कितना दिलचस्प है मिर्जापुर का मुकाबला? अनुप्रिया पटेल की राह नहीं आसान; समझें समीकरण और इस सीट का इतिहास
Mirzapur Election: उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर लोकसभा सीट पर इस बार की चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प होने वाली है। यहां से दो बार की सांसद अनुप्रिया पटेल इस बार भाजपा नीत एनडीए गठबंधन से चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला सपा के रमेश चंद बिंद से है। आपको इस सीट के समीकरण और इतिहास से रूबरू कराते हैं।
रमेश चंद बिंद vs अनुप्रिया पटेल।
Lok Sabha Election 2024: अपना दल से दो-दो बार सांसद रह चुकी अनुप्रिया पटेल एक बार फिर यूपी की मिर्जापुर सीट से मैदान में हैं। 2014 में उन्होंने पहली बार चुनाव जीता था। पिछले दोनों चुनाव में उनकी पार्टी अपना दल ने भाजपा नीत एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इस बार इस सीट से 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि अनुप्रिया की राह आसान नजर नहीं है, ऐसा हम क्यों कह रहे हैं आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं।
क्या कहता है इस बार का समीकरण?
सबसे पहले आपको मिर्जापुर लोकसभा सीट का समीकरण और चुनावी इतिहास समझाते हैं। पिछले दो बार के चुनाव में इस सीट पर NDA की सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल का कब्जा है। भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की ओर से इस बार भी अनुप्रिया पटेल मैदान में उतारी हैं। उनका मुकाबला इस बार समाजवादी पार्टी के रमेश चंद बिंद और बहुजन समाज पार्टी के मनीष कुमार से हो जा रहा है।
किस पार्टी ने किसे बनाया उम्मीदवार?
क्रमांक | उम्मीदवार का नाम | पार्टी |
1 | अनुप्रिया पटेल | अपना दल (सोनेलाल) |
2 | मनीष कुमार | बहुजन समाज पार्टी |
3 | रमेश चंद बिंद | समाजवादी पार्टी |
4 | अनिल कुमार | एकलव्य समाज पार्टी |
5 | दौलत सिंह | अपना दल (कमरावाड़ी) |
6 | रामधनी | राष्ट्रीय समाज पक्ष |
7 | सत्यदेव | पूर्वांचल महापंचायत |
8 | समीर सिंह | ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक |
9 | राजेश | निर्दलीय |
10 | लाल जी वर्मा | निर्दलीय |
मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र- छानबे, मिर्जापुर सदर, मझवा, चुनार और मड़िहान शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख है। यहां की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा नीत एनडीए का कब्जा है।
किस विधानसभा सीट से कौन विधायक
क्रमांक | विधानसभा सीट | विधायक | पार्टी |
1 | छानबे (एससी) | रिंकी कोल | अपना दल (सोनेलाल) |
2 | मिर्जापुर | रत्नाकर मिश्रा | भारतीय जनता पार्टी |
3 | मझवान | विनोद कुमार बिंद | निषाद पार्टी |
4 | चुनार | अनुराग सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
5 | मरिहान | रमाशंकर पटेल | भारतीय जनता पार्टी |
मिर्जापुर लोकसभा सीट पर पहली बार कांग्रेस पार्टी के जॉन एन. विल्सन सांसद चुने गए थे। जिसके बाद अगले तीन चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवारों को जीत हासिल होती रही। 1967 में पहली बार भारतीय जनसघ के बंश नारायण सिंह को इस सीट से जीत हासिल हुई। अब तक यहां सात बार कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है। जबकि एक-एक बार जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल ने चुनाव जीता है। समाजवादी पार्टी ने चार बार इस सीट पर जीत हासिल की है। भाजपा, अपना दल और बसपा ने यहां से दो-दो बार जीत हासिल की है। यहां वर्तमान में अपना दल की सांसद हैं।
कब कौन चुना गया मिर्जापुर सीट से सांसद?
वर्ष | नाम | पार्टी |
1952 | जॉन एन. विल्सन | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1957 | जॉन एन. विल्सन | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1962 | श्याम धर मिश्रा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1967 | बंश नारायण सिंह | भारतीय जनसंघ |
1971 | अजीज इमाम | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1977 | फकीर अली अंसारी | जनता पार्टी |
1980 | अजीज इमाम | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) |
1981 (उपचुनाव) | उमाकांत मिश्रा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) |
1984 | उमाकांत मिश्रा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1989 | यूसुफ बेग | जनता दल |
1991 | वीरेन्द्र सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
1996 | फूलन देवी | समाजवादी पार्टी |
1998 | वीरेन्द्र सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
1999 | फूलन देवी | समाजवादी पार्टी |
2002 (उपचुनाव) | राम रति बिंद | समाजवादी पार्टी |
2004 | नरेंद्र कुशवाह | बहुजन समाज पार्टी |
2007 (उपचुनाव) | रमेश दुबे | बहुजन समाज पार्टी |
2009 | बाल कुमार पटेल | समाजवादी पार्टी |
2014 | अनुप्रिया पटेल | अपना दल |
2019 | अनुप्रिया पटेल | अपना दल (सोनेलाल) |
