बिहार में तेरे JP-मेरे JP की लड़ाई, भाजपा नीतीश कुमार को कांग्रेस जैसा दे पाएगी झटका

Nitish Kumar On Amit Shah: जब से भाजपा और जद(यू) की राह अलग हुई है, उसी समय से अमित शाह ने बिहार में भाजपा की कमान संभाल ली है। और वह लगातार बिहार आ रहे हैं। उनकी कोशिश है कि भाजपा को जद (यू) के साये से अलग कर मजबूत किया जाय। और 2024 के लोक सभा चुनाव में एक बार फिर 2014 और 2019 जैसा इतिहास, जद (यू) के बिना दोहराया जाय।

जय प्रकाश नारायण की मूर्ति का अनावरण करते गृह मंत्री अमित शाह

मुख्य बातें
  • लालू प्रसाद यादव हो या फिर नीतीश कुमार ये दोनों नेता जे.पी. आंदोलन से निकले हैं।
  • बिहार में अब जे.पी. को लेकर भाजपा और जद (यू), राजद में खींचतान चलती रहेगी।
  • अमित शाह ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव पर कांग्रेस का साथ देने के लिए निशाना साधा है।

Nitish Kumar On Amit Shah:राजनीति में कोई व्यक्ति 50 साल बाद भी प्रासंगिक हो सकता है,ऐसे उदाहरण बिरले ही मिलते हैं। लेकिन बिहार के छपरा जिले में 11 अक्टूबर 1902 को जन्मे जय प्रकाश नारायण का असर ऐसा है कि आज भी बिहार की राजनीति में उनके नाम पर क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है। और इस लड़ाई में भाजपा नेता अमित शाह और जद (यू) नेता नीतीश कुमार आमने-सामने हैं। और दोनों की लड़ाई तेरे JP और मेरे JP की हो गई है। बिहार में पिछले 35 साल से सत्ता जेपी के दो शिष्यों के पास ही रही है। चाहे लालू प्रसाद यादव हो या फिर नीतीश कुमार ये दोनों नेता साल 1974 में शुरू हुए जेपी आंदोलन से ही निकले हैं। जिसे संपूर्ण क्रांति के नाम से जाना जाता है।
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बीते अगस्त में जब से भाजपा और जद(यू) की राह अलग हुई है, उसी समय से अमित शाह ने बिहार में भाजपा की कमान संभाल ली है। और वह लगातार बिहार आ रहे हैं। उनकी कोशिश है कि भाजपा को जद (यू) के साये से अलग कर मजबूत किया जाय। और 2024 के लोक सभा चुनाव में एक बार फिर जद (यू) के बिना 2014 और 2019 जैसा इतिहास दोहराया जाय। साफ है कि भाजपा बिहार नीतीश कुमार के साये से निकलना चाहती है। और उसके लिए उसे किसी ऐसे शख्स की तलाश है, जो नीतीश और लालू प्रसाद यादव के गठबंधन के खिलाफ नया नैरेटिव पेश कर सके। और इसके लिए भाजपा ने जय प्रकाश नारायण को चुना है।
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