Hot Seat: आसान नहीं होगी नवीन जिंदल की राह, कुरुक्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला; जानें इस सीट का इतिहास
Election News: कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से दो-दो बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद रह चुके नवीन जिंदल इस बार भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि इस बार उनकी राह आसान नहीं रहने वाली है। हरियाणा की इस लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं। आपको यहां का इतिहास बताते हैं।
अभय सिंह चौटाला, सुशील गुप्ता और नवीन जिंदल।
History of Kurukshetra: पिछले दो लोकसभा चुनाव से हरियाणा के कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा देखा जा रहा है। हालांकि दोनों ही चुनाव में भाजपा ने अपना उम्मीदवार बदल दिया था, इस बार भी इस सीट से भाजपा ने दूसरे चेहरे को मैदान में उतारा है। कुरुक्षेत्र सीट से ही कांग्रेस के टिकट पर दो बार सांसद रह चुके नवीन जिंदल अब भाजपा के साथ आ चुके हैं और पार्टी ने उन्हें यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। जिंदल लगातार 5वीं बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि पिछले चार बार तक वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। और इस बार वो भाजपा के बैनर तले मैदान में होंगे। हालांकि इस बार भी उनकी राह आसान नहीं नजर आ रही है, वो कैसे... आपको हम समझाते हैं और इस सीट का इतिहास बताते हैं।
क्या कहता है कुरुक्षेत्र सीट का चुनावी इतिहास?
कुरुक्षेत्र सीट का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प है। ये वही सीट है, जहां से देश के पूर्व अंतरिम प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा सांसद हुआ करते थे। हालांकि इस सीट का एक अजब रिकॉर्ड ये है कि यहां से अब तक कोई भी सांसद तीसरी बार चुनाव नहीं जीता है, तो क्या भाजपा के साथ आकर जिंदल ये रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे। आपको बताते हैं कि अब तक इस सीट से कौन कब सांसद चुना गया है।
कब कौन रहा कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा सांसद?
वर्ष | नाम | पार्टी |
1957 | मूलचंद जैन | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1962 | देवदत्त पुरी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1967 | गुलजारीलाल नंदा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1971 | गुलजारीलाल नंदा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1977 | रघुबीर सिंह विर्क | जनता पार्टी |
1980 | मनोहर लाल सैनी | जनता पार्टी (सेक्युलर) |
1984 | सरदार हरपाल सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1989 | गुरदयाल सिंह सैनी | जनता दल |
1991 | तारा सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1996 | ओम प्रकाश जिंदल | हरियाणा विकास पार्टी |
1998 | कैलाशो देवी | इंडियन नेशनल लोकदल |
1999 | कैलाशो देवी | इंडियन नेशनल लोकदल |
2004 | नवीन जिंदल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
2009 | नवीन जिंदल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
2014 | राज कुमार सैनी | भारतीय जनता पार्टी |
2019 | नायब सिंह सैनी | भारतीय जनता पार्टी |
हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार नवीन जिंदल, आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार सुशील गुप्ता और हरियाणा में प्रभावशाली चौटाला परिवार के सदस्य अभय सिंह चौटाला के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। एक दशक के बाद चुनावी मैदान में उतर रहे उद्योगपति-नेता जिंदल का कहना है कि वह ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले इस निर्वाचन क्षेत्र को आध्यात्मिक केंद्र में बदलना चाहते हैं।
नवीन जिंदल vs अभय चौटाला vs सुशील गुप्ता
कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से नवीन जिंदल के खिलाफ इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के महासचिव और पार्टी के एकमात्र विधायक चौटाला और आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष सुशील गुप्ता भी मैदान में हैं। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का घटक दल ‘आप’ हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट पर चुनाव लड़ रहा है जबकि शेष नौ सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। जिंदल मार्च में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने 2004-2014 के बीच कुरुक्षेत्र लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया।
उनके दिवंगत पिता और जाने-माने उद्योगपति ओ पी जिंदल भी पहले कुरुक्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यह पहली बार है जब भाजपा ने इस सीट से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी उम्मीदवार किसानों के मुद्दों के साथ-साथ भाजपा को चुनौती देने के लिए बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसे अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं। दिल्ली से करीब 150 किलोमीटर दूर कुरुक्षेत्र ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यहीं पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया था।
चुनाव को लेकर क्या बोले भाजपा के नवीन जिंदल
हाल ही में नवीन जिंदल ने कहा कि उनका सपना कुरुक्षेत्र को देश के सबसे विकसित निर्वाचन क्षेत्रों में से एक बनाने का है। जिंदल ने कहा कि यह निर्वाचन क्षेत्र उनके लिए नया नहीं है और उन्हें जनता से भरपूर प्यार और समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को भाजपा की 'डबल इंजन' सरकार के कारण लाभ हुआ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 वर्षों में बहुत काम किया है तथा उनके पास देश को आगे ले जाने का दृष्टिकोण है।
जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन जिंदल ने अपनी और अपनी पत्नी शालू की चल-अचल संपत्ति करीब 1,000 करोड़ रुपये घोषित की है। भाजपा उम्मीदवार ने पिछले सप्ताह कुरुक्षेत्र के विकास के लिए अपनी योजनाओं को साझा करते हुए एक 'दृष्टि पत्र' जारी किया था। उन्होंने विश्व मंच पर कुरुक्षेत्र को आध्यात्मिक और धार्मिक पहचान दिलाने का वादा किया।
सुशील गुप्ता ने नवीन जिंदल से पूछा तीखा सवाल
भाजपा उम्मीदवार नवीन जिंदल पर निशाना साधते हुए ‘आप’ उम्मीदवार सुशील गुप्ता ने कहा, 'मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने सांसद के रूप में (2004-2014) पहले कुरुक्षेत्र में कौन से प्रमुख विकास कार्य किए हैं। भाजपा उनके खिलाफ कोयला घोटाले के आरोप लगाती थी लेकिन अब वे इस पर चुप हैं।' गुप्ता ने कहा, 'बेरोजगारी, महंगाई, किसान और महिलाओं के मुद्दे निर्वाचन क्षेत्र में प्रमुख मुद्दे हैं। लोग इस बार बदलाव चाहते हैं। लोग इस बात से भी नाराज हैं कि राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों, सरपंचों, कर्मचारियों जैसे किसी भी वर्ग द्वारा आवाज उठाने पर लाठियां चलाईं।'
अभय सिंह चौटाला ने उठाया किसानों का मुद्दा
इनेलो उम्मीदवार अभय सिंह चौटाला ने दावा किया कि समाज के विभिन्न वर्ग केंद्र और हरियाणा में भाजपा सरकारों से तंग आ चुके हैं। अभय चौटाला ने कहा, 'आज किसानों की क्या हालत है? उन्होंने (सरकार ने) उनसे बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर (अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ) किसान आंदोलन के दौरान 700 लोगों की शहादत के बाद भी सरकार उन्हें धोखा दे रही है।'
कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में 9,38,029 पुरुष, 8,50,439 महिला और 23 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। मतदाताओं में जाट समुदाय का एक बड़ा हिस्सा शामिल है।
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