Hot Seat: अमित शाह के लिए कितनी खास है गांधीनगर सीट? 35 साल से BJP का कब्जा; जानें इतिहास
History of Gandhinagar Seat: गुजरात की गांधीनगर सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। इस सीट का इतिहास ही कुछ ऐसा है, जब भाजपा ने पहली बार यहां से चुनाव जीता तो फिर किसी चुनाव में हार का सामना नहीं करना पड़ा। आपको इस सीट से जुड़ी कुछ अहम बातें बताते हैं।
बड़ा रोचक है गांधीनगर लोकसभा सीट का इतिहास।
Loksabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 370 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया है। तो NDA के लिए 400+ का लक्ष्य रखा गया है। बीजेपी के लिए गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट बेहद अहम है। ये सीट पार्टी की सबसे सुरक्षित सीट कही जाती है। इस सीट का इतिहास ही कुछ ऐसा है कि भाजपा विरोधी पार्टियों की कोई उम्मीद पनपने ही नहीं देती। एक बार फिर इस सीट से बीजेपी ने केंद्रीय गृह मंत्री और पूर्व पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को मैदान में उतारा है। उन्होंने पिछले चुनाव में इस सीट पर सबसे बड़े अंतर की जीत हासिल की थी।
अमित शाह vs सोनल पटेल का मुकाबला
गांधीनगर सीट पर भाजपा ने जहां एक बार फिर अमित शाह को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो इस बार कांग्रेस की ओर से सोनल पटेल मैदान में हैं। पिछली बार इस सीट से कांग्रेस ने शाह के खिलाफ चतुरसिंह जावंजी चावड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें 5 लाख 57 हजार 14 वोटों से हार झेलनी पड़ी थी।
क्या कहता है गांधीनगर सीट का इतिहास?
गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट का इतिहास बड़ा ही रोचक है। इस सीट पर अब तक एक बार हुए उपचुनाव समेत कुल 15 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस को 4 बार जीत हासिल हुई, जबकि एक बार जनता पार्टी ने बाजी मारी। दिलचस्प बात ये है कि पिछले 35 वर्षों से गांधीनगर सीट पर भाजपा का कब्जा है। 1952 और 1962 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर सीट मौजूद नहीं थी। इस सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस के सोमचंदभाई सोलंकी ने जीत दर्ज की थी। वो लगातार 10 सालों तक सांसद रहे, लेकिन 1977 में जब जनता पार्टी की लहर आई तो पुरुषोत्तम मावलंकर ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी।
गांधीनगर सीट से कब कौन बना सांसद?
वर्ष | नाम | पार्टी |
1967 | सोमचंदभाई सोलंकी | कांग्रेस |
1971 | सोमचंदभाई सोलंकी | कांग्रेस |
1977 | पुरुषोत्तम मावलंकर | जनता पार्टी |
1980 | अमृत पटेल | कांग्रेस |
1984 | जीआई पटेल | कांग्रेस |
1989 | शंकरसिंह वाघेला | भाजपा |
1991 | लालकृष्ण आडवाणी | भाजपा |
1996 | अटल बिहारी वाजपेयी | भाजपा |
1996 (उपचुनाव) | विजयभाई पटेल | भाजपा |
1998 | लालकृष्ण आडवाणी | भाजपा |
1999 | लालकृष्ण आडवाणी | भाजपा |
2004 | लालकृष्ण आडवाणी | भाजपा |
2009 | लालकृष्ण आडवाणी | भाजपा |
2014 | लालकृष्ण आडवाणी | भाजपा |
2019 | अमित शाह | भाजपा |
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गांधीनगर लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और कहा कि आम चुनाव का मतलब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार सत्ता की कमान सौंपना है ताकि वह 2047 तक भारत को एक विकसित देश बना सकें। शाह गांधीनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार हैं।
भूपेंद्र पटेल भी अमित शाह के साथ रहे मौजूद
अमित शाह ने जब गांधीनगर के जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र सौंपा, उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उनके साथ थे। उन्होंने अपराह्न ठीक 12 बजकर 39 मिनट पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस समय को ‘विजय मुहूर्त’ माना जाता है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस आम चुनाव का मतलब प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार सत्ता में लाना है ताकि वह 2047 तक भारत को एक विकसित देश बना सकें।
शाह का दावा- मोदी का तीसरा कार्यकाल अहम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी का तीसरा कार्यकाल अहम होगा क्योंकि उनके पहले के दो कार्यकाल का ज्यादातर समय कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा की गई गलतियों को सुधारने में चला गया। अमित शाह ने कहा कि 'ये चुनाव नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार हमारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए हैं। मोदी ने भारत को 2047 तक विकसित और सभी क्षेत्रों में शीर्ष देश बनाने का संकल्प लिया है। अगर हम इसे हासिल करना चाहते हैं तो अगले पांच साल महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पिछले 10 साल पिछली संप्रग सरकार द्वारा किए गए गड्ढे भरने में चले गए।'
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल का इस्तेमाल ‘विकसित भारत’ के लिए मजबूत आधार तैयार करने में किया जाएगा। जिस सीट का प्रतिनिधित्व कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने किया था, उस सीट से उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाने के लिए शाह ने भाजपा को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी यहां से पंजीकृत मतदाता हैं।
'मैं एक साधारण बूथ कार्यकर्ता से सांसद बना'
शाह ने कहा कि 'मैं पिछले 30 साल से इस सीट से जुड़ा हुआ हूं। सांसद बनने से पहले मैं इस सीट के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों से विधायक था। आपके प्यार के लिए धन्यवाद। मैं एक साधारण बूथ कार्यकर्ता से सांसद बना। जब भी मैंने गांधीनगर के लोगों से वोट मांगा, उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया।' उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में गांधीनगर लोकसभा सीट में 22,000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य किए गए हैं।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने 2019 के आम चुनाव में गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र से पांच लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। विपक्षी कांग्रेस ने गांधीनगर से पार्टी सचिव सोनल पटेल को मैदान में उतारा है। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा।
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