Delhi Mumbai Expressway: किसकी सियासी गाड़ी दौड़ेगी सरपट, नरेंद्र मोदी की रैली के जरिए पूर्वी राजस्थान पर नजर
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस आने वाले समय में दोनों शहरों की दूरी को 12 घंटे में समेट देगी। इसके साथ साथ छोटे छोटे खंडों को फायदा मिलेगा। मसलन दिल्ली से जयपुर जाना आसान हो जाएगा। इन सबके बीच इस एक्स्प्रेसवे को पूर्वी राजस्थान में बीजेपी के लिए सियासी तौर पर अहम माना जा रहा है।
राजस्थान से भी गुजर रहा है दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे(Delhi Mumbai Expressway) के पहले खंड का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) करने वाले हैं। पहला खंड दिल्ली-दौसा-लालसोट(Delhi-Dausa-Lalsot)(करीब 246 किमी) का है। इस खंड को सियासी तौर पर अहम भी माना जा रहा है कि क्योंकि इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव(Rajasthan Assembly Election) भी है। अब इस एक्सप्रेसवे पर किस दल की सियासी गाड़ी सरपट दौड़ेगी उसका गवाह बनने के लिए नतीजों की इंतजार करना होगा। लेकिन इस एक्सप्रेसवे को ना सिर्फ आर्थिक विकास बल्कि सियासी फसल के तौर पर भी देखा जा रहा है। पीएम मोदी उद्घाटन के साथ साथ जनसभा को भी संबोधित करने वाले हैं। लेकिन सबसे पहले दौसा-लालसोट-जयपुर के सामाजिक और राजनीतिक समीकरण को समझने की जरूरत है।
अब दिल्ली दूर नहीं !
- विकास का एक्सप्रेसवे और चुनावी रफ्तार !
- भाजपा की हार का कारण रहे पूर्वी राजस्थान को चुनावी मैसेज देने की कोशिश
- 8 जिलों की 58 सीटों पर आज की सभा का असर
- 2013 में
BJP ने यहां जीती थी 58 में से 44 सीटें - 2018 में 11 सीटों पर सिमट गई थी भाजपा
- दौसा,भरतपुर और सवाई माधोपुर में BJP को नहीं मिली थी एक भी सीट
- दौसा,करौली,भरतपुर,टोंक,जयपुर,अलवर, सवाई माधोपुर, धौलपुर जिलों के समीकरण साधने की सभा
पूर्वी राजस्थान के जातिगत समीकरण अलग, BSP का भी प्रभाव- मीणा, गुर्जर, SC और OBC इलाको में छोड़ेंगे अपना प्रभाव
- लोकसभा सीट के तौर पर भी दौसा कमजोर सीट लिहाज इसे मजबूत करने की कोशिश
राजस्थान पर नजर
- 15 दिन में मोदी का राजस्थान में दूसरा दौरा
- 28 जनवरी को भीलवाड़ा के आसींद में गुर्जरों के कार्यक्रम में आए
- और 1 नवम्बर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पहुंचकर आदिवासी समुदाय से हुए थे रूबरू
- गहलोत के गढ़ में हाल ही पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कर चुके सम्मेलन
- OBC वोट बैंक को साधने की कवायद
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव के साथ साथ विधानसभा चुनाव अहम है। अगर दोनों चुनावों की टाइमिंग को देखें को आम चुनाव 2024 से करीब तीन चार महीने पहले विधानसभा का चुनाव होगा। राजस्थान के नतीजे निश्चित तौर पर मनोवैज्ञानिक तौर पर आम चुनाव पर असर डालेंगे। अगर आप दौसा- लालसोट की बात करें तो इस पूरे क्षेत्र में पूर्वी राजस्थान का बड़ा हिस्सा आता है और बीजेपी का प्रदर्शन 2018 में अच्छा नहीं था। लिहाजा पार्टी को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के इस खंड से ज्यादा उम्मीद है। पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि इसके जरिए ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि बहुजन समाज पार्टी के असर को भी कम करने में कामयाब होगी।
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