कितना दिलचस्प है 'बागी बलिया' का चुनावी समीकरण? मैदान में पूर्व PM के बेटे; जानें इस लोकसभा सीट का इतिहास
Ballia Election: उत्तर प्रदेश की बलिया लोकसभा सीट पर इस बार की चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प होने वाली है। इस सीट से दो बार समाजवादी पार्टी से सांसद रह चुके नीरज शेखर इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला सपा के सनातन पांडे से है। आपको इस सीट के समीकरण और इतिहास से रूबरू कराते हैं।
सनातन पांडे vs नीरज शेखर
Lok Sabha Election 2024: दो-दो बार समाजवादी पार्टी के टिकट से सांसद रह चुके नीरज शेखर एक बार फिर यूपी की बलिया सीट से मैदान में हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि उन्होंने पार्टी बदल ली है। 2014 में उन्होंने सपा के टिकट पर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। जब उन्होंने भाजपा का दामन थामा तो पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा। अब इस बार वो इसी कोशिश में होंगे कि लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का सिलसिला वो एक बार फिर शुरू कर पाए। हालांकि उनकी राह आसान नहीं है, इस बार इस सीट से 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। आपको इस सीट का समीकरण और चुनावी इतिहास समझाते हैं।
क्या कहता है इस बार का समीकरण?
पिछले दो बार से बलिया लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। हालांकि दोनों ही बार भाजपा को अपना उम्मीदवार बदलना पड़ा था। भाजपा ने इस बार भी बलिया सीट से मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काट दिया और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला इस बार समाजवादी पार्टी के सनातन पांडे से हो जा रहा है। ये वही सनातन पांडे हैं, जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में वीरेंद्र सिंह मस्त से करीब 15 हजार वोटों से हार झेलनी पड़ी थी। इसके अलावा बसपा ने इस सीट से ललन सिंह यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।
बलिया के मैदान में कुल कितने उम्मीदवार
क्रमांक | उम्मीदवार का नाम | पार्टी |
1 | नीरज शेखर | भारतीय जनता पार्टी |
2 | लल्लन सिंह यादव | बहुजन समाज पार्टी |
3 | सनातन पांडे | समाजवादी पार्टी |
4 | रवि कांत सिंह उर्फ रवि पटेल | सरदार पटेल सिद्धांत पार्टी |
5 | रामनिवास गोंड | गोंडवाना गणतंत्र पार्टी |
6 | सूर्य बलि प्रसाद | आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) |
7 | अवधेश वर्मा | निर्दलीय |
8 | अशोक गुप्ता | निर्दलीय |
9 | प्रकाश कुमार | निर्दलीय |
10 | मनिन्द्र | निर्दलीय |
11 | रंजना | निर्दलीय |
12 | शेषनाथ | निर्दलीय |
13 | सुमेश्वर | निर्दलीय |
जब पिछले चुनाव में सपा और बसपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तो भाजपा ने उस वक्त अपने मौजूदा सांसद भरत सिंह का टिकट काट दिया था। भदोही से बलिया भेजकर वीरेंद्र सिंह को चुनाव लड़ाया गया। सपा-बसपा के साथ आने के बावजूद वीरेंद्र सिंह ने सपा उम्मीदवार के मुंह से जीत छीन ली थी। उन्होंने सनातन पांडे को पटखनी दी थी। हालांकि इस बार भाजपा की राह आसान नहीं रहने वाली है, क्योंकि सपा ने एक बार फिर सनातन पांडे को मैदान में उतारा है, वहीं बलिया के पूर्व सांसद नीरज शेखर भी सपा के टिकट पर ही दो बार सांसद चुने गए थे।
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | वोट प्रतिशत |
भाजपा | वीरेंद्र सिंह मस्त | 469,114 | 47.40% |
सपा | सनातन पांडे | 4,53,595 | 45.83% |
सुभासपा | विनोद | 35,900 | 3.63% |
नोटा | इनमे से कोई भी नहीं | 9,615 | 0.97% |
वर्तमान में बलिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिनमें से तीन सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है, तो अन्य दो में से एक पर भाजपा और दूसरी से ओम प्रकाश राजभर विधायक हैं। आपको बताते हैं। किस विधानसभा सीट पर कौन सी पार्टी का कब्जा है।
विधानसभा सीट | विधायक का नाम | पार्टी |
फेफना | संग्राम सिंह | समाजवादी पार्टी |
बलिया नगर | दयाशंकर सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
बैरिया | जय प्रकाश अंचल | समाजवादी पार्टी |
जहूराबाद | ओम प्रकाश राजभर | सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी |
मोहम्मदाबाद | मुन्नू अंसारी | समाजवादी पार्टी |
बलिया लोकसभा सीट पर पहली बार सोशलिस्ट पार्टी के राम नगीना सिंह सांसद चुने गए थे। जिसके बाद अगले चार चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवारों को जीत हासिल होती रही। 1977 में पहली बार जनता पार्टी के चंद्रशेखर को इस सीट से जीत हासिल हुई। अब तक यहां पांच बार कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है। जबकि दो बार जनता पार्टी, दो बार भारतीय जनता पार्टी, दो बार समाजवादी पार्टी और एक बार ही सोशलिस्ट पार्टी ने चुनाव जीता है। यहां वर्तमान में भाजपा के सांसद हैं।
10 बार एक ही परिवार के सदस्य बने सांसद
इस सीट से सबसे अधिक बार सांसद चुने जाने का रिकॉर्ड देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नाम दर्ज है। अब तक के इतिहास में उन्होंने कुल आठ बार यहां से लोकसभा चुनाव जीता है। जबकि उनके मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे नीरज शेखर ने यहां जीत हासिल की। और 2009 में वो इस सीट से सपा के टिकट पर दूसरी बार सांसद चुने गए। अब देखना होगा कि नीरज शेखर अपने पिता के रिकॉर्ड के पीछे-पीछे चल पाते हैं या नहीं।
कब कौन चुना गया बलिया सीट से सांसद?
वर्ष | नाम | पार्टी |
1952 | राम नगीना सिंह | सोशलिस्ट पार्टी |
1957 | राधा मोहन सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1962 | मुरली मनोहर | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1967 | चंद्रिका प्रसाद | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1971 | चंद्रिका प्रसाद | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1977 | चंद्रशेखर | जनता पार्टी |
1980 | चंद्रशेखर | जनता पार्टी |
1984 | जगन्नाथ चौधरी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1989 | चंद्रशेखर | जनता दल |
1991 | चंद्रशेखर | समाजवादी जनता पार्टी |
1996 | चंद्रशेखर | समाजवादी जनता पार्टी |
1998 | चंद्रशेखर | समाजवादी जनता पार्टी |
1999 | चंद्रशेखर | समाजवादी जनता पार्टी |
2004 | चंद्रशेखर | समाजवादी जनता पार्टी |
2008 (उपचुनाव) | नीरज शेखर | समाजवादी पार्टी |
2009 | नरेश शेखर | समाजवादी पार्टी |
2014 | भरत सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
2019 | वीरेंद्र सिंह मस्त | भारतीय जनता पार्टी |
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