Lok Sabha Election 2024: कहां से चुनाव लड़ेंगे कन्हैया कुमार? BJP पर लगाया देश को धोखा देने का आरोप
Kanhaiya Kumar News: कन्हैया कुमार को बेगूसराय से झटका लगने के बाद लगातार ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे? माना जा रहा है कि वो अब बिहार नहीं, बल्कि दिल्ली की किसी सीट से चुनावी मैदान में ताल ठोक सकते हैं। इस बीच कन्हैया ने कहा है कि भाजपा ने ‘400 पार' का नारा दिया ताकि लोग नहीं पूछें कि पेट्रोल '100 पार' क्यों है।
क्या मनोज तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे कन्हैया कुमार?
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन की ओर से अब तक कई अहम सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है। कांग्रेस के कन्हैया कुमार किस सीट से चुनाव लड़ेंगे फिलहाल इसकी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। बिहार की बेगूसराय सीट कांग्रेस के खाते में नहीं, बल्कि आरजेडी के खाते में गई है। इस बीच उनके दिल्ली से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है। दावा किया जा रहा है कि मनोज तिवारी को टक्कर देने के लिए कन्हैया कुमार को कांग्रेस पार्टी उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है।
क्या दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे कन्हैया कुमार?
कन्हैया कुमार का कहना है कि अगर कांग्रेस उन्हें चुनाव में उतारना चाहेगी तो उनके लिए लोकसभा की 543 सीटें एक बराबर हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में कन्हैया कुमार ने लेफ्ट के टिकट पर बिहार के बेगूसराय से चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार के चुनाव के लिए कन्हैया का कहना है कि वो कहीं से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
कन्हैया ने भाजपा की '400 पार' नारे पर किया कटाक्ष
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘400 पार’ के नारे को ‘परसेप्शन मैनेजमेंट’ (धारणा बनाने की कवायद) और वास्तविकता बदलने का कुत्सित प्रयास करार देते हुए कहा है कि भाजपा को हार का डर है और ऐसे में वह देश को धोखा देने की कोशिश कर रही है। कुमार ने मीडिया से बातचीत में यह सवाल भी किया कि जो नेता कांग्रेस में रहकर चुनाव नहीं जीत सकते, उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के लिए भला क्या उपयोगिता है?
उन्होंने साथ ही कहा कि पहले सत्ता में रहे दलों की कहीं न कहीं यह ‘विफलता’ रही कि लोग ‘भाजपा के अतिवाद’ की तरफ आकर्षित हो गए, लेकिन यह स्थिति कभी भी बदल सकती है क्योंकि भारत का समाज प्रेम, समानता, सह-अस्तित्व और सहिष्णुता के साथ खड़ा होता है। यह पूछे जाने पर कि भाजपा ‘400 पार’ का नारा दे रही है, तो ऐसे में क्या यह नहीं लगता कि विमर्श की लड़ाई में विपक्ष कहीं पीछे छूट रहा है, उन्होंने कहा, ‘इस बात में ही भाजपा की हताशा झलकती है, हार का डर झलकता है। क्या आपने सुना है कि भारतीय क्रिकेट टीम आस्ट्रेलिया से मैच खेलने गई हो और मैच से पहले कह रही हो, 400 पार। नहीं कहती है। कहती है कि अच्छा खेलेंगे और विश्व कप जीतेंगे।’
दिल्ली से चुनाव लड़ने को लेकर कन्हैया ने क्या कहा?
मीडिया से बातचीत में कन्हैया कुमार ने बताया कि 'जब मैं पहली बार दिल्ली आया तो मैं नर्वस था। इसलिए अनजान का भय हमेशा रहता है। आपके अपने पैतृक स्थान से आपका भावनात्मक जुड़ाव रहता है और आप सहज महसूस करते हैं। लेकिन जहां तक राजनीति के मैदान की बात है, तो खुद को एक जगह तक सीमित नहीं देखता।'
कांग्रेस के बागी नेता के भाजपा में उपयोगिता पर किया सवाल
कन्हैया कुमार ने दावा किया कि ‘परसेप्शन मैनेजमेंट’ से वास्तविकता को बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘धारणा के आधार पर वास्तविकता को बदलने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। अगर 400 पार हो ही रहा है तो ‘फूंके हुए कारतूसों’ को अलग-अलग जगह से अपनी पार्टी में शामिल कराने का क्या मतलब है? मान लीजिए आप मैच जीत रहे हैं तो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान को घूस देने का क्या मतलब है या उसके संन्यास ले चुके खिलाड़ियों को अपने साथ लेने की क्या जरूरत है?’
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि अगर कोई कांग्रेस में रहकर चुनाव नहीं जीत रहा है तो भाजपा में उसकी क्या उपयोगिता है? उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं के पाला बदलने का हवाला देते हुए कहा, ‘आप जिन लोगों को बुरा-भला कहते थे अब उनकी तारीफ कर रहे हैं। कई ऐसे लोग थे जिन्हें राष्ट्रविरोधी शब्द से संबोधित किया जाता था, लेकिन अब वे भाजपा में हैं। ऐसा लगता है कि भाजपा को बेशर्मी की खदान हाथ लग गई है जब मौका मिलता है थोड़ी बेशर्मी निकाल लाती है। जो टीवी स्टूडियो में मुर्गे की तरह लड़ रहे थे, एक अब एक तरफ जाकर बैठे हैं।’
'क्या यह 400 पार का आत्मविश्वास है? यह धोखा है'
उन्होंने दावा किया, ‘क्या यह 400 पार का आत्मविश्वास है? यह धोखा है। यह देश को धोखा देने का कुत्सित प्रयास है। यह कहा जा रहा है ताकि 400 की संख्या में हजारों सवालों को गायब कर दिया जाए। कोई पूछे नहीं है कि पेट्रोल 100 के पार क्यों चला गया, इतनी महंगाई क्यों है? कन्हैया कुमार ने कहा, ‘कहते हैं कि अर्थव्यवस्था पांच हजार अरब डॉलर के पार जा रही है। अगर ऐसा है तो 80 करोड़ लोग कौन हैं जिन्हें मुफ्त का अनाज दिया जा रहा है और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘वास्तविकता छिपाने का बार-बार प्रयास किया जा रहा है। यह देश के उन लोगों का अपमान है जिन्हें मत देना है। अगर पहले से तय है कि सीट 400 पार होनी ही हैं तो चुनाव क्यों करा रहे हैं?’
कन्हैया कुमार ने कहा, ‘यह ‘परसेप्शन’ (धारणा बनाने) का खेल है। कांग्रेस इसे समझ रही है। इसी तरह (अटल बिहारी) वाजपेयी जी के समय में ‘इंडिया शाइनिंग’ की धारणा पैदा की गई थी, लेकिन चुनावी नतीजे आए तो पता चला कि राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की सरकार चली गई और संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की सरकार बनी।’ यह पूछे जाने पर कि हालिया चुनावी सफलताओं में नजर आई भाजपा की बढ़ती स्वीकार्यता का कारण क्या है और क्या ऐसा कांग्रेस के नेतृत्व के कारण है, कुमार ने कहा, ‘भाजपा अतिवाद, हिंसा और नफरत को प्राथमिकता देती है और दूसरी तरफ गांधी का विचार है जिसमें सर्वधर्म समभाव, एकता और प्रेम है।’
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