जब देश ने देखी पहली बार गठबंधन सरकार, विपक्षी नेताओं की गुटबाजी ने दिया इंदिरा को फिर मौका
Alliance politics in India : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 जून 1975 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने 1971 में रायबरेली से इंदिरा गांधी की जीत को अवैध घोषित कर दिया। इंदिरा गांधी इस सीट से विजयी हुई थीं।
1977 में बनी थी जनता पार्टी की सरकार।
Alliance politics in India : 1951-52 में पहले आम चुनाव के बाद देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनती रही। सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को बहुमत मिलता रहा और दशकों तक सरकार बनाने और उसे पांच साल तक चलाने में उसके सामने कोई बड़ी राजनीतिक अड़चन नहीं आई। आपातकाल की घोषणा से पहले यानी 1975 तक कांग्रेस का एक छत्र शासन रहा लेकिन आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा। मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गैर-कांग्रेसी दलों की गठबंधन सरकार बनी। यह देश की पहली गठबंधन सरकार थी। जनता पार्टी में कुल 13 दल शामिल थे। यह पहली गैर-कांग्रेसी सरकार थी।
...और जनता पार्टी की सरकार गिर गई
हालांकि, अटल बिहारी वाजपेयी के समर्थन लेने के चलते जनता पार्टी की सरकार गिर गई और जनता दल (सेक्युलर) के चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री बने। चौधरी चरण सिंह की सरकार अल्पमत में थी। उसे कांग्रेस का समर्थन मिला हुआ था, लेकिन जब लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने की बारी आई तो कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया, जिससे सरकार गिर गई। हालांकि, चौधरी चरण सिंह 1980 तक ही पद पर बने रह सके।
हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी की जीत को अवैध बताया
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 जून 1975 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने 1971 में रायबरेली से इंदिरा गांधी की जीत को अवैध घोषित कर दिया। इंदिरा गांधी इस सीट से विजयी हुई थीं। इंदिरा पर धांधली के जरिए चुनाव जीतने का आरोप लगा था। चार साल बाद होई कोर्ट ने इंदिरा को आचार संहिता के उल्लंघन, चुनाव में धन के अत्यधिक इस्तेमाल और राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का दोषी पाया।
1977 लोकसभा चुनाव रिजल्ट
पार्टी | चुनाव लड़ा, सीट | जीता | वोट प्रतिशत
इंदिरा गांधी पर सरकारी पर लेने पर रोक लगाई
कोर्ट ने कहा कि इंदिरा गांधी को यह सीट खाली करनी होगी। साथ ही कोर्ट ने अगले छह साल के लिए उन्हें कोई सरकारी पद लेने पर रोक लगा दी। कोर्ट के फैसले के बाद इंदिरा गांधी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था लेकिन उन्हें इस्तीफा देने से इंकार कर दिया। पीएम पद बने रहने के लिए इंदिरा 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी। इस आपातकाल के खिलाफ देश के सभी विपक्ष नेता एकजुट हुए। दो साल बाद यानी 1977 में हुए चुनाव में कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा। इंदिरा गांधी रायबरेली सीट से खुद चुनाव हार गईं।
जय प्रकाश ने निभाई 'किंगमेकर' की भूमिका
1977 में देश में पहली गठबंधन सरकार बन गई। उस समय प्रधानमंत्री पद के लिए दो दावेदार चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम थे लेकिन 'किंगमेकर' की भूमिका निभाने वाले जयप्रकाश ने पीएम चेहरे के लिए देसाई का समर्थन किया। सरकार बनने के बाद जनता पार्टी में भी गुटबाजी शुरू हो गई। जनता पार्टी के नेताओं की फूट को इंदिरा ने भांप लिया और उन्हें सत्ता में वापसी का मौका भी दिखने लगा। अगले कुछ महीनों में खूब सियासी दांव पेंच चले गए। वाई बी चव्हाण ने मोरारजी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रख डाला। सरकार गिर गई और 15 जुलाई 1979 को मोरारजी को इस्तीफा देना पड़ा। अगले चुनाव में एक बार फिर इंदिरा जीत कर सरकार बनाने में कामयाब रहीं।
330 सीटों पर जीते जनता पार्टी एवं सहयोगी दल
लोकतंत्र को बचाए रखने की लड़ाई 1977 के चुनाव का मुख्य एजेंडा था। जय प्रकाश नारायण ने उस समय इंदिया हटाओ और देश बचाओ का नारा दिया। जनता ने भी कांग्रेस का शासन उखाड़ फेंकने में उनका पूरा साथ दिया। चुनाव में जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों की भारी जीत हुई। कुल 542 सीटों में से इस गठबंधन को 330 सीटें मिलीं। इस चुनाव में कांग्रेस 154 सीटों पर सिमट कर रह गई।
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