह अयोग्य विधायक और इस्तीफा दे चुके तीन निर्दलीय शामिल हैं, जिन्होंने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।

स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने यहां एक संयुक्त बयान में कहा, 'कांग्रेस के बागियों के भाजपा में शामिल होने से भाजपा का चाल, चेहरा और चरित्र जनता के सामने बेनकाब हो गया है और यह साफ हो गया है कि इस पूरे षडयंत्र के पीछे भाजपा का हाथ है।' नेताओं ने कहा कि जिन छह लोगों को विधानसभा सदस्यता से पहले ही अयोग्य ठहराया जा चुका है, उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को गिराने की साजिश रची। मंत्रियों ने कहा कि जो नेता कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर जीते और जिन्हें विभिन्न पद दिए गए, वे अब पार्टी पर उंगली उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि इन सभी बागियों ने निजी हितों के कारण कांग्रेस छोड़ी है और इसका राज्य के लोगों के हित से कोई लेना-देना नहीं है।'

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