Rajasthan Chunav: हनुमान बेनीवाल के लिए कितनी अहम है खींवसर सीट? जानें समीकरण और इतिहास
Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव में सभी की निगाहें हनुमान बेनीवाल पर टिकी हुई हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों की घोषणा की है जिसके तहत पार्टी के संयोजक, सांसद हनुमान बेनीवाल विधानसभा की खींवसर सीट से चुनाव लड़ेंगे।
खींवसर विधानसभा सीट और हनुमान बेनीवाल का कनेक्शन।
Rajasthan Chunav News: हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान की खींवसर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने 10 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी की लिस्ट के अनुसार भोपालगढ़ से मौजूदा विधायक पुखराज गर्ग और मेड़ता से विधायक इंदिरा देवी बावरी चुनाव लड़ेंगी। खींवसर से इस समय सांसद के भाई नारायण बेनीवाल विधायक हैं। पार्टी ने खींवसर से उन्हें टिकट नहीं दिया है। इस सूची में उनका नाम भी नहीं है।
बेनीवाल के लिए कितनी अहम है खींवसर सीट?
साल 2008 में जब हनुमान बेनीवाल इस विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे, उस वक्त वो भाजपा में थे। इसके बाद IND के टिकट पर 2013 में उन्होंने यहां से फिर से जीत हासिल की। बेनीवाल परिवार का इस सीट पर लंबे वक्त से कब्जा है। कहा जा रहा है कि 2019 में जब उनके भाई इस सीट से चुनाव लड़े तो पार्टी यहां थोड़ी कमजोर हुई। ऐसे में बेनीवाल ये बेहतर समझते हैं कि ये सीट उनकी राजनीतिक जमीन को मजबूत रखने के लिए कितनी अहम है। यही वजह है कि उन्होंने खुद इस सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया।
क्या कहता है खींवसर सीट का इतिहास?
विधानसभा चुनाव 2008 के नतीजे
भाजपा से हनुमान बेनीवाल ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। उस वक्त उन्होंने 58 हजार 760 वोट हासिल किए थे। उन्होंने 24 हजार 443 वोटों से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के दुर्ग सिंह 34 हजार 317 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे।
विधानसभा चुनाव 2013 के नतीजे
हनुमान बेनीवाल ने इस सीट पर आईएनडी के टिकट पर जीत हासिल की थी। उस वक्त उन्होंने 65 हजार 399 वोट हासिल किए थे। उन्होंने 23 हजार 20 वोटों से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी के दुर्ग सिंह 42 हजार 379 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे।
विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे
आरएलपी से हनुमान बेनीवाल ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। उस वक्त उन्होंने 83 हजार 96 वोट हासिल किए थे। उन्होंने 16 हजार 948 वोटों से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कांग्रेस के साविसिंह गोदारा 66 हजार 148 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे।
विधानसभा उपचुनाव 2019 के नतीजे
लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल को जीत हासिल हुई और इस सीट पर उपचुनाव हुए। बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को चुनाव लड़ाया। उन्होंने 78 हजार वोट हासिल किए और 4 हजार 630 वोटों से सीट हासिल की। इस उपचुनाव में कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा 73 हजार 605 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर था।
इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि हनुमान बेनीवाल ने इस बार इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ने का फैसला क्यों लिया है? अपनी जमीन कहीं खिसक न जाए, इसके लिए बेनीवाल इस बार कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। उन्होंने अपने भाई की जगह खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया। पार्टी ने इसके अलावा परबतसर से लछाराम बडारड़ा, कोलायत से रेवतराम पंवार, सहाड़ा से बद्रीलाल जाट, बायतू से उम्मेदाराम बेनीवाल, सरदारशहर से लालचंद मूंड, सांगानेर से महेश सैनी और जोधपुर शहर से डॉ. अजय त्रिवेदी को टिकट दिया है। हनुमान बेनीवाल ने 2018 का विधानसभा चुनाव खींवसर से जीता था लेकिन 2019 में वह नागौर से लोकसभा चुनाव जीत गए। उपचुनाव में आरएलपी से नारायण बेनीवाल जीते। आरएलपी ने चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ गठबंधन की घोषणा की है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited