जब कड़े फैसले लेने से हिचके नहीं देश के पहले CEC सुकुमार सेन, 1952 के चुनाव में रख दी EC की मजबूत नींव

Sukumar Sen : सुकुमार सेन सन 1921 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे। बंगाल के कई जिलों में काम करने के बाद वह पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के पद पर पहुंचे थे जहां से उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर दिल्ली लाया गया।

देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे सुकुमार सेन।

Sukumar Sen : विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रित देश का चुनाव पर दुनिया भर की नजर रहती है। इतने बड़े देश में एक साथ शांतिपूर्ण एवं सफल चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती रही है लेकिन भारत का निर्वाचन आयोग अपने इस दायित्व को सफलता पूर्वक निभाता आया है। देश में पहला आम चुनाव 1951-52 में हुआ। चुनाव आयोग का ढांचा भी अपने प्रारंभिक चरणों में था लेकिन अपने पहले ही परीक्षा में चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव से सभी को अचंभित कर दिया। इसका श्रेय भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन को जाता है। चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए सेन ने जो आधारशिला रखी, उसमें कुछ बदलावों के साथ ईसी आज भी उसी रास्ते पर बढ़ रहा है।

प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सेन को जब पहला चुनाव कराने का जिम्मा सौंपा गया तो इस कार्य को उन्होंने एक चुनौती की तरह स्वीकार किया। सेन की टीम में अपने कार्यों के प्रति समर्पित, साहसी और सामर्थ्यवान लोग थे जिन्होंने कठिनाइयों एवं मुश्किलों को अपने लिए अवसर के रूप में देखा। सेन अपने और उनकी टीम ने भारत के पहले लोकसभा चुनाव को सफलता पूर्वक संपन्न कराया।

कौन थे सुकुमार सेनसेन सन 1921 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे। बंगाल के कई जिलों में काम करने के बाद वह पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के पद पर पहुंचे थे जहां से उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर दिल्ली लाया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त पद पर सेन की नियुक्ति 21 मार्च 1950 को हुई। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक महीने वेतन 4 हजार रुपया देने तय हुआ लेकिन वह मात्र 500 रुपए लेने पर राजी हुए। देश का पहला चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सेन को 1954 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया।

गणित विषय के महारथी थे सेन

वर्ष 1899 में पैदा हुए सुकुमार सेन ने कलकत्ता के नामचीन प्रेसीडेंसी कॉलेज और लंदन विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। गणित विषय में इनकी गहरी रुचि और इस विषय में उन्हें महारत हासिल थी। इसके लिए उन्हें लंदन विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक मिला। सेन देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर 21 मार्च 1950 से 19 दिसंबर 1958 तक रहे। उनकी काबिलियत एवं योग्यता को देखते हुए उन्हें यह अहम दायित्व सौंपा गया।

End Of Feed