गुजरातियों को महंगाई बर्दाश्त बांग्लादेशी नहीं, परेश रावल के बयान पर हंगामा बरपा
गुजरात में चुनावी सभा के दौरान बीजेपी के पूर्व सांसद परेश रावल ने कहा था कि गुजरात लोग महंगाई को तो बर्दाश्त कर सकते हैं। लेकिन रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को नहीं कर सकते।
परेश रावल, बीजेपी के पूर्व सांसद
गुजरात विधानसभा के लिए दूसरे चरण का चुनाव पांच दिसंबर को होना है, उससे पहले 1 दिसंबर को पहले चरण में कुल 60 फीसद मतदान हुआ जो 2017 के मुकाबले 8 फीसद कम है। इन सबके बीच बीजेपी के पूर्व सांसद परेश रावल का एक बयान चर्चा में है जो उन्होंने पहले चरण के मतदान से पहले दिया था। वलसाड में चुनावी सभा के दौरान कहा था कि गैस सिलेंडर महंगे हैं और उनकी कीमत नीचे आ जाएगी। लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा। लेकिन क्या होगा जब दिल्ली की तरह रोहिंग्या शरणार्थी और बांग्लादेशी आप के पड़ोस में रहना शुरू कर देंगे। बंगालियों के लिए मछली बनाएंगे। गुजरात, महंगाई को तो सहन कर सकता है लेकिन इन्हें नहीं।
'बाबू भाई आप तो ऐसे ना थे'
परेश रावल के इस बयान पर बीजेपी के पूर्व नेता अब टीएमसी नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि बाबू भाई आप तो ऐसे ना थे। यदि बांग्लादेशी और रोहिंग्या भारत में दाखिल हो रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि गृहमंत्री अमित शाह अपने फर्ज को सही ढंग से अंजाम नहीं दे रहे हैं। क्या आप यह कहना चाह रहे हैं बीएसएफ के लोग सीमाओं की रखवाली नहीं कर पा रहे हैं।
रावल पर भड़का सोशल मीडिया
सोशल मीडिया यूजर्स ने परेश रावल के भाषण को 'जेनोफोबिया और रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों के खिलाफ नफरती बोल हैं। जबकि उन्होंने कहा कि मछली खाने वाले बंगालियों के प्रति उनकी नफरत थी। कम से कम हम बंगाली मछली पकाते हैं, जहर नहीं बोलते और नफरत फैलाते हैं। और इस आदमी ने अपनी नवीनतम फिल्म में एक बंगाली की भूमिका निभाई, वह भी एक पौराणिक बंगाली द्वारा लिखित चरित्र। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, बंगाल को PareshRawal की फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए।दूसरा चरण 5 दिसंबर को होगा। मतगणना 8 दिसंबर को होगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
ललित राय author
खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया म...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited