शरद पवार के फैसले से MVA में पड़ी दरार? भिवंडी में कपिल पाटिल vs बाल्या मामा का मुकाबला; जानें इस सीट का इतिहास

Maharashtra Loksabha Election: भिवंडी लोकसभा सीट का इतिहास बड़ा ही रोचक है। यहां से इस बार भाजपा के कपिल पाटिल और राकांपा उम्मीदवार सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे उर्फ बाल्या मामा के बीच मुकाबला हो रहा है। दिलचस्प बात ये है कि उन्हें एमवीए के भीतर ही विरोध झेलना पड़ रहा है। आपको इस सीट का इतिहास बताते हैं।

Bhiwandi Lok Sabha Seat Election Formula

महाराष्ट्र की भिवंडी सीट का समीकरण समझिए।

Hot Seat: लोकसभा चुनाव 2024 के सात चरणों में से 4 चरणों के लिए मतदान हो चुके हैं। 5वें चरण के लिए तमाम सियासी पार्टियों के बीच जोर-आजमाइश देखने को मिल रही है। महाराष्ट्र की भिवंडी लोकसभा सीट पर भी 20 मई को ही वोटिंग होनी है। देशभर में जहां NDA बनाम INDI गठबंधन की लड़ाई देखने को मिल रही है, तो भिवंड़ी सीट का हाल कुछ अलग ही नजर आ रहा है। यहां विपक्षी दलों के बीच आपस में ही दरार बढ़ गया है।

कपिल पाटिल vs सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे (बाल्या मामा)

भिवंडी लोकसभा सीट पर मौजूदा भाजपा सांसद कपिल पाटिल और एनसीपी उम्मीदवार सुरेश उर्फ बाल्या मामा म्हात्रे मैदान के बीच मुकाबला हो रहा है। इस सीट पर ऐसे हालात बनते नजर आ रहे हैं कि बाल्या मामा का मुकाबला सिर्फ भाजपा उम्मीदवार कपिल पाटिल से ही नहीं, बल्कि खुद विपक्षी गठबंधन के ही सहयोगी दलों से हो रहा है। कांग्रेस और शिवसेना (यूटीबी) के नेता चुनावी सरगर्मी के बीच बाल्या मामा के चुनाव से कन्नी काटते पाए जा रहे हैं।

कांग्रेस की ओर से झेलना पड़ रहा अंदरूनी विरोध

बाल्या मामा का राजनीतिक सफर ही कुछ ऐसा रहा है कि वो अबतक कई पार्टियों का दामन थाम चुके हैं। एनसीपी से पहले वो शिंदे की शिवसेना में रहे। उससे पहले मनसे में भी रहे। दलों के बदलने के सिलसिले से जनता में बाल्या मामा के प्रति गलत संदेश भी देखा जा रहा है। बाल्या मामा को लेकर लोगों में नाराजगी है तो जनता के अलावा कांग्रेस की ओर से भी उन्हें विरोध झेलना पड़ रहा है। उसकी वजह यह है कि जिस सीट पर बाल्या मामा 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, उस पर कांग्रेस ने दावा किया था। इसके बावजूद एनसीपी ने बाल्या मामा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। ऐसे में कांग्रेस के अंदरखाने उनका विरोध देखने को मिल रहा है।

पलटूराम वाली छवि से बढ़ी बाल्या मामा की चुनौती

सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे के राजनीति सफर पर नजर डालें तो उन्होंने 2009 में भिवंडी (पश्चिम) विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना (तत्कालीन) से विधानसभा चुनाव लड़ा था। वहीं, 2014 में मनसे से भिवंडी लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। उनकी पलटूराम वाली छवि के चलते उन्हें भारी विरोध झेलना पड़ रहा है। आपको पहले भिवंडी लोकसभा सीट के इतिहास से रूबरू करवाते हैं।

भिवंडी सीट से कब कौन-कौन रहा सांसद?

वर्षनामपार्टी
1962यशवंतराव मुक्नेभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967सोनूभाऊ बसवंतभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971वैजनाथ धामनकरभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977निर्वाचन क्षेत्र समाप्त कर दिया गया
2009सुरेश टावरेभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2014कपिल पाटिलभारतीय जनता पार्टी
2019कपिल पाटिलभारतीय जनता पार्टी
सवाल सिर्फ बाल्या मामा पर ही नहीं, शरद पवार गुट की एनसीपी पर भी उठ रहे हैं। टिकट बंटवारे को लेकर एनसीपी (एसपी) में काफी नाराजगी देखने को मिली। दरअसल, इसी साल 6 फरवरी को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट की एनसीपी को असली बताया। जिसके बाद से शरद पवार गुट की एनसीपी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं पीएम मोदी ने तो अपनी एक जनसभा में यह दावा भी कर दिया कि नकली राष्ट्रवादी पार्टी (शरद पवार) का कांग्रेस में विलय होना पक्का है।

भिवंडी सीट पर किस-किसके बीच मुकाबला?

पार्टीउम्मीदवार
भाजपाकपिल पाटिल
राकांपा(सपा)सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे (बाल्या मामा)
भिवंडी की जनता इस बार किसे सांसद बनाकर दिल्ली भेजती है, इसका फैसला 20 मई को EVM में कैद हो जाएगा। वोटिंग के बाद 4 जून को नतीजे आएंगे और ये साफ हो जाएगा कि क्या भाजपा के कपिल पाटिल के काम से लोग खुश हैं या फिर वो इस बार बाल्या मामा पर भरोसा जताना चाहते हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited