Kannauj Election Result: क्या कन्नौज का खोया किला वापस ले पाएंगे अखिलेश? Exit Poll में भाजपा से कड़ा मुकाबला

Kannauj Election Result: मुलायम सिंह यादव के जमाने से यह सीट समाजवादी पार्टी का अभेद किला रही है। 1999 में मुलायम सिंह यादव इस सीट से चुनाव जीते थे। हालांकि, उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 2000 में हुए उपचुनाव में अखिलेश यादव की एंट्री हुई। अखिलेश यादव के सियासी करियर की गवाह भी यह सीट रही है।

Kannauj Lok Sabha Seat

Kannauj Election Result: उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में शुमार कन्नौज लोकसभा सीट के नतीजे कल यानी 4 जून को जारी होंगे। समाजवादी पार्टी का गढ़ रही इस लोकसभा सीट पर 2019 से भाजपा का कब्जा है और सुब्रत पाठक यहां से सांसद हैं। भाजपा इस बार भी कन्नौज में सुब्रत पाठक की जीत को लेकर आश्वस्त थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस सीट से अपनी दावेदारी ठोंक कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। कई एग्जिट पोल में इस सीट पर सपा को बढ़त मिलती दिखाई दे रही तो कुछ एग्जिट पोल कड़े मुकाबले का दावा कर रहे हैं। हालांकि, इस गहमागहमी से पर्दा अंतिम नतीजों के बाद ही उठेगा।

कन्नौज लोकसभा सीट की बात करें तो मुलायम सिंह यादव के जमाने से यह सीट समाजवादी पार्टी का अभेद किला रही है। 1999 में मुलायम सिंह यादव इस सीट से चुनाव जीते थे। हालांकि, उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 2000 में हुए उपचुनाव में अखिलेश यादव की एंट्री हुई। अखिलेश यादव के सियासी करियर की गवाह भी यह सीट रही है।

2009 तक रहे सांसद फिर पत्नी डिंपल को सौंपी विरासत

अखिलेश यादव ने इस सीट पर 2000 के बाद 2004 और 2009 में भी जीत हासिल की। 2012 में अखिलेश यादव ने इस सीट से इस्तीफा दे दिया और उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बन गए। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा और वह निर्विरोध चुनी गईं। 2014 के चुनाव में डिंपल यादव ने भाजपा के सुब्रत पाठक को 19,907 वोटों से हराया था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को 12,353 वोटों से हराकर कन्नौज लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी।

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