हरियाणा में दलित वोटरों पर नजर, बसपा की काट के लिए दुष्यंत ने चंद्रशेखर से मिलाया हाथ, रोचक होगा मुकाबला

Haryana Assembly Election 2024 : जजपा ने पहली बार 2019 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और 10 सीटों पर जीत दर्ज की। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने पर इसने किंगमेकर की भूमिका निभाई। जजपा ने समर्थन देकर भाजपा की सरकार बनवाई। मनोहर लाल खट्टर की सरकार दुष्यंत डिप्टी सीएम बने।

Haryana Assembly Election 2024

हरियाणा में एक अक्टूबर को डाले जाएंगे वोट।

मुख्य बातें
  • हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं, इन सीटों के लिए एक चरण में होगा मतदान
  • सभी सीटों पर एक अक्टूबर को मतदान होगा और चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे
  • दलित वोटरों को अपनी तरफ खींचने के लिए गठबंधन हुए, राज्य में 21 फीसद हैं दलित

Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी जीत की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन का दौर जारी है। हरियाणा दलित वोटरों की अच्छी खासी संख्या को देखते हुए इस वर्ग को सभी दल अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते है। राज्य में दलित आबादी करीब 21 प्रतिशत है। इस आबादी को अपनी तरफ खींचने के लिए जननायक जनता पार्टी (JJP) ने चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ गठबंधन किया। हरियाणा में किसी राजनीतिक दल के साथ भीम आर्मी के नेता आजाद का यह पहला सियासी गठबंधन है। लोकसभा चुनाव में यूपी की नगीना सीट से जीत दर्ज करने के बाद चंद्रशेखर आजाद का कद राजनीति में बढ़ गया है। बड़ी पार्टियां उन्हें अपने साथ जोड़ना चाहती हैं।

70 सीटों पर जजपा, 20 सीटों असाप लड़ेगी चुनाव

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं। रिपोर्टों के मुताबिक जजपा और आजाद समाज पार्टी गठबंधन के तहत इन सीटें पर चुनाव लड़ेंगी। दुष्यंत चौटाला की जजपा 70 सीटों और और एएसपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद ने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में इस सीट बंटवारे की घोषणा हुई। इस मौके पर दुष्यंत ने कहा कि यह गठबंधन 40-50 सालों तक चलेगा। दोनों पार्टियां मिलकर हरियाणा में दलित समुदाय के उत्थान के लिए काम करेंगी।

पिछले विस चुनाव में जजपा ने जीतीं 10 सीटें

बता दें कि जजपा ने पहली बार 2019 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और 10 सीटों पर जीत दर्ज की। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने पर इसने किंगमेकर की भूमिका निभाई। जजपा ने समर्थन देकर भाजपा की सरकार बनवाई। मनोहर लाल खट्टर की सरकार दुष्यंत डिप्टी सीएम बने। हालांकि, भाजपा से अलग हो जाने के बाद जजपा लगातार कमजोर हुई है। उसके सात विधायक टूट गए हैं। एक विधायक कांग्रेस में शामिल हुआ है।

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हरियाणा में जाट आबादी 26 प्रतिशत

चर्चा है कि उसके दो विधायक भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हरियाणा की आबादी में जाट समुदाय की आबादी 26 प्रतिशत है। हरियाणा की राजनीति जाट समुदाय के दबदबे वाली है। दुष्यंत जाट समुदाय से आते हैं। उन्हें लगता है कि जाट वोटरों के साथ यदि दलित आबादी आ जाती है तो वह मुकाबले में आ जाएंगे। खास बात यह है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत की पार्टी ने जो 10 सीटें जीतीं उनमें से चार एससी रिजर्व सीटें थीं।

इनेलो के साथ है बसपा

वहीं, चंद्रशेखर ने कहा कि वे किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं के मुद्दे उठाना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद आजाद ने कहा, ‘आने वाले दिनों में हरियाणा में किसानों और मजदूरों के मुद्दों को उठाने के लिए और अधिक लोग हमारे साथ जुड़ेंगे।’ दिसंबर 2018 में मूल संगठन इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में विभाजन के बाद जननायक जनता पार्टी अस्तित्व में आई। इस बीच, हरियाणा में इनेलो के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मंगलवार को अपनी पहली सूची में चार उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए।

बसपा ने घोषित किए उम्मीदवार

सूची के अनुसार, जगाधरी से दर्शन लाल खेड़ा, असंध से गोपाल सिंह राणा, नारायणगढ़ से हरबिलास सिंह और अटेली सीट से ठाकुर उत्तर लाल को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके साथ ही, बसपा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली पहली बड़ी पार्टी बन गई है।

हरियाणा की 90 विधानसभा सीट के लिए मतदान एक अक्टूबर को एक ही चरण में होगा और नतीजे चार अक्टूबर को आएंगे।

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आलोक कुमार राव author

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