कहीं मतपेटियों की पूजा, तो कहीं चुनाव आयुक्त को ही वोट देने की जिद...दूसरे लोकसभा चुनाव के अजब-गजब किस्से
पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सेन ने आजादी के बाद 1951-52 में पहले आम चुनाव और 1957 में दूसरे आम चुनाव में सफलतापूर्वक निर्वाचन आयोग का नेतृत्व किया था। उस समय इस तरह की कई घटनाएं सामने आई थीं, जिन्हें आज भी याद किया जाता है।
दूसरे आम चुनाव के रोचक किस्से
Second Lok Sabha Elections Facts: देश में 1957 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव के किस्से बेहद रोचक हैं। इनमें से कई ऐसी घटनाएं ऐसी हैं जिन्हें सुनकर आप भी अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे। मतदाताओं के अनोखे अंदाज ने इस चुनाव में हास्य का रंग घोल दिया था। जैसे कि उस दौर के मद्रास में एक मतदाता ने तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन के अलावा किसी भी व्यक्ति को यह कहते हुए वोट देने से इनकार कर दिया था कि चुनावी मैदान में मौजूद विभिन्न दल अपने चुनावी दुष्प्रचार से उन्हें प्रताड़ित करते रहे थे। पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सेन ने आजादी के बाद 1951-52 में पहले आम चुनाव और 1957 में दूसरे आम चुनाव में सफलतापूर्वक निर्वाचन आयोग का नेतृत्व किया था। उस समय इस तरह की कई घटनाएं सामने आई थीं, जिन्हें आज भी याद किया जाता है।
नीरस और गंभीर कार्यवाही में हास्य का पुट जोड़ा
दूसरे आम चुनाव से संबंधित एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, मतदान के दिनों में कुछ असामान्य घटनाएं हुईं, जिन्होंने आमतौर पर नीरस और गंभीर कार्यवाही में हास्य का पुट जोड़ दिया। आयोग द्वारा 1957 के चुनाव पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से भिन्न-भिन्न प्रकार की मजेदार घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें एक पिछड़े जिले में एक मतदाता द्वारा मतपेटी को पूजा की एक चीज समझ लेने से लेकर कुछ मतदान केंद्रों पर जंगली जानवरों के घुस आने के रोचक किस्से शामिल हैं।
एक उम्मीदवार ने खुद को प्रभु ईसा मसीह बताया
दूसरे लोकसभा चुनाव के दौरान एक और अनोखी घटना हुई थी। नई दिल्ली संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में एक उम्मीदवार ने जो नामांकन पत्र दाखिल किया था, उसमें उसने अपना नाम प्रभु ईसा मसीह बताया था। रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि, वह जमानत राशि जमा कराने में नाकाम रहा था, इसलिए छंटनी के दौरान निर्वाचन अधिकारी ने नामांकन पत्र रद्द कर दिया था। एक और घटना मद्रास में एक मतदाता से जुड़ी है जो केवल तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त सेन के पक्ष में मतदान करना चाहता था।
एक मतदाता ने कहा, सिर्फ चुनाव आयुक्त को दूंगा वोट
रिपोर्ट में उस घटना के हवाले से कहा गया है कि उस मतदाता ने कहा था, मैं केवल सुकुमार सेन के लिए वोट करना चाहता हूं न कि किसी भी पार्टी के उम्मीदवार के लिए। ये सभी दल पिछले एक महीने से अपने चुनावी दुष्प्रचार से मुझे प्रताड़ित करते रहे हैं। सरकार द्वारा 2014 में जारी एक आधिकारिक बयान में निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के हवाले से बताया गया था कि दूसरे लोकसभा चुनाव में 494 सीट पर 1,519 उम्मीदवार थे, जबकि मतदाताओं की संख्या 19.3 करोड़ से अधिक थी।
एक वोटर मतपेटियों की पूजा करने लगा
भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा 1957 के चुनाव पर एक रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे लोकसभा चुनाव में 45.44 प्रतिशत मतदान हुआ था। दूसरे लोकसभा चुनाव पर आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पिछड़े जिले में एक अंधविश्वासी मतदाता ने मतपेटियों को पूजा की वस्तु ही समझ लिया था और वह अपना वोट डालने से पहले मतपेटी के सामने पूजा करते हुए पाया गया था। इसके अलावा मतगणना प्रक्रिया के दौरान खोली गयी मतपेटियों में मतपत्रों के अलावा कुछ कई तरह के सामान पाए गए थे, जैसे किसी खास उम्मीदवार की सफलता की कामना करने वाली चिट या उन्हें दी गयी गालियों वाली चिट या एक हॉलीवुड कलाकार की तस्वीरें या सिक्के और नोट।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मध्य प्रदेश में मतदान से पहले वाली रात को एक बाघ मतदान केंद्र में घुस गया और उसने वहां सो रहे एक व्यक्ति को घसीटकर ले जाने की कोशिश की, लेकिन उसे बाघ के चंगुल से बचा लिया गया था। (Bhasha Input)
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