सिद्ध पीठ मां विंध्यवासिनी धाम के लिए प्रसिद्ध मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र से पिछले दो बार (2014 और 2019) से सांसद और तीसरी बार अपना दल (एस) से प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल के कामकाज से लोग संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि, उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार फिर से बनाने के लिए उन्हें वाणिज्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के पक्ष में मतदान करना चाहिए।
विंध्याचल धाम कॉरिडोर के लिए जमीन दान देने वाले बलराम शुक्ला के पुत्र हर्ष शुक्ला का कहना है, 'इस कॉरिडोर का निर्माण प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कराया जा रहा है जिसमें यहां के विधायक रत्नाकर मिश्रा का विशेष योगदान है।' कॉरिडोर में अनुप्रिया पटेल के योगदान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'कॉरिडोर में अनुप्रिया की कोई विशेष भूमिका नहीं दिखती। वह अति विशिष्ट जनों के आगमन पर यहां आती हैं। हालांकि, सपा प्रत्याशी रमेश बिंद द्वारा ब्राह्मणों को गाली देने से ब्राह्मण समाज उनसे नाराज है और वह अनुप्रिया के पक्ष में मतदान कर सकता है।'
'मोदी के लिए अनुप्रिया पटेल को देंगे वोट'
विंध्याचल धाम के पास शिवपुर में चाय पानी की दुकान चलाने वाले कुंदन लाल धरकार का भी कहना है, 'विंध्याचल कॉरिडोर, मोदी-योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और अनुप्रिया का इससे कोई लेना देना नहीं है। फिर भी मोदी को लाने के लिए हम अनुप्रिया को ही वोट देंगे।' मिर्जापुर कचेहरी में वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद स्वरूप श्रीवास्तव का कहना है, 'अनुप्रिया 2014 से यहां की सांसद हैं, लेकिन वह लोगों की पहुंच से बहुत दूर हैं और ना ही कभी किसी का फोन उठाती हैं। उन्होंने सांसद निधि से सार्वजनिक स्थलों पर टिन शेड लगवाने के अलावा कोई काम नहीं किया। जो काम हुआ, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से हुआ।'
स्थानीय लोगों ने दी मिलीजुली प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा, 'अनुप्रिया ने जिले में केवल भाजपा के नेताओं को साध रखा है। लेकिन वह भाजपा कार्यकर्ताओं की भी पहुंच से दूर हैं। मोदी सरकार फिर से लाने के लिए अनुप्रिया को वोट देना लोगों की मजबूरी है।' मिर्जापुर के चुनार विधानसभा क्षेत्र में चुनार के किले के पास हीरा पॉटरी वर्क्स नाम से पॉटरी की दुकान चलाने वाले अवधेश कुमार वर्मा ने हालांकि अनुप्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि पॉटरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अनुप्रिया ने काम किया है और वह अच्छी वक्ता हैं।
यहां पटेल मतदाताओं का है बोलबाला
नगर के सिविल लाइंस क्षेत्र में एक ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले विष्णु सिंह का कहना है 'अनुप्रिया मुख्य रूप से पटेल बहुल क्षेत्रों पर ध्यान देती हैं क्योंकि इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 18 लाख मतदाताओं में करीब 5,40,000 मतदाता पटेल हैं। इनमें सर्वाधिक करीब 4,80,000 पटेल मतदाता मड़िहान और चुनार विधानसभा क्षेत्रों में हैं।' कसेरहट्टी इलाके में पीतल के बर्तन बनाने के व्यवसाय में लगे अमरेश कसेरा का कहना है, 'अनुप्रिया पटेल की ओर से आज तक पीतल व्यवसायियों को कोई सहयोग नहीं मिला, जबकि मिर्जापुर के पीतल के उत्पाद, प्रदेश सरकार की एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल है।'
उन्होंने कहा, 'पीतल बनाने के उद्योग में 25,000 से अधिक परिवार लगे हैं। यदि अनुप्रिया चाहतीं तो इस उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जा सकती थीं। इन सबके बावजूद पीतल व्यवसायी, मोदी सरकार फिर से लाने के लिए अनुप्रिया के पक्ष में मतदान करेंगे। हालांकि, अनुप्रिया की जीत का अंतर इस बार कम रहेगा।'
बिजली के लिए लोगों में संतुष्टि
नगर के तरकापुर फुलवरिया में मजदूरी करने वाले इम्तियाज का कहना है, 'मोदी-योगी के राज में चौबीसों घंटे बिजली आ रही है, सीवर लाइन पड़ गई है और हमारे यहां की महज एक किलोमीटर की जो सड़क दशकों से नहीं बनी थी, वह आरसीसी की बनाई गई है। ये सभी काम सरकार ने किए हैं। अनुप्रिया पटेल केवल चुनाव आने पर यहां आती हैं।' उन्होंने कहा, 'कैलाश चौरसिया सपा सरकार में तीन बार मंत्री रहे, लेकिन उन्होंने यह रोड नहीं बनवाई।'
पर्यटन को लेकर लोगों ने दी सलाह
चुनार के सराय टिकौर के निवासी पंकज कुमार ने हालांकि अनुप्रिया पटेल के कामकाज से संतुष्टि जताते हुए कहा, 'गंगा नदी पर पुल बन जाने से बनारस से पर्यटक चुनार का किला देखने आने लगे हैं।' उन्होंने कहा, 'अनुप्रिया जी अगर इस पूरे किले को पर्यटन के लिए खोल दें तो यहां का आकर्षण बढ़ेगा और लोग किले में वारेन हेस्टिंग का बंगला, धूप घड़ी, फांसी घर, राजा-रानी का महल आदि देख सकेंगे। किले तक जाने वाली सड़कों को चौड़ा कर रास्तों का सौंदर्यीकरण करने की जरूरत है।'
वर्तमान में किले का अधिकांश हिस्सा पुलिस विभाग के कब्जे में है जहां पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। मिर्जापुर लोकसभा सीट पर सातवें और अंतिम चरण के तहत एक जून को मतदान होना है। यहां से समाजवादी पार्टी से रमेश बिंद और बहुजन समाज पार्टी से मनीष त्रिपाठी प्रत्याशी हैं।
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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