जम्मू-कश्मीर चुनाव: सोपोर से किस्मत आजमा रहा अफजल गुरू का भाई, कहा- मेरा नजरिया भाई से अलग

ऐजाज ने कहा, मेरे भाई का दृष्टिकोण अलग था और मेरा अलग है। मेरा ध्यान अलगाववादी विचारधारा के बजाय विकास पर है। दिसंबर 2001 में संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।

ऐजाज गुरु

Sopore Assembly Seat: संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु का भाई ऐजाज अहमद गुरु भी जम्मू-कश्मीर के सोपोर से चुनाव लड़ रहा है। ऐजाज ने विकास और रोजगार के मुद्दे पर जनता के बीच जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियां केंद्र शासित प्रदेश की व्यापक समस्याओं को दर्शाती हैं। राज्य के विकास और युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने के वादे के साथ ऐजाज गुरु अपने भाई की विवादास्पद विरासत से हटकर एक अलग राजनीतिक पहचान बनाने में जुटा है।

कहा- मेरा नजरिया भाई से अलग

पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में ऐजाज ने कहा, मेरे भाई का दृष्टिकोण अलग था और मेरा अलग है। मेरा ध्यान अलगाववादी विचारधारा के बजाय विकास पर है। दिसंबर 2001 में संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। एक स्वतंत्र उम्मीदवार, ऐजाज अहमद गुरु ने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी नहीं की है। ऐजाज ने संविधान को बनाए रखने और सोपोर की गंभीर समस्याओं को दूर करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उनका कहना है कि इस क्षेत्र को वर्षों से उपेक्षा का सामना करना पड़ा है।

1990 में सोपोर में चरम पर था आतंकवाद

कभी अपने फलते-फूलते सेब के बगीचों के लिए जाना जाने वाला सोपोर 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद की लहर के कारण बदनाम हुआ था। अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी इस सीट से तीन बार चुना गया, आखिरी बार 1987 में जीत मिली थी। अपने लिए चुनाव प्रचार करते हुए सोपोर की गलियों से गुजरते हुए गुरु ने स्थानीय अर्थव्यवस्था की गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया । ऐजान ने कहा कि सोपोर के युवा बेरोजगार हैं और पिछले चार से पांच वर्षों में जीवन यापन की लागत तेजी से बढ़ी है। अमीर अप्रभावित हैं, जबकि गरीब वर्ग और गरीब हो गए हैं।
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