राहुल-अखिलेश की दोस्ती में कैसे पड़ी दरार? जानें कांग्रेस-सपा के बीच तकरार की पूरी कहानी

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों में जो तकरार इंडिया गठबंधन की पार्टियों के बीच छिड़ी है, आगामी लोकसभा चुनाव में उसका बुरा साइडइफेक्ट देखने को मिल सकता है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और सपा के बीच विवाद बढ़ रहा है। सवाल ये है कि क्या अब राहुल-अखिलेश की दोस्ती पर फाइनल ब्रेक लगने वाला है?

Rahul Gandhi vs Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव और राहुल गांधी की दोस्ती पर लगा फाइनल ब्रेक!

MP Chunav News: विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) में शामिल पार्टियां जो एकजुटता के दावे करती हैं, उसका खोखला चरित्र अब धीरे-धीरे उजागर हो रहा है। लोकसभा चुनाव तो दूर का ढोल है, उससे पहले विधानसभा चुनावों में ही कई सहयोगी पार्टियों के बीच सिरफुटव्वल की स्थिति बनने लगी है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव की दोस्ती में दरार साफ नजर आ रही है। सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये दोस्ती अब सियासी दुश्मनी की ओर बढ़ चली है?

खत्म हुई दोस्ती, अब दुश्मनी की बारी!

अखिलेश यादव ने कांग्रेस के खिलाफ कड़वे बोल को अपना कर ये बता दिया कि उनकी नजर में राहुल गांधी की पार्टी धोखेबाज और चालू है। मध्य प्रदेश विधानसभा में सीटों पर बात नहीं बनी तो सपा प्रमुख तिलमिला उठे और उन्होंने कांग्रेस को खूब भला-बुरा कह दिया। मतलब साफ है कि अब राहुल-अखिलेश की दोस्ती पर ग्रहण लग चुका है। भले ही सपा-कांग्रेस की इस लड़ाई की शुरुआत एमपी में हुई थी, अब इसकी आंच यूपी तक पहुंच चुकी है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी की टीम आमने-सामने है। दोनों ही पार्टियों के नेता एक दूसरे पर जमकर जुबानी प्रहार कर रहे हैं।

यूपी में कांग्रेस को परेशान करेगी सपा?

अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के लिए कांग्रेस के कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में सीट नहीं छोड़ी तो इस विवाद ने तूल पकड़ लिया। सपा ने कांग्रेस के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार दिए और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सबक सिखाने का प्लान तैयार किया। अखिलेश पर कांग्रेस के अजय राय लगातार जुबानी हमले कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है। सपा अब कांग्रेस से एमपी का बदला यूपी में लेने की तैयारी कर रही है। दोनों पार्टियां एक दूसरे के नेताओं को तोड़ने में जुट गई हैं।

अखिलेश के नेतृत्व पर उठने लगे सवाल

कभी समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं की लिस्ट में शुमार रहे रवि प्रकाश वर्मा ने अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल उठा दिया है। चार बार के सांसद रवि वर्मा सपा के महासचिव भी रहे हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते ही सपा से इस्तीफा दे दिया था उनकी बेटी पूर्वी वर्मा ने भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का आशीर्वाद लिया। रवि वर्मा ने ये तक दावा कर दिया कि उन्हें समाजवादी पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने दावा किया है कि ये तो बस शुरुआत है, आगे बहुत सारे नेता कांग्रेस का हाथ थामने वाले हैं। सपा के कई नेता राहुल गांधी के साथ काम करना चाहते हैं। बता दें, रवि वर्मा आज कांग्रेस का दामन थामने वाले हैं।

'चिरकुट नेता' ने अखिलेश की जमीन हिलाई

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीते कुछ दिन पहले ही अजय राय को 'चिरकुट नेता' करार दिया था। अब इसी चिरकुट नेता ने अखिलेश की पार्टी में सेंधमारी तेज कर दी है। कांग्रेस ये साबित करने में जुट गई है कि राहुल गांधी का नेतृत्व लोगों को ज्यादा पसंद आ रहा है और यही वजह है कि सपा के नेता अब अखिलेश से कन्नी काटने पर मजबूर होते जा रहे हैं। ये तो तय है कि अखिलेश और राहुल के बीच अब पुरानी बात नहीं है, मगर कहीं न कहीं 2024 के लोकसभा चुनाव के नजरिए से ये इंडिया गठबंधन की टेंशन बढ़ने वाली है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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