Karakat Lok Sabha Constituency: कैसे भोजपुरी सुपर स्टार पवन सिंह ने बिगाड़ दिया है उपेंद्र कुशवाहा का खेल, कहीं INDIA मार न ले बाजी
Karakat Lok Sabha Constituency: काराकाट सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था। काराकाट सीट रोहतास और औरंगाबाद जिले की तीन-तीन विधानसभा सीटों से मिलकर बनी है।
काराकाट लोकसभा सीट का समीकरण
Karakat Lok Sabha Constituency: काराकाट लोकसभा सीट पर इस बार भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने, उपेंद्र कुशवाहा को फंसाते दिख रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा एनडीए की ओर से उम्मीदवार हैं और भाजपा इन्हें जिताने के लिए पूरा जोर लगा रही है। वहीं पवन सिंह भी बीजेपी से ही हैं, बीजेपी ने आसनसोल से टिकट भी दिया था, लेकिन जब बंगाल पर गाए गए गाने को लेकर विवाद हुआ तो पवन सिंह ने टिकट वापस कर दिया। पवन सिंह की चाहत थी कि उन्हें किसी भोजपुरी इलाके जैसे आरा वाली सीट से टिकट मिले, लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं हुई, जिसके बाद पवन सिंह काराकाट सीट पहुंच गए और निर्दलीय पर्चा भर दिया। जिसके बाद काराकाट सीट पर समीकरण उलट-पुलट होते दिखे।
उपेंद्र कुशवाहा का समीकरण
काराकाट सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था। काराकाट सीट, रोहतास और औरंगाबाद जिले की तीन-तीन विधानसभा सीटों से मिलकर बनी है। यहां कुशवाहा जाति का प्रभाव है। अभी तक हुए तीन चुनावों में एक बार उपेंद्र कुशवाहा और दो बार महाबली कुशवाहा सांसद बने हैं। इस लिहाज से उपेंद्र कुशवाहा के लिए यह सीट इस पर सेफ होती दिख रही थी, लेकिन यहां दो पेंच फंस गया। पहला इंडिया गठबंधन की ओर से यह सीट CPI(ML)L के खाते में चली गई। CPI(ML)L ने यहां से राजा राम सिंह कुशवाहा को टिकट दे दिया, मतलब कुशवाहा बनाम कुशवाहा। दूसरा पवन सिंह।
पवन सिंह ने कैसे बिगाड़ा समीकरण
यहां पिछले चुनावों में लड़ाई कुशवाहा बना कुशवाहा की रही थी, दो बार बाजी जदयू के महाबली कुशवाहा के हाथ लगी है और एक बार उपेंद्र कुशवाहा जीते हैं। इस बार उपेंद्र कुशवाहा के साथ जदयू भी है, तो उपेंद्र कुशवाहा का पलड़ा भारी था, लेकिन इसी बीच पवन सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय पर्चा भर दिया। काराकाट सीट पर राजपूतों की संख्या भी अधिक है। राजपूत समाज से ही पवन सिंह आते हैं। राजपूत वोट काराकाट सीट पर 2 लाख से ज्यादा है। इसके साथ ही 75 हजार ब्रह्माण और 50 हजार भूमिहार। इस वोट बैंक में पवन सिंह सेंध लगाते दिखे हैं।
काराकाट सीट का जातीय समीकरण
काराकाट सीट पर सवर्ण वोटरों की संख्या 3 लाख से ज्यादा है। उसके बाद कोईरी और कुर्मी वोटर ढाई लाख हैं, कोईरी और कुर्मी वोट, इंडिया और एनडीए के बीच बंटना तय है, क्योंकि दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार इसी समाज से आते हैं। 3 लाख के करीब यहां यादव समाज का वोट है, जिसपर राजद हावी रहा है। वैश्य समुदाय के भी 2 लाख वोट हैं। 2.5 लाख वोट मुसलमान समाज का भी है।
इंडिया गठबंधन का हाल
काराकाट सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो सभी छह विधानसभा सीट में से पांच पर राजद और एक पर CPIML का कब्जा है। मतलब विधानसभा के नतीजों को देखें तो यहां इंडिया गठबंधन आगे है। अगर इंडिया गठबंधन, विधानसभा चुनाव वाले नतीजे पर कायम रहता है तो यह सीट उसके हिस्से जा सकती है। वहीं पवन सिंह के स्वर्ण वोटर में सेंध लगाने से एनडीए को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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