Kairana Chunav: इकरा हसन का क्या होगा? आंकड़ों से समझिए कैराना में कौन सी पार्टी कितनी मजबूत

Kairana Election: इकरा से पहले की दो पीढ़ियों ने इस लोकसभा सीट पर अपनी छाप छोड़ी। तो क्या अब इस बार इकरा चौधरी अपनी वर्तमान पीढ़ी की पहली ऐसी सदस्य होंगी, जो इस सीट से सांसद चुनी जाएंगी? इस सवाल का जवाब आगामी 4 जून को ही मिल पाएगा। आपको बताते हैं इस सीट से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

इकरा हसन।

Loksabha Election 2024: कैराना से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए चौधरी नाहिद हसन की छोटी बहन इकरा हसन ने इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की। कैराना लोकसभा सीट का गणित बड़ा अजब-गजब है। यहां हसन परिवार का अच्छा खासा प्रभाव रहा है, यही वजह है कि इस सीट पर अब तक चार बार इसी परिवार के सदस्यों ने कब्जा जमाया है।

आंकड़ों से समझिए इस सीट का समीकरण

यदि बीते विधानसभा चुनाव 2022 का जिक्र करें तो जब अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी एकसाथ थे तो इस लोकसभा सीट में आने वाली 5 विधानसभा में से तीन पर सपा-आरएलडी का कब्जा था। लेकिन फिलहाल यहां पांच में से चार सीटों पर एनडीए का भौकाल है। वर्तमान में कैराना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिनमें नाकुर, गंगोह, कैराना, थाना भवन और शामली शामिल है। आपको बताते हैं कि किस सीट पर किसका कब्जा है।

किस विधानसभा सीट से कौन है विधायक?

विधानसभा सीटविधायक का नामपार्टी
नाकुरमुकेश चौधरीभारतीय जनता पार्टी
गंगोहकीरत सिंहभारतीय जनता पार्टी
कैरानानाहिद हसनसमाजवादी पार्टी
थाना भवनअशरफ अली खानराष्ट्रीय लोकदल
शामलीप्रसन्ना चौधरीराष्ट्रीय लोकदल
जब भाई के लिए इकरा ने लगाया एड़ी-चोटी का जोर

बात 2022 की है, जब यूपी में विधावसभा चुनाव थे। चौधरी नाहिद हसन ने कैराना से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए। लेकिन उनकी राह आसान नहीं थी। समाजवादी पार्टी के नाहिद को एक मामले में जेल जाना पड़ा था, उन्होंने आदर्श आचार सहिंता के दौरान पर्चा दाखिल किया और जेल चले गए। चुनाव के दौरान जेल में बंद नाहिद हसन के लिए उनकी छोटी बहन ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया और इकरा हसन ने बड़ी मशक्कत कर बड़े भाई को चुनाव में जीत दिलाई। अब सपा ने इकरा को खुद को साबित करने का मौका दिया है। इससे पहले इकरा ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए अपनी किस्मत आजमाई थी, जिसमें उन्हें एमएलसी वीरेंद्र सिंह के बेटे मनीष चौहान ने शिकस्त दे दी थी।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें

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